वाराणसी: यदि आप धर्मगुरु बनने की इच्छा रखते हैं, तो आपकी यह इच्छा पूरा करने का काम वाराणसी का संस्कृत विश्वविद्यालय करेगा. यहां बाकायदा धर्मगुरु बनने के लिए पाठ्यक्रमों की शुरुआत होने जा रही है. खास बात यह है कि कोई भी व्यक्ति ऑनलाइन आवेदन करके इस कोर्स में एडमिशन ले सकता है. इसकी आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो गई है, जो 25 जुलाई तक रहेगी. विश्वविद्यालय के वेबसाइट पर जाकर के कोर्स के लिए आवेदन किया जा सकता है.
इसके माध्यम से अर्चक, ज्योतिषी के रूप में भी रोज़गार प्राप्त किया जा सकता है. उन्होने कहा कि इस कोर्स का मुख्य उद्देश्य समाज और राष्ट्र में कर्मकांड और ज्योतिष शास्त्र के ज्ञान से पूजा आदि के वास्तविक दर्शन से समाज को जोड़ा जाए. साथ ही मिथ्या और भ्रामक लोगों से मुक्त समाज बनाया जा सके.
यह है एडमिशन की प्रक्रिया: केंद्र की निदेशक प्रो. विधु द्विवेदी ने बताया कि दोनों पाठ्यक्रमो में आयु की कोई सीमा नहीं है. संस्कृत से इतर भी छात्र प्रवेश ले सकते हैं. पाठ्यक्रम बी.वोक तीन वर्ष का है और इसमें छह सेमेस्टर तथा एम.वोक चार सेमेस्टर की पढ़ाई होगी. नई शिक्षा नीति के प्रावधानों के आधार पर प्रथम सेमेस्टर उत्तीर्ण करने वाले छात्रों को सर्टिफिकेट, द्वितीय पर डिप्लोमा, चौथे सेमेस्टर पर एडवांस डिप्लोमा और छठे सेमेस्टर पर बी.वोक की उपाधि दी जाएगी.
एम.वोक पाठ्यक्रम पूरी तरह स्ववित्तपोषित होंगे और इसके प्रवेश फार्म का शुल्क 500 रुपये तथा इस पाठ्यक्रम की फीस आठ हजार पांच सौ रुपये प्रति सेमेस्टर निर्धारित की गई है.
कौशल विकास केंद्र से आवेदन पत्र मिलेंगी: प्रवेश के लिए आवेदन पत्र कौशल केंद्र कार्यालय (पाणिनि भवन के द्वितीय तल पर गृह विज्ञान विभाग) पर सुबह 10:30 से दोपहर 4:30 बजे तक मिल रहे हैं. इसके साथ ही इच्छुक अभ्यार्थी www.ssvvonline.in पर जाकर ऑनलाइन आवेदन भी कर सकता है.
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