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राज भवन और शिक्षा विभाग में टकरार बरकरार, राज्यपाल की बुलाई बैठक में फिर शामिल नहीं हुए केके पाठक - KK Pathak

ACS KK Pathak : राज्यपाल के मुख्य सचिव के निमंत्रण पर भी केके पाठक राजभवन की अहम बैठक में नहीं पहुंचे. जबकि ये बैठक हाईकोर्ट के निर्देश पर मौर्या होटल में हो रही थी. राजभवन और शिक्षा विभाग में तनानती बरकरार है. ऐसे में देखना ये है कि राजभवन की ओर से केके पाठक के इस रवैये का क्या रिएक्शन होता है? पढ़ें पूरी खबर-

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केके पाठक (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : May 6, 2024, 10:14 PM IST

केके पाठक मीटिंग में फिर नहीं पहुंचे (Etv Bharat)

पटना : राजभवन और शिक्षा विभाग में तनातनी बनी हुई है. राज भवन के बुलावे के बावजूद राज्यपाल की बैठक में केके पाठक सोमवार को राजभवन में शामिल नहीं हुए. जबकि प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपति बैठक में शामिल हुए. सोमवार को शिक्षा विभाग और राजभवन के बीच तकरार के बीच दो बड़ी बैठक हुई. जिसमें एक बैठक शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ विश्वविद्यालय के कुलपतियों की होटल मौर्या में हुई.

केके पाठक फिर नहीं पहुंचे : शाम 5:00 के करीब राज भवन में दूसरी बैठक हुई, जिसमें शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक को भी निमंत्रण भेजा गया था. लेकिन केके पाठक बैठक में शामिल नहीं हुए. दरअसल, हाई कोर्ट की सख्ती के बाद शिक्षा विभाग और विश्वविद्यालय के बीच चली आ रही तनातनी को दूर करने को लेकर होटल मौर्य में बैठक हुई.

'बैंक खाते फ्रीज होने से प्रशासनिक कार्य में बाधा' : इस बैठक की किसी ने अध्यक्षता नहीं की और उच्च शिक्षा निदेशालय के अधिकारी और विश्वविद्यालय के कुलपति अकादमिक सत्र से लेकर परीक्षा की स्थिति पर चर्चा किए. हाई कोर्ट के निर्देशानुसार पूरी बैठक की वीडियो रिकॉर्डिंग हुई. शिक्षा विभाग के अधिकारियों को विश्वविद्यालय के कुलपतियों ने बताया कि उनके बैंक खाते फ्रीज किए जाने के कारण एकेडमिक कार्य से लेकर प्रशासनिक कार्य विश्वविद्यालय में किस कदर बाधित हुए हैं.

राज्यपाल ने जाना हाल : वहीं, राज भवन में हुई बैठक में राज्यपाल ने वर्तमान समय में स्नातक और स्नातक उत्तर में विद्यार्थियों के नामांकन की स्थिति की जानकारी ली. जिन विश्वविद्यालयों ने फाइनल ईयर एग्जाम का आयोजन अब तक नहीं किया है, उनसे आयोजन में देरी का कारण जाना. राज्यपाल के प्रधान सचिव रॉबर्ट एल चोंग्थू ने बीते गुरुवार को ही सभी विश्वविद्यालय के कुलपतियों और शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक को बैठक के लिए निमंत्रण भेजा था.

15 अप्रैल को भी इंतजार करते रह गए राज्यपाल : इससे पहले 15 अप्रैल को केके पाठक को राज्यपाल ने अपने चेंबर में तलब किया था तब भी केके पाठक नहीं गए थे. अब देखना है कि यह मामला कितना तूल पकड़ता है. आगे राज भवन की ओर से क्या एक्शन लिया जाता है.

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केके पाठक मीटिंग में फिर नहीं पहुंचे (Etv Bharat)

पटना : राजभवन और शिक्षा विभाग में तनातनी बनी हुई है. राज भवन के बुलावे के बावजूद राज्यपाल की बैठक में केके पाठक सोमवार को राजभवन में शामिल नहीं हुए. जबकि प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपति बैठक में शामिल हुए. सोमवार को शिक्षा विभाग और राजभवन के बीच तकरार के बीच दो बड़ी बैठक हुई. जिसमें एक बैठक शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ विश्वविद्यालय के कुलपतियों की होटल मौर्या में हुई.

केके पाठक फिर नहीं पहुंचे : शाम 5:00 के करीब राज भवन में दूसरी बैठक हुई, जिसमें शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक को भी निमंत्रण भेजा गया था. लेकिन केके पाठक बैठक में शामिल नहीं हुए. दरअसल, हाई कोर्ट की सख्ती के बाद शिक्षा विभाग और विश्वविद्यालय के बीच चली आ रही तनातनी को दूर करने को लेकर होटल मौर्य में बैठक हुई.

'बैंक खाते फ्रीज होने से प्रशासनिक कार्य में बाधा' : इस बैठक की किसी ने अध्यक्षता नहीं की और उच्च शिक्षा निदेशालय के अधिकारी और विश्वविद्यालय के कुलपति अकादमिक सत्र से लेकर परीक्षा की स्थिति पर चर्चा किए. हाई कोर्ट के निर्देशानुसार पूरी बैठक की वीडियो रिकॉर्डिंग हुई. शिक्षा विभाग के अधिकारियों को विश्वविद्यालय के कुलपतियों ने बताया कि उनके बैंक खाते फ्रीज किए जाने के कारण एकेडमिक कार्य से लेकर प्रशासनिक कार्य विश्वविद्यालय में किस कदर बाधित हुए हैं.

राज्यपाल ने जाना हाल : वहीं, राज भवन में हुई बैठक में राज्यपाल ने वर्तमान समय में स्नातक और स्नातक उत्तर में विद्यार्थियों के नामांकन की स्थिति की जानकारी ली. जिन विश्वविद्यालयों ने फाइनल ईयर एग्जाम का आयोजन अब तक नहीं किया है, उनसे आयोजन में देरी का कारण जाना. राज्यपाल के प्रधान सचिव रॉबर्ट एल चोंग्थू ने बीते गुरुवार को ही सभी विश्वविद्यालय के कुलपतियों और शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक को बैठक के लिए निमंत्रण भेजा था.

15 अप्रैल को भी इंतजार करते रह गए राज्यपाल : इससे पहले 15 अप्रैल को केके पाठक को राज्यपाल ने अपने चेंबर में तलब किया था तब भी केके पाठक नहीं गए थे. अब देखना है कि यह मामला कितना तूल पकड़ता है. आगे राज भवन की ओर से क्या एक्शन लिया जाता है.

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