रांची: लोकसभा चुनाव को लेकर जिला स्तर पर निर्वाचन कार्य से जुड़े सरकारी सेवकों को प्रशिक्षण इन दिनों दिया जा रहा है. इस प्रशिक्षण कार्यक्रम से नदारद रहने वाले रांची जिले के पीठासीन एवं मतदान पदाधिकारियों के प्रति सख्त रुख अपनाया गया है. बीते 18, 19 और 20 मार्च को प्रशिक्षण के दौरान राजकीय प्लस टू उच्च विद्यालय कांके में प्रशिक्षण के दौरान 210 प्रतिनियुक्त पीठासीन एवं मतदान पदाधिकारी अनुपस्थित पाये गए.
जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह उपायुक्त ने इसे गंभीरता से लेते हुए ऐसे सभी पीठासीन एवं मतदान पदाधिकारियों से शो कॉज किया है. प्रशिक्षण में बिना अनुमति अनुपस्थित रहने वाले पीठासीन, प्रथम, द्वितीय और तृतीय मतदान पदाधिकारी शामिल हैं.
अनुपस्थित रहने वाले निर्वाचनकर्मियों पर होगी कार्रवाई
अनुपस्थित रहने वाले निर्वाचनकर्मियों पर कार्रवाई करने की तैयारी की गई है. यदि पीठासीन और मतदान पदाधिकारी द्वारा स्पष्टीकरण का समुचित जवाब नहीं दिया जाता है तो उनके विरुद्ध लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के सुसंगत धाराओं के तहत कार्रवाई प्रारंभ की जाएगी. तीन दिनों तक हुए इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान अनुपस्थित रहने वाले निर्वाचनकर्मियों की संख्या पर नजर दें तो 18 मार्च को 23 पीठासीन पदाधिकारी, 22 प्रथम मतदान पदाधिकारी, 13 द्वितीय मतदान पदाधिकारी और 13 तृतीय मतदान पदाधिकारी अनुपस्थित रहे.
वहीं, 19 मार्च को हुए प्रशिक्षण के दौरान 26 पीठासीन पदाधिकारी, 11 प्रथम मतदान पदाधिकारी, 12 द्वितीय मतदान पदाधिकारी और 17 तृतीय मतदान पर अधिकारी अनुपस्थित रहे. प्रशिक्षण के अंतिम दिन यानी 20 मार्च को 30 पीठासीन पदाधिकारी अनुपस्थित रहे. इसके अलावा 15 प्रथम मतदान पदाधिकारी, 17 द्वितीय मतदान पदाधिकारी और 11 तृतीय मतदान पदाधिकारी प्रशिक्षण से गायब दिखे. इन सब के बीच जिला निर्वाचन पदाधिकारी राहुल कुमार सिन्हा के द्वारा गुरुवार को बेड़ो के बूथ संख्या 231, 232, 233 का निरीक्षण किया गया जिस दौरान राजकीयकृत प्राथमिक विद्यालय बेड़ो 1 के प्रधानाध्यापक के अनुपस्थित पाए जाने पर कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं.
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