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वकील को शांतिभंग में गिरफ्तार करना पड़ा भारी, कोर्ट ने तहसीलदार, थानाधिकारी के खिलाफ कार्रवाई के दिए आदेश

बूंदी में रायथल में एक वकील को शांतिभंग में गिरफ्तार करना थानाधिकारी को भारी पड़ गया. कोर्ट ने थानाधिकारी और तहसीलदार के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए हैं.

advocate arrested in Bundi by SHO
वकील को शांतिभंग में गिरफ्तार करना पड़ा भारी
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 4, 2024, 7:09 PM IST

बूंदी. जिले के एक थानाअधिकारी व तहसीलदार को थाने में फरियादी की तरफ से गए वकील को शांतिभंग में गिरफ्तार करना भारी पड़ गया. जिला सेशन न्यायाधीश दिनेश कुमार गुप्ता ने बूंदी के वकील को शांतिभंग में गिरफ्तार करने के मामले में रायथल थाना अधिकारी, रायथल तहसीलदार एवं अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं.

गत 9 दिसंबर को रायथल थाना पुलिस ने अपने पक्षकार बनवारी के साथ थाने में गए एडवोकेट रमेश चंद्र को शांतिभंग के मामले में गिरफ्तार कर लोकअप में डाल दिया था. पुलिस द्वारा 24 घंटे बाद एडवोकेट रमेश चंद्र को कार्यपालक मजिस्ट्रेट तहसीलदार के समक्ष पेश किया गया. जहां एडवोकेट ने कार्यपालक मजिस्ट्रेट को बताया कि वह पेशे से वकील है. उसका किसी भी पक्ष से कोई निजी संबंध नहीं है, ना ही उसका किसी मारपीट, गालीगलौच और धमकी देने की घटना में कोई योगदान रहा है. लेकिन तहसीलदार ने पक्ष को विचार में लिए बिना केवल थानाअधिकारी रायथल के कहने पर आक्षेपित आदेश पारित किया.

पढ़ें: आसाराम के उपचार को लेकर समर्थकों के दो गुट आए आमने-सामने, वकील से की मारपीट, मामला दर्ज

एडवोकेट रमेश चंद्र ने पुलिस कार्रवाई और कार्यपालक मजिस्ट्रेट के निर्णय के विरुद्ध जिला सेशन न्यायालय में निगरानी याचिका पेश की. जिस पर सुनवाई के बाद न्यायालय ने आक्षेपित आदेश को अपास्त कर दिया. न्यायालय ने पुलिस महानिदेशक को आदेश की प्रति भेज कर रायथल थाना अधिकारी बाबूलाल मीणा व अन्य पुलिसकर्मियों के विरुद्ध जांच कर कठोर कानूनी कार्रवाई एवं अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. न्यायालय ने जांच के दौरान थाना अधिकारी एवं अन्य पुलिसकर्मियों को निलंबित अथवा लाइन हाजिर कर जांच रिपोर्ट 16 मार्च को न्यायालय में पेश करने को कहा है. न्यायालय ने आक्षेपित आदेश जारी करने पर तहसीलदार रायथल के खिलाफ भी समुचित कानूनी एवं अनुशासनात्मक कार्रवाई के जिला मजिस्ट्रेट एवं जिला कलेक्टर बूंदी को निर्देश दिए हैं.

पढ़ें: करौली: जिला कलेक्टर लंबित प्रकरणों पर त्वरित कार्रवाई के दिए आदेश, 8 मामलों का मौके पर निस्तारण

अभिभाषक परिषद के अध्यक्ष चंद्रशेखर शर्मा एवं कार्यकारिणी के पदाधिकारी ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन देकर एक अधिवक्ता के खिलाफ थानाअधिकारी और तहसीलदार द्वारा की गई कार्रवाई के खिलाफ जिला कलेक्टर एवं जिला पुलिस अधीक्षक से मिलकर कार्रवाई करने की मांग भी की गई थी. जिला सेशन एवं सत्र न्यायाधीश को भी अभिभाषक परिषद अध्यक्ष चंद्रशेखर शर्मा, सचिव संजय जैन की ओर से कठोर कार्रवाई करने की अपील की थी.

बूंदी. जिले के एक थानाअधिकारी व तहसीलदार को थाने में फरियादी की तरफ से गए वकील को शांतिभंग में गिरफ्तार करना भारी पड़ गया. जिला सेशन न्यायाधीश दिनेश कुमार गुप्ता ने बूंदी के वकील को शांतिभंग में गिरफ्तार करने के मामले में रायथल थाना अधिकारी, रायथल तहसीलदार एवं अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं.

गत 9 दिसंबर को रायथल थाना पुलिस ने अपने पक्षकार बनवारी के साथ थाने में गए एडवोकेट रमेश चंद्र को शांतिभंग के मामले में गिरफ्तार कर लोकअप में डाल दिया था. पुलिस द्वारा 24 घंटे बाद एडवोकेट रमेश चंद्र को कार्यपालक मजिस्ट्रेट तहसीलदार के समक्ष पेश किया गया. जहां एडवोकेट ने कार्यपालक मजिस्ट्रेट को बताया कि वह पेशे से वकील है. उसका किसी भी पक्ष से कोई निजी संबंध नहीं है, ना ही उसका किसी मारपीट, गालीगलौच और धमकी देने की घटना में कोई योगदान रहा है. लेकिन तहसीलदार ने पक्ष को विचार में लिए बिना केवल थानाअधिकारी रायथल के कहने पर आक्षेपित आदेश पारित किया.

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एडवोकेट रमेश चंद्र ने पुलिस कार्रवाई और कार्यपालक मजिस्ट्रेट के निर्णय के विरुद्ध जिला सेशन न्यायालय में निगरानी याचिका पेश की. जिस पर सुनवाई के बाद न्यायालय ने आक्षेपित आदेश को अपास्त कर दिया. न्यायालय ने पुलिस महानिदेशक को आदेश की प्रति भेज कर रायथल थाना अधिकारी बाबूलाल मीणा व अन्य पुलिसकर्मियों के विरुद्ध जांच कर कठोर कानूनी कार्रवाई एवं अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. न्यायालय ने जांच के दौरान थाना अधिकारी एवं अन्य पुलिसकर्मियों को निलंबित अथवा लाइन हाजिर कर जांच रिपोर्ट 16 मार्च को न्यायालय में पेश करने को कहा है. न्यायालय ने आक्षेपित आदेश जारी करने पर तहसीलदार रायथल के खिलाफ भी समुचित कानूनी एवं अनुशासनात्मक कार्रवाई के जिला मजिस्ट्रेट एवं जिला कलेक्टर बूंदी को निर्देश दिए हैं.

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अभिभाषक परिषद के अध्यक्ष चंद्रशेखर शर्मा एवं कार्यकारिणी के पदाधिकारी ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन देकर एक अधिवक्ता के खिलाफ थानाअधिकारी और तहसीलदार द्वारा की गई कार्रवाई के खिलाफ जिला कलेक्टर एवं जिला पुलिस अधीक्षक से मिलकर कार्रवाई करने की मांग भी की गई थी. जिला सेशन एवं सत्र न्यायाधीश को भी अभिभाषक परिषद अध्यक्ष चंद्रशेखर शर्मा, सचिव संजय जैन की ओर से कठोर कार्रवाई करने की अपील की थी.

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