पटना: बिहार विद्यालय अध्यापक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अमित विक्रम ने BPSC चेयरमैन को पत्र लिखकर आरक्षण का लाभ लेकर शिक्षक बने अन्य राज्य के अभ्यर्थियों के रिजल्ट को निरस्त करने की मांग की है. इसके साथ ही इस स्थिति के बाद खाली हुए सीट पर सप्लीमेंट्री रिजल्ट जारी कर सेट भरने की मांग की है.
अध्यापक संघ की बीपीएससी से बड़ी मांग: पत्र में उन्होंने लिखा है कि माननीय पटना उच्च न्यायालय में दायर याचिका संख्या 3270/2024 इब्तेशाम शाहीन बनाम बिहार सरकार व अन्य में पारित न्यायादेश के आलोक में माध्यमिक शिक्षा निदेशक, शिक्षा विभाग के ज्ञापांक - 1341 ; दिनांक – 15/05/2024 में स्पष्ट आदेश पारित है कि बिहार से बाहर अन्य राज्य के अभ्यर्थियों को न तो आरक्षण का किसी प्रकार का लाभ दिया जाना है और न ही अहर्तांक में कोई छूट देय है.
अनुबंध निरस्त करने की मांग: अमित विक्रम ने पत्र में कहा है कि उक्त याचिका से यह भी स्पष्ट है बिना वांछित योग्यता रखने वाले अन्य राज्य के बहुत सारे अभ्यर्थियों को आयोग द्वारा BPSC TRE 1 और 2 में सफल घोषित कर दिया गया है. साथ ही विभिन्न जिलों से यह भी शिकायत प्राप्त हो रही है कि दिव्यांग कोटि में भी अन्य राज्य के अभ्यर्थियों का रिजल्ट जारी कर दिया गया है. अतः इस संदर्भ में आपसे अनुरोध है कि माध्यमिक शिक्षा निदेशक, शिक्षा विभाग के ज्ञापांक - 1341 ; दिनांक – 15/05/2024 के अनुपालन के लिए जरूरी कदम यथाशीघ्र उठाए जाएं.
'सूची की जाए जारी'- अमित विक्रम: अमित विक्रम ने बीपीएससी अध्यक्ष से मांग की है कि अन्य राज्य की जिन महिलाओं का रिजल्ट सामान्य महिला के लिए आरक्षित पदों पर चयन हुआ है उनका रिजल्ट निरस्त कर सूची जारी की जाए. इसके अलावा अन्य राज्य की जिन महिलाओं का रिजल्ट सामान्य सीट पर चयन हुआ है, यदि उनका CTET में प्राप्तांक 60% से कम यानि 90 अंक से कम है उनका भी RESULT निरस्त कर सूची जारी की जाए.
दिव्यांग कोटे के लिए भी संघ ने उठाई आवाज: दिव्यांग कोटे में अन्य राज्य के जिन अभ्यर्थियों का चयन हुआ है उनका भी रिजल्ट निरस्त कर सूची जारी की जाए. इन तीन कारणों से जो पद रिक्त होते हैं उन पर सप्लीमेंट्री रिजल्ट जारी कर बिहार के मूल निवासी योग्य अभ्यर्थियों का रिजल्ट जारी किया जाए. बिहार विद्यालय अध्यापक संघ के अध्यक्ष अमित विक्रम ने बीपीएससी अध्यक्ष से अनुरोध करते हुए कहा है कि माननीय पटना उच्च न्यायालय और विभागीय आदेश के अनुपालन के लिए यथाशीघ्र उपरोक्त कदम उठाए जाएं. अन्यथा हम माननीय उच्च न्यायालय में बिहार लोक सेवा आयोग के विरुद्ध अवमानना याचिका दायर करने को बाध्य होंगे.