पलामू: बालिका गृह यौन शोषण कांड में जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी, प्रोटेक्शन ऑफिसर, इंस्टीट्यूटनल केयर और काउंसलर को बर्खास्त कर दिया गया है. वहीं बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) को भी बर्खास्त करने की अनुशंसा की गई है. बालिका गृह कांड में जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी (डीसीपीओ), डीसीआईओ को शोकॉज नोटिस देकर पूछा गया था. तीनों के बर्खास्त होने की पुष्टि डीसी शशिरंजन ने की है.
बालिका गृह यौन शोषण कांड में सदर एसडीएम के नेतृत्व में बनी जांच समिति की रिपोर्ट के बाद सभी के खिलाफ कार्रवाई की गई है. बालिका गृह यौन शोषण कांड में पुलिस ने भी अपनी तफ्तीश तेज कर दी है. यौन शोषण कांड में कई खुलासे हो रहे हैं. पलामू बालिका गृह में यौन शोषण का मामला निकल कर सामने आया था. जिसके बाद मेदिनीनगर टाउन महिला थाना में एफआईआर दर्ज की गई थी. मामले में पुलिस ने बालिका गृह के संचालक और काउंसलर को गिरफ्तार कर पहले ही जेल भेज दिया था.
बीस सूत्री उपाध्यक्ष ने लगाया गंभीर आरोप, मौत की हो जांच
बालिका गृह यौन शोषण कांड में बीस सूत्री उपाध्यक्ष विमला कुमारी ने कई गंभीर आरोप लगाए हैं. विमला कुमारी का कहना है कि मार्च 2023 बालिका गृह की उन्होंने जांच करवाई थी और इस जांच में कई गड़बड़ियों को पकड़ा था. लेकिन जांच के नाम पर लीपापोती की गई. उन्होंने कहा कि मामले की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए. बालिका गृह में जिस लड़की के साथ दुराचार की घटना हुई है उसके साथ मारपीट भी हुई थी. दुराचार की पीड़ित की बहन की मौत भी हुई थी, मौत का कारण मिर्गी बताया गया था. इस मौत की जांच होनी चाहिए. बालिका गृह से दो और लड़कियां भागी थीं मगर उस मामले में भी कोई कार्रवाई नहीं की गई थी.
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