जयपुर. विधानसभा और लोकसभा चुनावों में पार्टी से भितरघात करने वाले कांग्रेसियों पर अनुशासन समिति का डंडा चलेगा. पीसीसी मुख्यालय में 10 साल बाद कांग्रेस की अनुशासन समिति की शनिवार को बैठक हुई. इस बैठक में समिति के अध्यक्ष उदयलाल आंजना, को-चेयरपर्सन शकुंतला रावत और संयोजक हाकम अली के साथ विनोद गोठवाल मौजूद रहे. इस मौके पर समिति के अध्यक्ष उदयलाल आंजना ने कहा कि विधानसभा और लोकसभा चुनाव को लेकर कुछ शिकायतें प्राप्त हुई हैं. उन पर मंथन किया गया है और शिकायतों से जुड़े सबूत सहित एक रिपोर्ट तैयार की गई है, जिसे पीसीसी चीफ को भेज दिया जाएगा. उसके बाद पीसीसी चीफ इन शिकायतों पर एक्शन लेंगे.
वहीं, शकुंतला रावत ने कहा कि समिति के पास कुल 22 शिकायतें आई हैं और ये सभी शिकायतें चुनाव से जुड़ी हुई हैं. इस मौके पर नीमकाथाना विधायक सुरेश मोदी पीसीसी कार्यालय पहुंचे और उन्होंने कमेटी को शिकायत दी. कमेटी के सदस्य की ओर से बताया गया कि अधिकतर शिकायत चुनाव से संबंधित हैं. प्रत्याशियों ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस से जुड़े कुछ नेताओं ने उन्हें चुनाव हराने का प्रयास किया है. ऐसे में समिति को जो भी शिकायतें मिली हैं, उन्हें गंभीरता से लिया जा रहा है.
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हालात चिंताजनक : भले ही बांसवाड़ा-डूंगरपुर सीट पर भारतीय आदिवासी पार्टी को कांग्रेस का साथ मिला और राजकुमार रोत चुनाव जीत गए. इसके बावजूद यहां बाप की एंट्री से कांग्रेस के आदिवासी वोटर अब पार्टी से छिटक गए हैं. इसको लेकर कांग्रेस का एक धड़ा चिंतित है. पूर्व मंत्री व कांग्रेस अनुशासन समिति के अध्यक्ष उदयलाल आंजना ने बाप के विस्तार को लेकर चिंता जताते हुए कहा कि जिस प्रकार का वातावरण बना है, वो चिंताजनक है. इसमें कोई दो राय नहीं है कि आदिवासी समुदाय एक हो रहा है, लेकिन पूरे हिंदुस्तान में आदिवासी पार्टी राज नहीं कर सकती है. राष्ट्रीय पार्टियों के साथ आदिवासियों को जुड़ना चाहिए, तभी आदिवासियों को फायदा होगा. आदिवासी आज की स्थिति में आगे इसलिए आए हैं, क्योंकि कांग्रेस ने उनके लिए काम किया है. आदिवासी उत्थान के लिए आजादी के बाद से ही कांग्रेस लगातार काम कर रही है.