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आजादी के बाद से नहीं बनी सड़क, मुश्किल में जी रहे राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र

एमसीबी जिले के कटकोना गांव में रहने वाल पंडो जनजाति के लोग एक अदद सड़क के लिए तरस रहे हैं.

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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : 2 hours ago

Adopted son of President
आजादी के बाद से नहीं बनीं सड़क (ETV Bharat Chhattisgarh)

मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर: छत्तीसगढ़ प्रदेश के जिला एमसीबी अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत कटकोना के नेवारी बहरा पंडो बस्ती के लोग एक सड़क के लिए तरस रहे हैं. इस बस्ती में करीब 50 घर हैं,जिसमें 300 की आबादी में पण्डो जनजाति के लोग रहते हैं. जिन्हें सड़क मार्ग के लिए रोज जद्दोजहद करना पड़ता है. दुर्गम रास्तों के बीच राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहे जाने वाले पण्डो जाति के लोग अनेक दिक्कतों का सामना कर रहे हैं.


दो दशकों से सड़क बनने का इंतजार : आपको बता दें कि एमसीबी जिले के खड़गवां जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत कटकोना के नेवारी बहरा पंडो बस्ती के लोग दुर्गम और कच्ची सड़कों पर चलने को मजबूर हैं. छत्तीसगढ़ प्रदेश में सरकार बदल गई.लेकिन ग्राम पंचायत कटकोना के नेवारी बहरा पंडो बस्ती के निवासियों की हालत नहीं बदली.

Adopted son of President
आजादी के बाद से नहीं बनीं सड़क (ETV Bharat Chhattisgarh)

कई वर्षों से सड़क की मांग की जा रही है.लेकिन गांव में आने जाने के लिए सड़क नहीं बनाई गई.बारिश के दिनों में सबसे ज्यादा परेशानी होती है-राम नाथ पण्डो,पंच

दुर्गम रास्तों में चलना मुश्किल : यहां रहने वाले लोग आज भी कठिन और दुर्गम रास्तों के बीच चलने को मजबूर हैं.जब ईटीवी भारत की टीम रिपोर्टिंग करने पहुंची तो वहां के हालात देखकर दंग रह गई. आश्चर्य की बात ये है कि इस बस्ती में जब कोई बीमार होता है या फिर किसी महिला की डिलीवरी होनी रहती है तो उसे खाट से करीब 5 से 7 किलोमीटर पैदल लेकर मुख्य मार्ग तक ले जाया जाता है.


वहीं जनप्रतिनिधियों का कहना है कि प्रदेश सरकार इसके लिए जिम्मेदार हैं.लेकिन आरोप लगाने से पहले ये नहीं सोच रहे हैं कि इस सरकार से पहले उनकी भी सरकार इस प्रदेश में थी यही नहीं विधायक भी क्षेत्रीय ही था.तब इस सड़क को क्यों नहीं बनाया गया.

आजादी के बाद से नहीं बनी सड़क (ETV Bharat Chhattisgarh)

इस सरकार में किसी तरह का काम नहीं हो रहा है.जिस गांव की आप बात कर रहे हैं वहां हालत इतना खराब है कि बारिश के दिनों में खाट में रखकर बीमार को 5 से 7 किलोमीटर पैदल चलकर एंबुलेंस तक पहुंचाया जाता है- मनोज शर्मा,कांग्रेस नेता


ईटीवी भारत ने 300 पंडो जनजाति के लोगों की बस्ती का सच्ची तस्वीर आपके सामने पेश की है. यहां आजादी के बाद से अब तक सड़क नहीं बन पाई. वहीं समय-समय पर अधिकारी इन क्षेत्रों में पहुंचकर शिविर कैंप और भ्रमण भी करते हैं. लेकिन उन्हें इन बस्ती में जाने के लिए दुर्गम रास्तों को ठीक करने का ख्याल नहीं आता. यही कारण है कि आज तक ग्राम पंचायत कटकोना के नेवारी बहरा पण्डो बस्ती में सड़क मार्ग नहीं बन पाया है.गांव के सरपंच का कहना है कि गांव में नेता चुनाव के समय आते हैं,लेकिन फिर कोई नहीं आता.

नेता लोग चुनाव के समय गांव में आते हैं.तब सड़क बनाने की बात कहते हैं.लेकिन चुनाव होने के बाद कोई नहीं आता.इसी वजह से सड़क नहीं बनी- गोपाल सिंह,उपसरपंच

अब देखने वाली बात यह होगी कि आखिरकार जिला प्रशासन से लेकर छत्तीसगढ़ प्रदेश में बैठे उच्च अधिकारी और जनप्रतिनिधि पंडो बस्ती की तकलीफ कैसे दूर करते हैं. या फिर राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहे जाने वाले पण्डो जनजाति के लोग यूं ही दुर्गम और कीचड़ भरे रास्तों पर चलने को अपनी किस्मत मानकर इसी तरह से जीने के लिए तैयार रहेंगे.

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दो दशकों से सड़क बनने का इंतजार : आपको बता दें कि एमसीबी जिले के खड़गवां जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत कटकोना के नेवारी बहरा पंडो बस्ती के लोग दुर्गम और कच्ची सड़कों पर चलने को मजबूर हैं. छत्तीसगढ़ प्रदेश में सरकार बदल गई.लेकिन ग्राम पंचायत कटकोना के नेवारी बहरा पंडो बस्ती के निवासियों की हालत नहीं बदली.

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आजादी के बाद से नहीं बनीं सड़क (ETV Bharat Chhattisgarh)

कई वर्षों से सड़क की मांग की जा रही है.लेकिन गांव में आने जाने के लिए सड़क नहीं बनाई गई.बारिश के दिनों में सबसे ज्यादा परेशानी होती है-राम नाथ पण्डो,पंच

दुर्गम रास्तों में चलना मुश्किल : यहां रहने वाले लोग आज भी कठिन और दुर्गम रास्तों के बीच चलने को मजबूर हैं.जब ईटीवी भारत की टीम रिपोर्टिंग करने पहुंची तो वहां के हालात देखकर दंग रह गई. आश्चर्य की बात ये है कि इस बस्ती में जब कोई बीमार होता है या फिर किसी महिला की डिलीवरी होनी रहती है तो उसे खाट से करीब 5 से 7 किलोमीटर पैदल लेकर मुख्य मार्ग तक ले जाया जाता है.


वहीं जनप्रतिनिधियों का कहना है कि प्रदेश सरकार इसके लिए जिम्मेदार हैं.लेकिन आरोप लगाने से पहले ये नहीं सोच रहे हैं कि इस सरकार से पहले उनकी भी सरकार इस प्रदेश में थी यही नहीं विधायक भी क्षेत्रीय ही था.तब इस सड़क को क्यों नहीं बनाया गया.

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इस सरकार में किसी तरह का काम नहीं हो रहा है.जिस गांव की आप बात कर रहे हैं वहां हालत इतना खराब है कि बारिश के दिनों में खाट में रखकर बीमार को 5 से 7 किलोमीटर पैदल चलकर एंबुलेंस तक पहुंचाया जाता है- मनोज शर्मा,कांग्रेस नेता


ईटीवी भारत ने 300 पंडो जनजाति के लोगों की बस्ती का सच्ची तस्वीर आपके सामने पेश की है. यहां आजादी के बाद से अब तक सड़क नहीं बन पाई. वहीं समय-समय पर अधिकारी इन क्षेत्रों में पहुंचकर शिविर कैंप और भ्रमण भी करते हैं. लेकिन उन्हें इन बस्ती में जाने के लिए दुर्गम रास्तों को ठीक करने का ख्याल नहीं आता. यही कारण है कि आज तक ग्राम पंचायत कटकोना के नेवारी बहरा पण्डो बस्ती में सड़क मार्ग नहीं बन पाया है.गांव के सरपंच का कहना है कि गांव में नेता चुनाव के समय आते हैं,लेकिन फिर कोई नहीं आता.

नेता लोग चुनाव के समय गांव में आते हैं.तब सड़क बनाने की बात कहते हैं.लेकिन चुनाव होने के बाद कोई नहीं आता.इसी वजह से सड़क नहीं बनी- गोपाल सिंह,उपसरपंच

अब देखने वाली बात यह होगी कि आखिरकार जिला प्रशासन से लेकर छत्तीसगढ़ प्रदेश में बैठे उच्च अधिकारी और जनप्रतिनिधि पंडो बस्ती की तकलीफ कैसे दूर करते हैं. या फिर राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहे जाने वाले पण्डो जनजाति के लोग यूं ही दुर्गम और कीचड़ भरे रास्तों पर चलने को अपनी किस्मत मानकर इसी तरह से जीने के लिए तैयार रहेंगे.

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