मंडी: छोटी काशी के नाम से पहचाने जाने वाले मंडी जिले में गाड़ियों से ईसीएम चोरी करने वाले आरोपी को पुलिस ने दिल्ली से गिरफ्तार किया है. आरोपी 28 जनवरी 2024 की रात को मंडी जिला की 4 जगहों से 10 गाड़ियों की ईसीएम चोरी कर फरार हो गया था. इसके बाद मंडी पुलिस इसकी तलाश में थी. आरोपी की पहचान अभिषेक गुप्ता उम्र 40 साल निवासी बरेली, उत्तर प्रदेश के तौर पर हुई है.
जानकारी के मुताबिक मिली जानकारी के अनुसार 28 जनवरी 2024 को आरोपी अभिषेक गुप्ता अपने 18 वर्षीय साथी रोहित के साथ मनाली से दिल्ली जा रहा था. उस रात दोनो नें मंडी के भ्योली चौक के पास दो आई-20, दो वर्ना, धनोटू में एक आई-20, सुंदरनगर में तीन आई-20, औट में एक आई-20 और एक वर्ना कार को मिलाकर कुल 10 गाड़ियों के ईसीएम चारी किए. घटना के अगले दिन सभी संबधित थानों में ईसीएम चोरी के मामले दर्ज किए गए और आगामी छानबीन शुरू की गई. जांच में आईटीएमएम कैमरों की मदद से शातिरों की गाड़ी का नंबर और रूट भ्योली में ट्रेस हुआ, लेकिन इसके बावजूद भी इन शातिरों का कोइ सुराग नहीं लग पाया. पिछले सप्ताह पुलिस को जब आरोपियों का सुराग लगा तो पुलिस थाना मंडी से एएसआई विनोद कुमार की अगुवाई में एक टीम दिल्ली रवाना हुई. आज पुलिस की टीम मुख्य आरोपी अभिषेक को दबोचकर दिल्ली से मंडी ले आई. अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सागर चंद्र ने मामले की पुष्टि की है. उन्होंने बताया कि पुलिस मुख्य आरोपी को पकड़ने में कामयाब हुई है. वहीं, कोर्ट ने इसे तीन दिन के रिमांड पर भेज दिया है.
दिल्ली में फ्लैट में रहता था आरोपी
दूसरी तरफ छानबीन में सामने आया कि आरोपी पिछले 15 सालों से अपने परिवार सहित दिल्ली में फ्लैट लेकर रह रहा था. कई सालों से गाड़ियों के ईसीएम ही चोरी करने का काम करता था. मंडी में हई चोरी की इस घटना में पकड़े गए इस शातिर के साथ नेपाली लड़का रोहित भी शामिल था. ये दिल्ली में झोपड़पट्टी में रहता है, जो फिल्हाल किसी अन्य चोरी के मामले में तिहाड़ जेल में बंद है.
पूरे उत्तरी भारत में घूम कर गाड़ियों के ईसीएम ही चुराता था शातिर
पुलिस जांच में सामने आया है कि पकड़ा गया मुख्य शातिर अभिषेक रात के अंधरे में गाड़ियों के ईसीएम को चुराने का ही काम करता था. शातिर सप्ताह में एक बार उतरी भारत के किसी एक शहर का चक्र लगाता था और रात होते ही गाड़ियों के ईसीएम उड़ा ले जाता था. ईसीएम साइज में छोटे होते हैं और दिल्ली में एक ईसीएम 15-20 हजार में आसनी से बिक जाता है. ये शातिर एक रात में 10 से 15 गाड़ियों के ईसीएम चुराता और दिल्ली में उन्हें दो से अढ़ाई लाख में बेच देता था.
क्या होता है ईसीएम
ईसीएम का पूरा नाम इंजन कंट्रोल मॉड्यूल डिवाइस है, जो सेट टॉप बाक्स की तरह दिखाई देता है, लेकिन यह आकार में सेट टॉप बाक्स से छोटा होता है. गाड़ी में यह डिवाइस कंप्यूटरीकृत तरीके से इंजन के प्रदर्शन का प्रबंधन और नियंत्रण का काम करती है. छोटी गाडियों में एक ईसीएम की कीमत 40 से 80 हजार की होती है, जबकि लग्जरी गाड़ियों में इसकी कीमत 80 हजार से भी उपर होती है.