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7 दिन बाद होने जा रही ये बड़ी कार्रवाई, गायब फाइलों के लिए तलाश पत्र होंगे जारी - Action Against Encroachment

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jul 9, 2024, 7:46 PM IST

UDH Minister Instructions, राजधानी में सभी अस्थाई और स्थाई अतिक्रमण को 7 दिन में चिह्नित कर जोन वाइज कार्रवाई की जाए. मंगलवार को यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने जेडीए अधिकारियों को ये निर्देश दिए. इसके साथ ही उन्होंने लैंड फॉर लैंड और पट्टों की फाइलों के गायब होने पर उनके लिए तलाश पत्र जारी करने और नहीं मिलने पर मुकदमा दर्ज कराने की भी बात कही.

Action Against Encroachment
बैठक के दौरान यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा (ETV Bharat Jaipur)
किसने क्या कहा, सुनिए... (ETV Bharat Jaipur)

जयपुर. यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा जयपुर के विधायकों और सांसद के साथ मंगलवार को जेडीए अधिकारियों की क्लास लेने पहुंचे. इस दौरान जोन वार सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण, अतिक्रमण पर हुई कार्रवाई और जन सुविधाओं से जुड़े प्रकरणों को लेकर जानकारी मांगी गई, साथ ही बीते 3 साल में किए गए कार्यों की भी समीक्षा की गई. इसे लेकर यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने बताया कि जोन वाइज जितनी भी सरकारी भूमि है उसका भौतिक सत्यापन करेंगे, जहां स्थाई और अस्थाई अतिक्रमण हुए हैं, उन्हें चिह्नित कर 7 दिन में बाद जोन वाइस कार्रवाई शुरू होगी और जब तक संपूर्ण अतिक्रमण नहीं हटाए जाते, तब तक ये कार्रवाई जारी रहेगी.

उसके बाद प्लान बनाकर उन योजनाओं को विक्रय करने के लिए आम जनता के सामने विज्ञापन पेश किया जाएगा. जैसे-जैसे धन आता जाएगा, जयपुर के विकास में पैसे को खर्च करते रहेंगे. वहीं, पट्टों और लैंड फॉर लैंड की फाइलें गायब होने को लेकर उन्होंने कहा कि अब पहले तलाश पत्र जारी किया जाएगा और फिर भी फाइलें नहीं मिलती है तो मुकदमे दर्ज कराए जाएंगे. लैंड फॉर लैंड की जो मूल पत्रावली गायब हैं, इसलिए कई जानकारियां प्राप्त नहीं हो पाई हैं. जितने प्रकरणों में हेरा फेरी हुईं थी, लगभग सारी पत्रावलियां जोन से ही गायब हुई हैं. इनकी जानकारी जुटाने के लिए निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं. उन्होंने इसे नासूर बताते हुए कहा कि जब तक इसकी मवाद पूरी नहीं निकलेगी, तब तक इसका इलाज नहीं होगा, लेकिन बीजेपी सरकार इस नासूर का इलाज करके रहेगी. अब आने वाले 27 जुलाई 2024 को अगली मीटिंग बुलाई गई है. उसमें जितने भी पेंडिंग प्रकरण हैं, जिन पर नियम, कानून की बाधा और न्यायालय का स्थगन नहीं है वो सारे निस्तारित होकर 27 जुलाई की मीटिंग में 0 पेंडेंसी की रिपोर्ट मिलेगी.

वहीं, ग्रेटर नगर निगम की ओर से ईसी की मीटिंग में झटका और हलाल मीट मेंशन करने के फैसले पर खर्रा ने कहा कि ये कुछ धार्मिक भावनाओं से जुड़े हुए प्रकरण हैं. किसे क्या चाहिए, उस हिसाब से जानकारी नहीं होगी तो कई तरह के अनावश्यक विवाद उत्पन्न हो सकते हैं. इसलिए हलाल और झटका अलग-अलग ही होने चाहिए. वहीं, बजट को लेकर उन्होंने कहा कि समाज का ऐसा कोई वर्ग नहीं होगा, जिसे कोई ना कोई सौगात नहीं देंगे. इस दौरान उन्होंने मेयर मुनेश गुर्जर के प्रकरण को लेकर एक बार फिर कहा कि उनकी टेबल पर जैसे ही फाइल आएगी वो रुकेगी नहीं.

पढ़ें : पोकरण विधायक ने अतिक्रमणकारियों को दी हिदायत, खुद हटाओ अपना अवैध कब्जा, नहीं तो चलेगा बुलडोजर - Pokaran MLA mahant pratap puri

वहीं, इस दौरान मौजूद रहे कैबिनेट मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा कि जहां सीवरेज की जरूरत थी, वहां सीवरेज नहीं बना. जहां ड्रेनेज की जरूरत थी, वहां ड्रेनेज पर काम नहीं हुआ. अब निर्देश दिए गए हैं कि जेडीए, निगम, एनएचएआई और अन्य एजेंसियां एक साथ आएं, बार-बार बैठें, ताकि आपस में कोऑर्डिनेशन हो और जितनी भी जयपुर के विकास से जुड़ी जन समस्याएं हैं, उसको प्लांड तरीके से निपटाया जाए. फेज वाइज ड्रेनेज सिस्टम विकसित हो ताकि जनता और जनप्रतिनिधियों को ये पता हो कि ये सड़कें, ड्रेनेज, सीवरेज और कॉलोनी को नियमित करने का काम कब तक हो पाएगा. इसके अलावा हाथोज क्षेत्र में जेडीए की करीब 26 बीघा जमीन है, जिसमें खेल का स्टेडियम बने, एक सैटेलाइट हॉस्पिटल बनाने के लिए 10 एकड़ जमीन चिह्नित हो. लक्ष्य यही है कि जयपुर एक प्लांड सिटी हो, खास तौर से अनडेवलप्ड और अंडरडेवलप्ड कॉलोनियों को प्लांड किया जाए.

उन्होंने अधिकारियों से बात करते हुए कहा कि जो भी घर बनाने के कानून है उसमें लोगों को परेशान ना करें, अगर कहीं रियायत देते हैं, तो वह रियायत सभी के लिए होनी चाहिए. जो अधिकारी अतिक्रमण हटाते हैं, वो इस बात का ध्यान जरूर दें कि किसी कमजोर को परेशान ना करें. कहीं अतिक्रमण हुआ है तो हर अतिक्रमण पर कार्रवाई होनी चाहिए. किसी कमजोर पर कार्रवाई न हो और कोई मजबूत छूटे ना. उन्होंने उम्मीद जताई कि झाबर सिंह खर्रा के नेतृत्व में अगले कुछ सालों में जयपुर में बड़े रूप में पॉजिटिव परिवर्तन होगा.

उन्होंने जयपुर की समस्या बताते हुए कहा कि कई बार सड़क पहले बना देते हैं, फिर ड्रेनेज के लिए खोद देते हैं, फिर सड़क बनती है, सीवरेज के लिए खोद दी जाती है. ये सब बंद होगा, क्योंकि पीएम मोदी भी गति शक्ति योजना पर काम कर रहे हैं. उसी के तहत आईटी जरिए सभी डिपार्टमेंट को ये पता रहना चाहिए कि कहां ड्रेनेज की प्लानिंग हो रही है, कहां सीवरेज की प्लानिंग हो रही है, कहां सड़क बन रही है, ताकि जो काम हो सब एक साथ हो. उन्होंने कहा कि अब एक 300 दिन का प्लान होना चाहिए. बारिश खत्म होते ही 300 दिन में कहां-कहां ड्रेनेज की प्रॉब्लम है, वो दूर हो ताकि अगली बारिश से पहले फेज वाइस ड्रेनेज सिस्टम तैयार हो जाए.

इस दौरान यूडीएच और जेडीए के अधिकारी, जयपुर शहर की सांसद मंजू शर्मा, विधायक कालीचरण सराफ और विधायक गोपाल शर्मा भी मौजूद रहे. गोपाल शर्मा ने कहा कि झाबर सिंह खर्रा ने जेडीए को टाइम बाउंड काम सौंपा है. ये एक आदर्श व्यवस्था है, इससे परिवर्तन आएगा.

किसने क्या कहा, सुनिए... (ETV Bharat Jaipur)

जयपुर. यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा जयपुर के विधायकों और सांसद के साथ मंगलवार को जेडीए अधिकारियों की क्लास लेने पहुंचे. इस दौरान जोन वार सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण, अतिक्रमण पर हुई कार्रवाई और जन सुविधाओं से जुड़े प्रकरणों को लेकर जानकारी मांगी गई, साथ ही बीते 3 साल में किए गए कार्यों की भी समीक्षा की गई. इसे लेकर यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने बताया कि जोन वाइज जितनी भी सरकारी भूमि है उसका भौतिक सत्यापन करेंगे, जहां स्थाई और अस्थाई अतिक्रमण हुए हैं, उन्हें चिह्नित कर 7 दिन में बाद जोन वाइस कार्रवाई शुरू होगी और जब तक संपूर्ण अतिक्रमण नहीं हटाए जाते, तब तक ये कार्रवाई जारी रहेगी.

उसके बाद प्लान बनाकर उन योजनाओं को विक्रय करने के लिए आम जनता के सामने विज्ञापन पेश किया जाएगा. जैसे-जैसे धन आता जाएगा, जयपुर के विकास में पैसे को खर्च करते रहेंगे. वहीं, पट्टों और लैंड फॉर लैंड की फाइलें गायब होने को लेकर उन्होंने कहा कि अब पहले तलाश पत्र जारी किया जाएगा और फिर भी फाइलें नहीं मिलती है तो मुकदमे दर्ज कराए जाएंगे. लैंड फॉर लैंड की जो मूल पत्रावली गायब हैं, इसलिए कई जानकारियां प्राप्त नहीं हो पाई हैं. जितने प्रकरणों में हेरा फेरी हुईं थी, लगभग सारी पत्रावलियां जोन से ही गायब हुई हैं. इनकी जानकारी जुटाने के लिए निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं. उन्होंने इसे नासूर बताते हुए कहा कि जब तक इसकी मवाद पूरी नहीं निकलेगी, तब तक इसका इलाज नहीं होगा, लेकिन बीजेपी सरकार इस नासूर का इलाज करके रहेगी. अब आने वाले 27 जुलाई 2024 को अगली मीटिंग बुलाई गई है. उसमें जितने भी पेंडिंग प्रकरण हैं, जिन पर नियम, कानून की बाधा और न्यायालय का स्थगन नहीं है वो सारे निस्तारित होकर 27 जुलाई की मीटिंग में 0 पेंडेंसी की रिपोर्ट मिलेगी.

वहीं, ग्रेटर नगर निगम की ओर से ईसी की मीटिंग में झटका और हलाल मीट मेंशन करने के फैसले पर खर्रा ने कहा कि ये कुछ धार्मिक भावनाओं से जुड़े हुए प्रकरण हैं. किसे क्या चाहिए, उस हिसाब से जानकारी नहीं होगी तो कई तरह के अनावश्यक विवाद उत्पन्न हो सकते हैं. इसलिए हलाल और झटका अलग-अलग ही होने चाहिए. वहीं, बजट को लेकर उन्होंने कहा कि समाज का ऐसा कोई वर्ग नहीं होगा, जिसे कोई ना कोई सौगात नहीं देंगे. इस दौरान उन्होंने मेयर मुनेश गुर्जर के प्रकरण को लेकर एक बार फिर कहा कि उनकी टेबल पर जैसे ही फाइल आएगी वो रुकेगी नहीं.

पढ़ें : पोकरण विधायक ने अतिक्रमणकारियों को दी हिदायत, खुद हटाओ अपना अवैध कब्जा, नहीं तो चलेगा बुलडोजर - Pokaran MLA mahant pratap puri

वहीं, इस दौरान मौजूद रहे कैबिनेट मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा कि जहां सीवरेज की जरूरत थी, वहां सीवरेज नहीं बना. जहां ड्रेनेज की जरूरत थी, वहां ड्रेनेज पर काम नहीं हुआ. अब निर्देश दिए गए हैं कि जेडीए, निगम, एनएचएआई और अन्य एजेंसियां एक साथ आएं, बार-बार बैठें, ताकि आपस में कोऑर्डिनेशन हो और जितनी भी जयपुर के विकास से जुड़ी जन समस्याएं हैं, उसको प्लांड तरीके से निपटाया जाए. फेज वाइज ड्रेनेज सिस्टम विकसित हो ताकि जनता और जनप्रतिनिधियों को ये पता हो कि ये सड़कें, ड्रेनेज, सीवरेज और कॉलोनी को नियमित करने का काम कब तक हो पाएगा. इसके अलावा हाथोज क्षेत्र में जेडीए की करीब 26 बीघा जमीन है, जिसमें खेल का स्टेडियम बने, एक सैटेलाइट हॉस्पिटल बनाने के लिए 10 एकड़ जमीन चिह्नित हो. लक्ष्य यही है कि जयपुर एक प्लांड सिटी हो, खास तौर से अनडेवलप्ड और अंडरडेवलप्ड कॉलोनियों को प्लांड किया जाए.

उन्होंने अधिकारियों से बात करते हुए कहा कि जो भी घर बनाने के कानून है उसमें लोगों को परेशान ना करें, अगर कहीं रियायत देते हैं, तो वह रियायत सभी के लिए होनी चाहिए. जो अधिकारी अतिक्रमण हटाते हैं, वो इस बात का ध्यान जरूर दें कि किसी कमजोर को परेशान ना करें. कहीं अतिक्रमण हुआ है तो हर अतिक्रमण पर कार्रवाई होनी चाहिए. किसी कमजोर पर कार्रवाई न हो और कोई मजबूत छूटे ना. उन्होंने उम्मीद जताई कि झाबर सिंह खर्रा के नेतृत्व में अगले कुछ सालों में जयपुर में बड़े रूप में पॉजिटिव परिवर्तन होगा.

उन्होंने जयपुर की समस्या बताते हुए कहा कि कई बार सड़क पहले बना देते हैं, फिर ड्रेनेज के लिए खोद देते हैं, फिर सड़क बनती है, सीवरेज के लिए खोद दी जाती है. ये सब बंद होगा, क्योंकि पीएम मोदी भी गति शक्ति योजना पर काम कर रहे हैं. उसी के तहत आईटी जरिए सभी डिपार्टमेंट को ये पता रहना चाहिए कि कहां ड्रेनेज की प्लानिंग हो रही है, कहां सीवरेज की प्लानिंग हो रही है, कहां सड़क बन रही है, ताकि जो काम हो सब एक साथ हो. उन्होंने कहा कि अब एक 300 दिन का प्लान होना चाहिए. बारिश खत्म होते ही 300 दिन में कहां-कहां ड्रेनेज की प्रॉब्लम है, वो दूर हो ताकि अगली बारिश से पहले फेज वाइस ड्रेनेज सिस्टम तैयार हो जाए.

इस दौरान यूडीएच और जेडीए के अधिकारी, जयपुर शहर की सांसद मंजू शर्मा, विधायक कालीचरण सराफ और विधायक गोपाल शर्मा भी मौजूद रहे. गोपाल शर्मा ने कहा कि झाबर सिंह खर्रा ने जेडीए को टाइम बाउंड काम सौंपा है. ये एक आदर्श व्यवस्था है, इससे परिवर्तन आएगा.

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