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110 साल बाद फिर हिमाचल में सूखे के हालात, प्रदेश में प्रभावित हुई रबी की फसल

Drought Situation In Himachal: 110 साल बाद फिर से हिमाचल में बारिश और बर्फबारी नहीं होने से सूखे के हालात बन गए हैं. प्रदेश में 20 प्रतिशत रबी की फसल प्रभावित हुई है. वहीं, प्रदेश के 70 प्रतिशत कृषि क्षेत्र में नही सिंचाई की व्यवस्था नहीं है.

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jan 27, 2024, 5:38 PM IST

कुल्लू: हिमाचल प्रदेश में बीते दिसंबर और इस जनवरी माह में बारिश न होने से अब सूखे की स्थिति बन गई है. ऐसे में रबी की फसल खासी प्रभावित हुई है. अब अगर बारिश या बर्फबारी नहीं होती है तो आने वाला कृषि सीजन इससे बुरी तरह से प्रभावित होगा. वहीं, रबी की फसल के लिए अब कृषि विभाग द्वारा पूरे प्रदेश में नुकसान का आकलन भी किया जा रहा है.

फिलहाल कृषि विभाग द्वारा अभी तक यह नुकसान 20% तक दर्ज किया गया है, लेकिन पूरी रिपोर्ट आने के बाद इस नुकसान के बढ़ने की भी आशंका जताई जा रही है. हिमाचल प्रदेश में बारिश और बर्फबारी की वजह से देरी से जिन भी क्षेत्रों में बुवाई की गई है, वहां पर काफी नुकसान हुआ है.

हिमाचल प्रदेश की अगर बात करें तो दिसंबर माह में सामान्य से 85% तक कम वर्षा दर्ज की गई है. जबकि जनवरी माह में करीब 110 सालों के बाद ऐसे सूखे की स्थिति बनी है. हिमाचल प्रदेश में किसानों द्वारा गेहूं, जो, चना और मटर आदि फसल बिजी गई है. सिंचित क्षेत्र में भी किसानों द्वारा सब्जियां लगाने का काम शुरू किया गया है, लेकिन समय पर बारिश न होने के चलते यह सभी फसलें पूरी तरह से प्रभावित हुई है.

Drought situation in Himachal
110 साल बाद फिर हिमाचल में सूखे के हालात

कृषि विभाग से मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश में 30% ऐसा कृषि इलाका है, जो सिंचित क्षेत्र के तहत आता है. जबकि 70% कृषि क्षेत्र ऐसा है. जहां पर सिंचाई की कोई व्यवस्था नहीं है. सिंचाई की व्यवस्था न होने के चलते गेहूं जो, मटर और सरसों की फसल प्रभावित हुई है. ऐसे में कृषि विभाग द्वारा सभी जिला अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वह अपने-अपने इलाकों में सूखे से प्रभावित हुई. फसलों की रिपोर्ट को तैयार करें.

कृषि विभाग से मिली आंकड़ों के अनुसार बीते 110 सालों में इस तरह के हालात 11वीं बार बने हैं. जब बारिश का न्यूनतम स्तर -99.7 फीसदी आंका गया है. इस समय बारिश का आकलन 43 फीसदी होना चाहिए, लेकिन अभी तक एक फीसदी बारिश भी नहीं हो पाई है. यही कारण है की मौसम की बेरुखी के चलते सब्जियां भी बुरी तरह से प्रभावित हो रही है. इससे पहले साल 2018 में भी इसी तरह के सूखे के हालात बने थे और अब साल 2024 में भी यही स्थिति बनी हुई है.

समय पर बारिश न होने के चलते हिमाचल प्रदेश में कोहरा भी खूब छा रहा है. हिमाचल प्रदेश के निचले इलाकों में कोहरे के चलते जनजीवन प्रभावित हुआ है. हिमाचल प्रदेश के निचले इलाकों में कोहरे के चलते जनजीवन प्रभावित हुआ है और वाहन चालकों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. कोहरे के चलते सड़कों पर दुर्घटनाएं भी हो रही है और ठंड भी काफी बढ़ गई है.

Drought situation in Himachal
हिमाचल प्रदेश में प्रभावित हुई रबी की फसल

सूखे के चलते हिमाचल प्रदेश के जंगलों में भी आग की घटनाएं बढ़ गई है. जनवरी महीने की अगर बात करें तो हिमाचल प्रदेश में इस माह 190 से अधिक आग लगने की घटनाएं पेश आई है. जिससे 3 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति और वन संपदा को नुकसान हुआ है. जंगलों में सूखी घास को ठिकाने लगाने के लिए लोग आग लगा देते हैं और इसे पूरे प्रदेश में वन संपदा बुरी तरह से प्रभावित हो रही है.

हिमाचल प्रदेश कृषि विभाग की निदेशक कुमुद सिंह का कहना है कि सूखे के चलते रबी की फसल बुरी तरह से प्रभावित हुई है. इसके बारे में सभी जिला के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं और सूखे से प्रभावित फसलों का आकलन भी किया जा रहा है. जिन इलाकों में सिंचाई की व्यवस्था है. वहां पर फसलों पर ज्यादा असर नहीं पड़ा है. ऐसे में पूरी रिपोर्ट तैयार कर सरकार को सौंप जाएगी.

बागवानी विभाग के उपनिदेशक डॉ बीएम चौहान का कहना है कि फलदार पेड़ अभी सुप्त अवस्था में है. ऐसे में प्रदेश के विभिन्न इलाकों में ठंड भी अभी काफी है. उम्मीद है कि जल्द ही चिलिंग आवर पूरे हो जाएंगे, लेकिन अगर अब समय पर बारिश नहीं होती है तो पेड़ सुप्त अवस्था से जाग जाएंगे और इनमें फ्लावरिंग शुरू हो जाएगी. जल्दी फ्लावरिंग होने के चलते आने वाले समय में फलदार पेड़ों की फसलों को नुकसान हो सकता है.

ये भी पढ़ें: Himachal Weather: 26 से 28 जनवरी तक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी की संभावना, निचले इलाकों के लिए धुंध का Alert

कुल्लू: हिमाचल प्रदेश में बीते दिसंबर और इस जनवरी माह में बारिश न होने से अब सूखे की स्थिति बन गई है. ऐसे में रबी की फसल खासी प्रभावित हुई है. अब अगर बारिश या बर्फबारी नहीं होती है तो आने वाला कृषि सीजन इससे बुरी तरह से प्रभावित होगा. वहीं, रबी की फसल के लिए अब कृषि विभाग द्वारा पूरे प्रदेश में नुकसान का आकलन भी किया जा रहा है.

फिलहाल कृषि विभाग द्वारा अभी तक यह नुकसान 20% तक दर्ज किया गया है, लेकिन पूरी रिपोर्ट आने के बाद इस नुकसान के बढ़ने की भी आशंका जताई जा रही है. हिमाचल प्रदेश में बारिश और बर्फबारी की वजह से देरी से जिन भी क्षेत्रों में बुवाई की गई है, वहां पर काफी नुकसान हुआ है.

हिमाचल प्रदेश की अगर बात करें तो दिसंबर माह में सामान्य से 85% तक कम वर्षा दर्ज की गई है. जबकि जनवरी माह में करीब 110 सालों के बाद ऐसे सूखे की स्थिति बनी है. हिमाचल प्रदेश में किसानों द्वारा गेहूं, जो, चना और मटर आदि फसल बिजी गई है. सिंचित क्षेत्र में भी किसानों द्वारा सब्जियां लगाने का काम शुरू किया गया है, लेकिन समय पर बारिश न होने के चलते यह सभी फसलें पूरी तरह से प्रभावित हुई है.

Drought situation in Himachal
110 साल बाद फिर हिमाचल में सूखे के हालात

कृषि विभाग से मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश में 30% ऐसा कृषि इलाका है, जो सिंचित क्षेत्र के तहत आता है. जबकि 70% कृषि क्षेत्र ऐसा है. जहां पर सिंचाई की कोई व्यवस्था नहीं है. सिंचाई की व्यवस्था न होने के चलते गेहूं जो, मटर और सरसों की फसल प्रभावित हुई है. ऐसे में कृषि विभाग द्वारा सभी जिला अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वह अपने-अपने इलाकों में सूखे से प्रभावित हुई. फसलों की रिपोर्ट को तैयार करें.

कृषि विभाग से मिली आंकड़ों के अनुसार बीते 110 सालों में इस तरह के हालात 11वीं बार बने हैं. जब बारिश का न्यूनतम स्तर -99.7 फीसदी आंका गया है. इस समय बारिश का आकलन 43 फीसदी होना चाहिए, लेकिन अभी तक एक फीसदी बारिश भी नहीं हो पाई है. यही कारण है की मौसम की बेरुखी के चलते सब्जियां भी बुरी तरह से प्रभावित हो रही है. इससे पहले साल 2018 में भी इसी तरह के सूखे के हालात बने थे और अब साल 2024 में भी यही स्थिति बनी हुई है.

समय पर बारिश न होने के चलते हिमाचल प्रदेश में कोहरा भी खूब छा रहा है. हिमाचल प्रदेश के निचले इलाकों में कोहरे के चलते जनजीवन प्रभावित हुआ है. हिमाचल प्रदेश के निचले इलाकों में कोहरे के चलते जनजीवन प्रभावित हुआ है और वाहन चालकों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. कोहरे के चलते सड़कों पर दुर्घटनाएं भी हो रही है और ठंड भी काफी बढ़ गई है.

Drought situation in Himachal
हिमाचल प्रदेश में प्रभावित हुई रबी की फसल

सूखे के चलते हिमाचल प्रदेश के जंगलों में भी आग की घटनाएं बढ़ गई है. जनवरी महीने की अगर बात करें तो हिमाचल प्रदेश में इस माह 190 से अधिक आग लगने की घटनाएं पेश आई है. जिससे 3 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति और वन संपदा को नुकसान हुआ है. जंगलों में सूखी घास को ठिकाने लगाने के लिए लोग आग लगा देते हैं और इसे पूरे प्रदेश में वन संपदा बुरी तरह से प्रभावित हो रही है.

हिमाचल प्रदेश कृषि विभाग की निदेशक कुमुद सिंह का कहना है कि सूखे के चलते रबी की फसल बुरी तरह से प्रभावित हुई है. इसके बारे में सभी जिला के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं और सूखे से प्रभावित फसलों का आकलन भी किया जा रहा है. जिन इलाकों में सिंचाई की व्यवस्था है. वहां पर फसलों पर ज्यादा असर नहीं पड़ा है. ऐसे में पूरी रिपोर्ट तैयार कर सरकार को सौंप जाएगी.

बागवानी विभाग के उपनिदेशक डॉ बीएम चौहान का कहना है कि फलदार पेड़ अभी सुप्त अवस्था में है. ऐसे में प्रदेश के विभिन्न इलाकों में ठंड भी अभी काफी है. उम्मीद है कि जल्द ही चिलिंग आवर पूरे हो जाएंगे, लेकिन अगर अब समय पर बारिश नहीं होती है तो पेड़ सुप्त अवस्था से जाग जाएंगे और इनमें फ्लावरिंग शुरू हो जाएगी. जल्दी फ्लावरिंग होने के चलते आने वाले समय में फलदार पेड़ों की फसलों को नुकसान हो सकता है.

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