दौसा: जिले में लगातार बढ़ रहे बोरवेल हादसों के बाद अब प्रशासन सख्त नजर आ रहा है. जिला कलेक्टर देवेंद्र कुमार यादव ने अधिकारियों को खुले पड़े बोरवेल, कुएं और पौंडों को बंद करवाने या ढंकवाने के आदेश दिए हैं. कलेक्टर ने जिले के सभी बीडीओ, पटवारी और अन्य राजस्व अधिकारियों को सख्त आदेश जारी किए है. इस जिसके चलते पिछले 2 दिनों में अब तक 27 खुले पड़े बोरवेल और कुओं को जाल और पाइप लगाकर ढका गया है. इसके अलावा जिले के ग्रामीण इलाकों में खुले कुओं और बोरवेलों का पता भी लगाया जा रहा है.
जिला कलेक्टर ने पत्र विभागीय अधिकारियों को पत्र जारी कर कहा कि जिले में आए दिन खुले पड़े बोरवेल और कुएं में बच्चों के गिरने से हादसे हो रहे है. जिससे प्रशासन और पीड़ित परिवार को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इन्हें तुरंत ढंका जाए. इसके बाद प्रशासनिक अधिकारी सक्रिय हुए और बोरवेल ढकवाने का काम शुरू किया गया. इसके लिए विशेष अभियान चलाया गया है.
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27 बोरवेल और कुएं ढके: जिला कलेक्टर ने बताया कि खुले पड़े बोरवेल, कुएं और पौंड को बंद करने के अभियान के तहत अब तक जिले भर में कुल 27 बोरवेल और कुएं पूरी तरह से ढंक दिए गए हैं. जिले के अधिकारियों को खुले पड़े बोरवेल और कुएं की जानकारी करने के निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने बताया कि जिले में खुले पड़े बोरवेल, कुएं और पौंड को बंद करने का अभियान आगे भी चलता रहेगा.
5 साल के मासूम की हो गई थी मौत: बता दें कि बीते दिनों सोमवार को जिले के पापड़दा क्षेत्र में स्थित कालीखाड़ गांव में एक पांच वर्षीय मासूम आर्यन अपनी मां गुड्डी देवी के साथ खेलता हुआ घर के पास बने 175 फिट गहरे बोरवेल में गिर गया था. इसे घटना के 56 घंटे बाद बुधवार रात करीब 11:45 बजे देशी जुगाड़ के सहारे बाहर निकाला गया था, लेकिन तब तक मासूम की सांसें थम गई थी. इस पूरे हादसे ने जिला प्रशासन और आमजन को झकझोर दिया था. इसके बाद अब कलेक्टर के आदेश पर जिले में ये अभियान चलाया गया है.