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जब मौसम ठीक हो जाए तो धारा 144 का इस्तेमाल कर बच्चों को स्कूल वापस बुलाएं DM : केके पाठक - धारा 144 का इस्तेमाल

धारा 144 का इस्तेमाल करके जिलाधिकारियों द्वारा स्कूलों को शीतलहर में बंद करने के मामले पर केके पाठक खफा हैं. उन्होंने तंज भरी एक चिट्ठी सभी जिलाधिकारियों को लिखी है, जिसमें उन्होंने अपेक्षा की है कि इसी धारा 144 का इस्तेमाल करके ये अफसर छात्रों को स्कूल भी वापस बुलाएं. पढ़ें पूरी खबर-

केके पाठक का सभी जिलाधिकारियों को पत्र
केके पाठक का सभी जिलाधिकारियों को पत्र
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jan 25, 2024, 10:50 PM IST

पटना : बिहार में इन दिनों भयंकर शीतलहरी चल रही है. इसके कारण पटना के डीएम डॉक्टर चंद्रशेखर सिंह ने आठवीं तक के बच्चों के स्कूल को बंद कर दिया है. केके पाठक इससे खफा हैं और दोनों के बीच विवाद साफ़ दिख रहा है. पटना के डीएम ने मुख्य सचिव को इस मामले में पत्र भी लिखा है. लेकिन आज केके पाठक ने सभी डीएम को पत्र लिखा है. मौसम ठीक होने पर 144 धारा का प्रयोग बच्चों को स्कूल लाने में करने के लिए सलाह वाला तंज भी किया है.

केके पाठक ने तंज भरा पत्र लिखा : शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने जिलाधिकारियों को कहा है कि ''भारत मौसम विज्ञान विभाग की चेतावनी को देखते हुए आपको प्राधिकृत किया जाता है कि 29 तक कक्षा एक से आठ तक के स्कूलों के समय में आप संशोधन कर सकते हैं. साथ ही यह भी निर्देश दिया जाता है कि मौसम ठीक हो जाने के बाद 144 धारा के तहत आने वाले महीनों में आप अपनी महान और असीमित शक्ति का प्रयोग करते हुए स्कूलों में बच्चों की शत प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित कराएंगे.''

विभाग धारा 144 के इस्तेमाल के खिलाफ : केके पाठक ने अपने पत्र में यह भी साफ किया है कि कक्षा नौ से 12 तक के स्कूल और बोर्ड परीक्षा की तैयारी बाधित नहीं होगी. वहीं, सभी शिक्षक स्कूलों में विभाग के द्वारा तय अवधि तक बने रहेंगे. इस दौरान प्रशासनिक कार्य, जीर्णोद्धार, राशि भुगतान के कार्य, फर्नीचर खरीद आदि कार्य करेंगे. उन्होंने कहा है कि मालूम हो कि पिछले कई वर्षों से धारा 144 सीआरपीसी के तहत जिलाधिकारी शीतलहर अथवा अन्य कारणों से स्कूलों को बंद करते रहे हैं. इस चलन का पिछले वर्षों में भी विभाग द्वारा विरोध किया जाता रहा है.

'धारा 144 से काम-काज नियंत्रित नहीं' : इसी क्रम में 20 जनवरी, 2024 के पत्र में भी स्पष्ट कर दिया गया है कि 144 के तहत स्कूल को बंद करने की प्रवृत्ति का विभाग समर्थन नहीं करता है. केके पाठक के विभाग ने अफसरों से अनुरोध किया है कि बार-बार 144 धारा के तहत स्कूल को बंद नहीं करें. क्योंकि विभाग का मानना है कि धारा 144 के तहत स्कूलों के काम-काज को नियंत्रित नहीं किया जा सकता है. फिर भी आप समझते हैं कि 144 धारा का उपयोग कर आप स्कूलों के काम-काज में हस्तक्षेप कर सकते हैं, तो भविष्य में छात्रों की सौ प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित कराएं.

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पटना : बिहार में इन दिनों भयंकर शीतलहरी चल रही है. इसके कारण पटना के डीएम डॉक्टर चंद्रशेखर सिंह ने आठवीं तक के बच्चों के स्कूल को बंद कर दिया है. केके पाठक इससे खफा हैं और दोनों के बीच विवाद साफ़ दिख रहा है. पटना के डीएम ने मुख्य सचिव को इस मामले में पत्र भी लिखा है. लेकिन आज केके पाठक ने सभी डीएम को पत्र लिखा है. मौसम ठीक होने पर 144 धारा का प्रयोग बच्चों को स्कूल लाने में करने के लिए सलाह वाला तंज भी किया है.

केके पाठक ने तंज भरा पत्र लिखा : शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने जिलाधिकारियों को कहा है कि ''भारत मौसम विज्ञान विभाग की चेतावनी को देखते हुए आपको प्राधिकृत किया जाता है कि 29 तक कक्षा एक से आठ तक के स्कूलों के समय में आप संशोधन कर सकते हैं. साथ ही यह भी निर्देश दिया जाता है कि मौसम ठीक हो जाने के बाद 144 धारा के तहत आने वाले महीनों में आप अपनी महान और असीमित शक्ति का प्रयोग करते हुए स्कूलों में बच्चों की शत प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित कराएंगे.''

विभाग धारा 144 के इस्तेमाल के खिलाफ : केके पाठक ने अपने पत्र में यह भी साफ किया है कि कक्षा नौ से 12 तक के स्कूल और बोर्ड परीक्षा की तैयारी बाधित नहीं होगी. वहीं, सभी शिक्षक स्कूलों में विभाग के द्वारा तय अवधि तक बने रहेंगे. इस दौरान प्रशासनिक कार्य, जीर्णोद्धार, राशि भुगतान के कार्य, फर्नीचर खरीद आदि कार्य करेंगे. उन्होंने कहा है कि मालूम हो कि पिछले कई वर्षों से धारा 144 सीआरपीसी के तहत जिलाधिकारी शीतलहर अथवा अन्य कारणों से स्कूलों को बंद करते रहे हैं. इस चलन का पिछले वर्षों में भी विभाग द्वारा विरोध किया जाता रहा है.

'धारा 144 से काम-काज नियंत्रित नहीं' : इसी क्रम में 20 जनवरी, 2024 के पत्र में भी स्पष्ट कर दिया गया है कि 144 के तहत स्कूल को बंद करने की प्रवृत्ति का विभाग समर्थन नहीं करता है. केके पाठक के विभाग ने अफसरों से अनुरोध किया है कि बार-बार 144 धारा के तहत स्कूल को बंद नहीं करें. क्योंकि विभाग का मानना है कि धारा 144 के तहत स्कूलों के काम-काज को नियंत्रित नहीं किया जा सकता है. फिर भी आप समझते हैं कि 144 धारा का उपयोग कर आप स्कूलों के काम-काज में हस्तक्षेप कर सकते हैं, तो भविष्य में छात्रों की सौ प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित कराएं.

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