रांचीः झारखंड विधानसभा चुनाव के दूसरे एवं अंतिम चरण की 38 सीटों पर प्रचार की अवधि समाप्त हो गयी है. साइलेंट पीरियड कहे जाने वाले इस काल और मतदान वाले क्षेत्र में चुनाव प्रचार का कार्य नहीं होगा. मतदान वाले क्षेत्र में चुनाव प्रचार के लिए बाहर से गए राजनीतिक नेता, कार्यकर्ता यदि उस क्षेत्र में साइलेंट पीरियड में पाए जाएंगे तो कार्रवाई होगी.
भारत चुनाव आयोग ने इस मामले में सख्त रुख अपनाते हुए सभी जिला निर्वाचन पदाधिकारी को निर्देशित किया है. इसके तहत उस मतदान क्षेत्र से बाहर के लोगों को वह स्थान तत्काल छोड़ देना है. वे ही वहां रह सकेंगे, जो उस क्षेत्र के मतदाता हैं.
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के रवि कुमार ने चुनाव प्रचार समाप्त होने के बाद मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए कहा कि इस संबंध में आयोग का स्पष्ट गाइडलाइन है कि कोई भी बाहरी व्यक्ति मतदान वाले क्षेत्र में नहीं रहेंगे. इसे लेकर जिला प्रशासन होटल आदि की भी जांच करेंगे. बाहरी लोगों के मिलने पर वैधानिक कार्रवाई होगी. इसमें बीमारी की हालत में छूट के लिए मेडिकल बोर्ड के परीक्षण के परिणाम के आधार पर निर्णय होगा.
इस मौके पर उन्होंने 23 नवंबर को होनेवाले कॉउटिंग के लिए कहा कि सभी प्रत्याशी 20 नवंबर की शाम पांच बजे तक काउंटिंग एजेंट के लिए आवेदन दे दें. उसके बाद के आवेदनों पर विचार नहीं होगा. उन्होंने कहा कि 20 नवंबर को स्वतंत्र, निष्पक्ष और भयमुक्त मतदान के लिए पर्याप्त संख्या में सुरक्षा बलों की तैनाती की गयी है. साथ ही हर मतदान केंद्र की लाइव निगरानी के लिए मतदान केंद्र के भीतर और बाहर दो कैमरे लगाये गए हैं.
पहली बार जामताड़ा में कुष्ठ पीड़ितों के लिए बनेगा विशेष मतदान केंद्र
जामताड़ा जिला के मिहिजाम स्थित स्नेहपुर कुष्ठ आश्रम के मतदाताओं के लिए विशेष मतदान केंद्र बनाने का निर्णय चुनाव आयोग ने लिया है. आयोग से मिली जानकारी के अनुसार सुगम मतदान के लिए स्नेहपुर सामुदायिक भवन, हांसीपहाड़ी में सहायक मतदान केंद्र का निर्माण किया गया है, यहां कुष्ठ पीड़ित कुल 57 मतदाता हैं. मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के रवि कुमार ने कहा कि यह पहली बार होगा जब कुष्ठ पीड़ितों के लिए विशेष मतदान केंद्र बनाया गया है.
उन्होंने कहा कि मतदान के दिन सभी प्रत्याशियों को मतदान केंद्र के 200 मीटर की परिधि से बाहर अपना कैंप लगाना है. कैंप में पार्टी और प्रत्याशी से जुड़ा कोई पोस्टर, सिंबल आदि नहीं लगाना है. पहले चरण में कुछ जगहों से शिकायत आई थी जिसमें मतदाता पर्ची में फोटो और चुनाव चिन्ह पाया गया था वो किसी भी हालत में मान्य नहीं है. उन्होंने कहा कि वे मतदाताओं को सादे कागज पर उनका सीरियल नंबर दे सकते हैं.
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