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लाल मिर्च पाउडर में पकड़ी गई थी मिलावट, कोर्ट ने दी 6 माह की सजा, लगाया 2.50 लाख रुपए का जुर्माना - Adulterator sentenced for 6 months - ADULTERATOR SENTENCED FOR 6 MONTHS

लाल मिर्च में मिलावट करने वाले आरोपी को जोधपुर की एक कोर्ट ने 6 माह की सजा सुनाई है. इसके साथ ही 2.50 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है. मिलावट का ये मामला अक्टूबर 2017 में सामने आया था.

Adulterator sentenced for 6 months
मिलावटखोर को 6 महीने की सजा (ETV Bharat Jodhpur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jul 4, 2024, 5:49 PM IST

Updated : Jul 4, 2024, 10:05 PM IST

मिलावटखोर को 6 महीने की सजा (ETV Bharat Jodhpur)

जोधपुर. मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट जोधपुर करुणा शर्मा ने मिलावट के मामले में फैसला देते हुए अभियुक्त को 2 मामलों 6 माह का कारावास और कुल 2.50 लाख रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है.

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जोधपुर शहर डॉ सुरेंद्र सिंह शेखावत ने बताया कि खाद्य सुरक्षा अधिकारी रजनीश शर्मा की टीम द्वारा 19 अक्टूबर, 2017 की दीपावली की रात को पीपाड़ के महेंद्र मसाला उद्योग पर कार्रवाई कर नमूने लिए थे. करीबन 4340 किलोग्राम लाल मिर्च पाउडर मिलावट होने के संदेह में जब्त किया गया था. खाद्य सुरक्षा प्रयोगशाला में नियमानुसार जांच करने पर मिर्च पाउडर में गैर अनुमत तेल में घुलनशील अखाद्य रंग सूडान IV एवं स्टार्च की मिलावट होने की पुष्टि की गई थी.

पढ़ें: घर में सास-बहू बना रही थी नकली दूध, विजिलेंस की टीम ने मारा छापा, जानें फिर क्या हुआ...

लंबा चला कोर्ट में मामला: खाद्य सुरक्षा अधिकारी रजनीश शर्मा ने बताया कि जांच रिपोर्ट के साथ अग्रिम कार्रवाई के लिए मामला कोर्ट में प्रस्तुत किया गया. जिसकी सुनवाई करते हुए न्यायालय ने खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 एवं 2011 के तहत दो प्रकरणों में असुरक्षित मिर्च पाउडर के निर्माण करने के कारण धारा 59(i) में अभियुक्त महेंद्र जैन को 3-3 माह का कारावास एवं 50000 रुपए जुर्माना एवं धारा 63 के तहत बिना खाद्य लाइसेंस के खाद्य कारोबार करने के कारण 3-3 माह का कारावास एवं 50000 रुपए जुर्माना एवं मिसब्रांडेड खाद्य पदार्थ विक्रय करने के कारण धारा 52 के तहत 50000 रुपए जुर्माना लगाया. इस तरह कुल छह माह की सजा और ढाई लाख का जुर्माना लगाया गया है. जुर्माना जमा नहीं कराने की स्थिति में 15 दिवस का अतिरिक्त कारावास से दंडित किया जाने का फैसला सुनाया गया है.

पढ़ें: Shudh Ke Liye Yudh: 3 फर्मों पर कार्रवाई, पकड़ी मूंग की दाल में पीले कलर की मिलावट

अनसेफ मामले जाते हैं कोर्ट में: प्रयोगशाला में खाद्य सामग्री की जांच के परिणाम तीन तरीके से सामने आते हैं. इनमें सब स्टैंडर्ड, मिस ब्रांडिंग और अनसेफ कैटेगरी होती है. सब स्टैंडर्ड और मिस ब्रांडिंग मामलों में एडीएम कोर्ट जुर्माना लगाता है. जबकि अनसेफ पाई गई खाद्य सामग्री के मामले न्यायालय में दायर किए जाते हैं. जोधपुर में वर्ष 2023 में कुल 829 नमूने लिए गए. जिनमें 113 सब स्टैंडर्ड, 49 मिस ब्रांडिंग और 15 मामले अनसेफ पाए गए थे. 2024 में 347 नमूने अब तक लिए गए हैं. जिनमें सब स्टैंडर्ड 60 पाए गए हैं जबकि अनसेफ मामलों की संख्या 12 है.

मिलावटखोर को 6 महीने की सजा (ETV Bharat Jodhpur)

जोधपुर. मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट जोधपुर करुणा शर्मा ने मिलावट के मामले में फैसला देते हुए अभियुक्त को 2 मामलों 6 माह का कारावास और कुल 2.50 लाख रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है.

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जोधपुर शहर डॉ सुरेंद्र सिंह शेखावत ने बताया कि खाद्य सुरक्षा अधिकारी रजनीश शर्मा की टीम द्वारा 19 अक्टूबर, 2017 की दीपावली की रात को पीपाड़ के महेंद्र मसाला उद्योग पर कार्रवाई कर नमूने लिए थे. करीबन 4340 किलोग्राम लाल मिर्च पाउडर मिलावट होने के संदेह में जब्त किया गया था. खाद्य सुरक्षा प्रयोगशाला में नियमानुसार जांच करने पर मिर्च पाउडर में गैर अनुमत तेल में घुलनशील अखाद्य रंग सूडान IV एवं स्टार्च की मिलावट होने की पुष्टि की गई थी.

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लंबा चला कोर्ट में मामला: खाद्य सुरक्षा अधिकारी रजनीश शर्मा ने बताया कि जांच रिपोर्ट के साथ अग्रिम कार्रवाई के लिए मामला कोर्ट में प्रस्तुत किया गया. जिसकी सुनवाई करते हुए न्यायालय ने खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 एवं 2011 के तहत दो प्रकरणों में असुरक्षित मिर्च पाउडर के निर्माण करने के कारण धारा 59(i) में अभियुक्त महेंद्र जैन को 3-3 माह का कारावास एवं 50000 रुपए जुर्माना एवं धारा 63 के तहत बिना खाद्य लाइसेंस के खाद्य कारोबार करने के कारण 3-3 माह का कारावास एवं 50000 रुपए जुर्माना एवं मिसब्रांडेड खाद्य पदार्थ विक्रय करने के कारण धारा 52 के तहत 50000 रुपए जुर्माना लगाया. इस तरह कुल छह माह की सजा और ढाई लाख का जुर्माना लगाया गया है. जुर्माना जमा नहीं कराने की स्थिति में 15 दिवस का अतिरिक्त कारावास से दंडित किया जाने का फैसला सुनाया गया है.

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अनसेफ मामले जाते हैं कोर्ट में: प्रयोगशाला में खाद्य सामग्री की जांच के परिणाम तीन तरीके से सामने आते हैं. इनमें सब स्टैंडर्ड, मिस ब्रांडिंग और अनसेफ कैटेगरी होती है. सब स्टैंडर्ड और मिस ब्रांडिंग मामलों में एडीएम कोर्ट जुर्माना लगाता है. जबकि अनसेफ पाई गई खाद्य सामग्री के मामले न्यायालय में दायर किए जाते हैं. जोधपुर में वर्ष 2023 में कुल 829 नमूने लिए गए. जिनमें 113 सब स्टैंडर्ड, 49 मिस ब्रांडिंग और 15 मामले अनसेफ पाए गए थे. 2024 में 347 नमूने अब तक लिए गए हैं. जिनमें सब स्टैंडर्ड 60 पाए गए हैं जबकि अनसेफ मामलों की संख्या 12 है.

Last Updated : Jul 4, 2024, 10:05 PM IST
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