रांची: झारखंड में लोकसभा के चौथे चरण में चार संसदीय सीटों पर सोमवार को शांतिपूर्ण मतदान होने के बाद चुनाव आयोग ने राहत की सांस ली है. चौथे चरण में कई ऐसे क्षेत्र थे जो घनघोर नक्सल प्रभावित थे, जहां चुनाव कराना आयोग के लिए बेहद ही चुनौतीपूर्ण था.
खूंटी, सिंहभूम, लोहरदगा और पलामू में मतदान संपन्न होने के बाद मंगलवार को सभी निर्वाचनकर्मियों के सकुशल वापस होने पर खुशी जताते हुए मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के रवि कुमार ने कहा कि इस चरण में 161 ऐसे मतदान केंद्र थे जहां हेलीकॉप्टर से निर्वाचनकर्मियों को भेजा गया था. वे सभी वापस जिला मुख्यालय में लौट आए हैं और स्ट्रांग रूम में ईवीएम जमा देर शाम तक हो जाएगी. ईवीएम जमा होने के पश्चात मतदान का प्रतिशत अंतिम रूप से सामने आ जाएगा.
पहले चरण में 1376 नक्सल प्रभावित बूथ थे-एवी होमकर
शांतिपूर्ण मतदान संपन्न होने पर खुशी जताते हुए पुलिस नोडल पदाधिकारी एवी होमकर ने कहा कि पहले चरण में 1376 नक्सल प्रभावित बूथ थे, जहां मतदान करना बेहद ही चुनौतीपूर्ण था. इन क्षेत्रों में केंद्रीय सुरक्षा बलों के साथ-साथ राज्य पुलिस की 52 कंपनियों में कोबरा और झारखंड जगुआर के जवानों को तैनात किया गया था और लगातार अभियान चलाया जा रहा था. उन्होंने कहा कि सीमावर्ती राज्यों में बिहार, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ और ओडिशा के साथ लगातार समन्वय बनाकर चौकसी बरती जा रही थी. 35 चेकप्वाइंट बनाकर लगातार अभियान चलाया जा रहा था और 85 स्थानों को सील किया गया था.
24 स्थानों पर पहली बार बनाए गए थे मतदान केंद्र
पुलिस नोडल पदाधिकारी एवी होमकर ने बताया कि पहले चरण का चुनाव कई मायनों में ऐतिहासिक रहा. जिसमें पहली बार 24 स्थानों पर लोगों ने पहली बार वोटिंग किया. ये वैसे क्षेत्र थे जो घनघोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र थे. इस वजह से पूर्व में चुनाव के वक्त मतदान केंद्र दूसरे जगह बनाए जाते थे. पहली बार ग्रामीणों ने अपने गांव में मतदान किया है. इन स्थानों में गुमला में 13, गढ़वा में 01, चाईबासा में 08 और सिमडेगा में 02 क्षेत्र शामिल हैं.
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