हरिद्वार: उत्तराखंड के हरिद्वार के श्याम विहार कॉलोनी में रहने वाली अदिति तोमर ने यूपीएससी परीक्षा में 247 रैंक हासिल किया. अदिति ने यह सफलता तीसरे प्रयास में हासिल की है. खास बात ये है कि अदिति ने कोई कोचिंग नहीं ली. उन्होंने टॉपर्स के नोट्स और कोचिंग मटेरियल से पढ़ाई की. फिलहाल, अदिति अभी आईटी इंजीनियर के तौर पर बेंगलुरु में जॉब करती हैं. उनके माता-पिता दोनों प्रोफेसर हैं. उनका भाई आईपीएस अधिकारी हैं.
संघ लोक सेवा आयोग के सिविल सेवा परीक्षा 2023 में अदिति तोमर ने 247 रैंक हासिल कर हरिद्वार और उत्तराखंड का नाम रोशन किया है. अदिति की इस सफलता से उनके परिवारजन बेहद खुश हैं. अदिति ने सफलता का श्रेय अपने परिजनों और सहयोग करने वाले लोगों को दी है. अदिति ने यूपीएससी में सफलता हासिल करने के लिए नौकरी के साथ-साथ 8 से 10 घंटा रोजाना पढ़ाई की.
यूपीएससी में 247 वीं रैंक हासिल करने वाली अदिति तोमर का कहना है कि आखिरकार उनकी मेहनत रंग लाई है. अब आगे इतना नहीं पढ़ना पड़ेगा. यह उनकी तीसरी कोशिश थी. इसका श्रेय वो सबसे पहले भगवान को फिर अपने परिजन और भाई को देती हैं. अदिति ने बताया कि वो रोजाना 8 से 10 घंटे पढ़ती थी और एग्जाम पास हो तो वो 12 घंटे तक पढ़ लेती थी. जिसमें पूरे परिवार ने सहयोग दिया.
अदिति बताती हैं कि उनके परिजन और भाई ने हमेशा से मोटिवेट किया. उनके भाई भी आईपीएस अफसर हैं, जो इस वक्त लक्षद्वीप में तैनात हैं. उनका शुरू से ही यूपीएससी क्लियर करना लक्ष्य था, लेकिन उनकी नौकरी लग गई, जिससे समय कम मिलता था, लेकिन 2020 में उनके भाई का सिलेक्शन हो गया. तब उन्हें लगा कि वो भी कर सकती हैं. उन्होंने ही सबसे ज्यादा प्रेरित किया.
अदिति का हुआ था कैंपस प्लेसमेंट: अदिति तोमर ने बताया कि उन्होंने राजस्थान से कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग की है. इसके बाद इकोनॉमिक्स में मास्टर किया. इसी दौरान सिस्को में उनका कैंपस प्लेसमेंट हो गया. तब से वो वहीं पर जॉब कर रही हैं. उन्होंने साल 2018 से तैयारी शुरू की. इस दौरान असफलता भी मिली, लेकिन उन्होंने कभी लोगों को नहीं बताया. अब आखिरकार उनका चयन हो गया है.
वहीं, अदिति का कहना है कि हम युवा हैं और देश के हिस्सा हैं. छोटे स्तर पर ही सही, लेकिन कुछ बदलाव ला सकते हैं. आसपास की चीजों में बदलाव लाकर देश को उन्नति की तरफ ले जाया जा सकता है. उन्होंने बताया कि उनका लगाव महिलाओं और बच्चों की प्रति ज्यादा है. ऐसे में वो इस क्षेत्र में सेवा कर कुछ बदलाव लाना चाहती हैं.
उनका ऑप्शनल पॉलिटिकल साइंस था. जबकि, उनकी मां का सब्जेक्ट भी पॉलीटिकल साइंस है. ऐसे में कुछ डाउट्स आने पर उनकी मां सॉल्व करवा देती थीं. वही, जनरल स्टडीज में उनके पिताजी ने लगातार गाइड किया. अदिति बताती हैं कि उन्होंने किसी संस्थान में एडमिशन लेकर कोचिंग नहीं की, लेकिन टॉपर्स के नोट्स और कोचिंग से मैटेरियल्स लिए. कोचिंग की आवश्यकता तब पड़ती है, जब आपके पास गाइडेंस नहीं होता है. उनके पास भाई की गाइडेंस थी, इसलिए कोचिंग की आवश्यकता नहीं रही.
लगातार मेहनत करते रहें और अपना धैर्य बनाकर रखें: उन्होंने बताया कि आजकल यूट्यूब पर फ्री मटेरियल उपलब्ध है. ऐसे में अभ्यर्थी चाहे तो घर पर रहकर भी तैयारी कर सकता है. जो अभ्यर्थी तैयारी कर रहे हैं, उनके लिए वो कहना चाहती हैं कि एग्जाम कभी-कभी लंबा भी खींच सकता है. उन्हें भी 3-4 साल लग गए. इसलिए हार ना मानें और लगातार मेहनत करते रहें. साथ ही अपना धैर्य बनाकर रखें. कभी ना कभी आपको सफलता मिलेगी.
सोशल मीडिया से बनाई दूरी: अदिति ने बताया कि उन्होंने 2 से 3 सालों से सोशल मीडिया से दूरी बनाई हुई है. वो फेसबुक और इंस्टाग्राम यूज नहीं करती है. हालांकि, वो यूट्यूब से मोटिवेशनल वीडियो और अपने कोर्स से रिलेटेड वीडियो ही देखती थी. वो न्यूज भी लैपटॉप पर ही देखा करती थी. अदिति का कहना है कि ज्यादा मटेरियल पढ़ने की बजाय लिमिटेड बुक्स पर स्टडी करें. उन बुक्स को इस तरह स्टडी करें कि वो पूरी की पूरी बुक्स आपके जेहन में रहे. एनसीईआरटी और अपना बेस जरूर क्लियर करें.
अदिति के भाई बने रोल मॉडल: वहीं, अपने रोल मॉडल को लेकर अदिति बताती हैं कि उनके पैरेंट्स और उनका भाई उनका रोल मॉडल है. जब उनके भाई की परीक्षा क्लियर हुई थी, तभी से उन्होंने ठान लिया था कि वो भी आईएएस या पीसीएस अधिकारी बनकर रहेगी. आखिरकार आज उनका यह सपना पूरा हो गया. उन्होंने बताया कि उनके भाई लक्षद्वीप में असिस्टेंट कमिश्नर ऑफ पुलिस हैं, उनकी 172 रैंक आई थी.
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