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आगरा डीएम का एक्शन ; एसडीएम, तहसीलदार और राजस्व अधिकारियों के वेतन पर लगाई रोक, ये रही वजह - Action of Agra DM

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 4, 2024, 2:21 PM IST

आगरा डीएम भानु चंद्र गोस्वामी (Action of Agra DM) ने राजस्व कार्यों की समीक्षा के बाद एसडीएम, तहसीलदार और राजस्व अधिकारियों के वेतन पर रोक लगा दी है.

अधिकारियों के साथ बैठक के करते आगरा डीएम भानु चंद्र गोस्वामी.
अधिकारियों के साथ बैठक के करते आगरा डीएम भानु चंद्र गोस्वामी. (Photo Credit: ETV Bharat)

आगरा : जिलाधिकारी भानु चंद्र गोस्वामी ने मंगलवार शाम कलेक्ट्रेट सभागार में राजस्व कार्यों की समीक्षा की. जिसमें पत्रावलियों के निस्तारण के मामले में सभी तहसीलों की स्थिति खराब मिली. समीक्षा बैठक में 2000 से अधिक पत्रावलियां लंबित होने की जानकारी पर डीएम ने इसे बड़ी लापरवाही मानकर सभी तहसीलों के एसडीएम, तहसीलदार, पत्रावलियों के निस्तारण में लगे नायब तहसीलदार व राजस्व अधिकारियों के वेतन पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने के आदेश जारी किए हैं. डीएम आगरा की इस कार्रवाई से जिला प्रशासन के अधिकारियों में खलबली मच गई है.

बता दें, नामांतरण, सरकारी भूमि पर कब्जे, पैमाइश व अन्य राजस्व वादों की पत्रावलियों का दाखिला दफ्तर होता है. नियमानुसार आवेदन के एक माह में इनका निस्तारण करके पत्रावलियां रिकार्ड रूम में जमा हो जानी चाहिए. जबकि जिले में ऐसा नहीं हो रहा है. इसमें बाह तहसील में 5 वर्ष पुराने 16 मामले लंबित मिले. राजस्व वसूली में खेरागढ़, बाह और सदर तहसील की स्थिति खराब है. इसलिए पर भी डीएम ने नाराजगी जताई.



30 सितंबर तक करें राजस्व वसूली : सदर तहसील की बात करें तो यहां पर यूपी रेरा की 40 करोड़ रुपये की आरसी वसूली लंबित है. डीएम भानु चंद्र गोस्वामी ने समीक्षा बैठक में सदर तहसील के एसडीएम और जिम्मेदार अधिकारियों से कहा कि एक माह में शत प्रतिशत वसूली की जाए. डीएम ने परिवार न्यायालय के मामलों में 30 सितंबर तक राजस्व वसूली के निर्देश दिए हैं.


आठ सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानें निरस्त : एडीएम वित्त एवं राजस्व शुभांगी शुक्ला ने बताया कि 10 लाख रुपये से अधिक बकायेदारी की समीक्षा अब जिलाधिकारी करेंगे. आपदा राहत के अलावा आय, जाति, निवास प्रमाणपत्रों का निस्तारण के निर्देश दिए हैं. अभी तहसीलों में 750 प्रमाणपत्र लंबित मिले हैं. जिले में आठ सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानों के आवंटन निरस्त किए गए हैं. इस पर डीएम भानु चंद्र गोस्वामी ने नए प्रस्ताव पर बंद दुकानों को चालू कराने के निर्देश दिए हैं. डीएम ने आईजीआरएस, स्वामित्व योजना, सीमा स्तंभों का आवंटन, खतौनी, वरासत और राजस्व वादों की समीक्षा की.

यह भी पढ़ें : आगरा में DM आवास की दीवार भरभराकर गिरी, खेल रही 7 साल की बच्ची की दबकर मौत, 3 की हालत गंभीर - Wall of Agra DM Residence Collapsed

यह भी पढ़ें : आगरा DM ने बीएसए समेत 8 बड़े अफसरों का वेतन रोका, सरकारी विभागों में खलबली, ये वजई आई सामने - government employee news

आगरा : जिलाधिकारी भानु चंद्र गोस्वामी ने मंगलवार शाम कलेक्ट्रेट सभागार में राजस्व कार्यों की समीक्षा की. जिसमें पत्रावलियों के निस्तारण के मामले में सभी तहसीलों की स्थिति खराब मिली. समीक्षा बैठक में 2000 से अधिक पत्रावलियां लंबित होने की जानकारी पर डीएम ने इसे बड़ी लापरवाही मानकर सभी तहसीलों के एसडीएम, तहसीलदार, पत्रावलियों के निस्तारण में लगे नायब तहसीलदार व राजस्व अधिकारियों के वेतन पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने के आदेश जारी किए हैं. डीएम आगरा की इस कार्रवाई से जिला प्रशासन के अधिकारियों में खलबली मच गई है.

बता दें, नामांतरण, सरकारी भूमि पर कब्जे, पैमाइश व अन्य राजस्व वादों की पत्रावलियों का दाखिला दफ्तर होता है. नियमानुसार आवेदन के एक माह में इनका निस्तारण करके पत्रावलियां रिकार्ड रूम में जमा हो जानी चाहिए. जबकि जिले में ऐसा नहीं हो रहा है. इसमें बाह तहसील में 5 वर्ष पुराने 16 मामले लंबित मिले. राजस्व वसूली में खेरागढ़, बाह और सदर तहसील की स्थिति खराब है. इसलिए पर भी डीएम ने नाराजगी जताई.



30 सितंबर तक करें राजस्व वसूली : सदर तहसील की बात करें तो यहां पर यूपी रेरा की 40 करोड़ रुपये की आरसी वसूली लंबित है. डीएम भानु चंद्र गोस्वामी ने समीक्षा बैठक में सदर तहसील के एसडीएम और जिम्मेदार अधिकारियों से कहा कि एक माह में शत प्रतिशत वसूली की जाए. डीएम ने परिवार न्यायालय के मामलों में 30 सितंबर तक राजस्व वसूली के निर्देश दिए हैं.


आठ सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानें निरस्त : एडीएम वित्त एवं राजस्व शुभांगी शुक्ला ने बताया कि 10 लाख रुपये से अधिक बकायेदारी की समीक्षा अब जिलाधिकारी करेंगे. आपदा राहत के अलावा आय, जाति, निवास प्रमाणपत्रों का निस्तारण के निर्देश दिए हैं. अभी तहसीलों में 750 प्रमाणपत्र लंबित मिले हैं. जिले में आठ सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानों के आवंटन निरस्त किए गए हैं. इस पर डीएम भानु चंद्र गोस्वामी ने नए प्रस्ताव पर बंद दुकानों को चालू कराने के निर्देश दिए हैं. डीएम ने आईजीआरएस, स्वामित्व योजना, सीमा स्तंभों का आवंटन, खतौनी, वरासत और राजस्व वादों की समीक्षा की.

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