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देहरादून में महिला को डिजिटल अरेस्ट कर ठग करोड़ो, एसटीएफ ने खंगाली कुंडली, आरोपी हरियाणा से अरेस्ट

महिला ने साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन देहरादून के पास दर्ज करवाई थी शिकायत, मदद की लगाई थी गुहार

DIGITAL ARREST IN DEHRADUN
देहरादून में डिजिटल अरेस्ट (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : 3 hours ago

देहरादून: राजधानी देहरादून की महिला डिजिटल अरेस्ट कर 1 करोड़ 70 लाख रुपये ठगने वाले गिरोह का पुलिस ने पर्दाफाश किया है. साथ ही पुलिस ने आरोपी को जिला यमुनानगर हरियाणा से गिरफ्तार किया है. इस गिरोह ने मुम्बई क्राइम ब्रान्च और सीबीआई ऑफिसर बनकर Skype App पर वीडियो कॉल और वॉइस कॉल माध्यम से महिला को डिजिटल अरेस्ट किया था.

देहरादून निवासी एक पीड़िता ने कुछ दिन पहले साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन देहरादून में शिकायत दर्ज कराई की उनके मोबाइल नंबर पर Fedex कोरियर से एक कॉल आई. जिसमें बताया गया आपका एक पार्सल जो मुम्बई से ताईवान के लिये भेजा गया था, पार्सल पर आपका नाम, मोबाइल नम्बर ओर ईमेल आईडी लिखी है. पार्सल में कुछ अवैध दस्तावेज और सामान हैं. जिसमें 5 पासपोर्ट, 5 एटीएम कार्ड, 1 लैपटॉप, 5000 US डॉलर कैश, 200 ग्राम MDMA नारकोटिक ड्रग और 04 किलो कपड़े हैं. जिसके आधार पर पहचान की चोरी, ड्रग तस्करी और मनी लॉन्ड्रिंग मामले का हिस्सा होने का आरोप लगाकर गिरफ़्तार करने की धमकी दी गई.

उसके बाद 30 से 90 दिनों के लिए गैर-ज़मानती गिरफ़्तार होने के बात बतायी गयी. इसके बाद मुम्बई क्राइम ब्रान्च द्वारा पार्सल के बारे में जानकारी ली गयी. आधार कार्ड नम्बर पूछ गया. बताया कि आपका आधार कार्ड मनी लॉन्ड्रिंग केस में कई बार इस्तेमाल हो चुका है. इस मामले में व्यक्तिगत रुप से मुम्बई आकर केस में सहयोग करना होगा या फिर ऑनलाइन माध्यम से बयान दर्ज कराने होंगे. जिस पर महिला ने ऑनलाइन बयान कराने का प्रस्ताव स्वीकार किया. जिसके बाद उन्होंने बताया कि Skype App बयान दर्ज करवाने का अधिकारिक माध्यम है. Skype App डाउनलोड करवाकर एप के सर्च में जाकर मुम्बई की एक क्राइम ब्रांच साइट पर कनैक्ट करवाकर वीडियो कॉल शुर की. चैट में पुलिस आईडी कार्ड भेजा गया. घंटो तक पूरी जांच प्रक्रिया समझाते हुये बताया गया सारी जांच प्रक्रिया न्यायालय में पेश करने के लिये रिकॉर्ड की जाएगी. जिसमें 2 घण्टे से 2 दिन भी लग सकते हैं. इस दौरान दरवाजा बन्द रखने और किसी से भी बात करने से मना किया गया.

इसके बाद उसके सभी बैंक खातों की जानकारी प्राप्त कर खातों में अनियमितता पाया जाना बताकर इस मामले में आरबीआई को भी शामिल करने की बात कही गई. बाद में सारा पैसा वैरिफिकेशन के लिए बताये गये खाते में ट्रांसफर करने के लिए कहा गया. बताया गया कि जांच के बाद सारा पैसा खाते में वापस कर दिया जायेगा. पैसे ट्रांसफर करने में असमर्थता जताने पर वे भड़क गये. इसके बाद वे धमकाने लगे. इस दौरान तक उनके साथ करोड़ो रुपये की ठगी हो चुकी थी.

एसएसपी एसटीएफ नवनीत भुल्लर ने बताया साइबर क्राइम पुलिस ने घटना में प्रयोग बैंक खातों और मोबाइल नम्बरों की जानकारी जुटाई. इसके बाद सम्बन्धित बैंकों, सर्विस प्रदाता कम्पनी, मेटा और गूगल आदि से पत्राचार कर डेटा प्राप्त किया गया. प्राप्त डेटा का विश्लेषण करते हुये घटना में शामिल मुख्य आरोपी को चिन्ह्ति किया गया. जिसके बाद मुख्य आरोपी मनी कुमार पुत्र सागर कुमार निवासी यमुनानगर हरियाणा को यमुनानगर हरियाणा क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया.

पढे़ं- डिजिटल अरेस्ट गिरोह का 'मुखिया' हुआ गिरफ्तार, 45 लाख की ठगी में गया जेल, STF ने किया चौंकाने वाला खुलासा

देहरादून: राजधानी देहरादून की महिला डिजिटल अरेस्ट कर 1 करोड़ 70 लाख रुपये ठगने वाले गिरोह का पुलिस ने पर्दाफाश किया है. साथ ही पुलिस ने आरोपी को जिला यमुनानगर हरियाणा से गिरफ्तार किया है. इस गिरोह ने मुम्बई क्राइम ब्रान्च और सीबीआई ऑफिसर बनकर Skype App पर वीडियो कॉल और वॉइस कॉल माध्यम से महिला को डिजिटल अरेस्ट किया था.

देहरादून निवासी एक पीड़िता ने कुछ दिन पहले साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन देहरादून में शिकायत दर्ज कराई की उनके मोबाइल नंबर पर Fedex कोरियर से एक कॉल आई. जिसमें बताया गया आपका एक पार्सल जो मुम्बई से ताईवान के लिये भेजा गया था, पार्सल पर आपका नाम, मोबाइल नम्बर ओर ईमेल आईडी लिखी है. पार्सल में कुछ अवैध दस्तावेज और सामान हैं. जिसमें 5 पासपोर्ट, 5 एटीएम कार्ड, 1 लैपटॉप, 5000 US डॉलर कैश, 200 ग्राम MDMA नारकोटिक ड्रग और 04 किलो कपड़े हैं. जिसके आधार पर पहचान की चोरी, ड्रग तस्करी और मनी लॉन्ड्रिंग मामले का हिस्सा होने का आरोप लगाकर गिरफ़्तार करने की धमकी दी गई.

उसके बाद 30 से 90 दिनों के लिए गैर-ज़मानती गिरफ़्तार होने के बात बतायी गयी. इसके बाद मुम्बई क्राइम ब्रान्च द्वारा पार्सल के बारे में जानकारी ली गयी. आधार कार्ड नम्बर पूछ गया. बताया कि आपका आधार कार्ड मनी लॉन्ड्रिंग केस में कई बार इस्तेमाल हो चुका है. इस मामले में व्यक्तिगत रुप से मुम्बई आकर केस में सहयोग करना होगा या फिर ऑनलाइन माध्यम से बयान दर्ज कराने होंगे. जिस पर महिला ने ऑनलाइन बयान कराने का प्रस्ताव स्वीकार किया. जिसके बाद उन्होंने बताया कि Skype App बयान दर्ज करवाने का अधिकारिक माध्यम है. Skype App डाउनलोड करवाकर एप के सर्च में जाकर मुम्बई की एक क्राइम ब्रांच साइट पर कनैक्ट करवाकर वीडियो कॉल शुर की. चैट में पुलिस आईडी कार्ड भेजा गया. घंटो तक पूरी जांच प्रक्रिया समझाते हुये बताया गया सारी जांच प्रक्रिया न्यायालय में पेश करने के लिये रिकॉर्ड की जाएगी. जिसमें 2 घण्टे से 2 दिन भी लग सकते हैं. इस दौरान दरवाजा बन्द रखने और किसी से भी बात करने से मना किया गया.

इसके बाद उसके सभी बैंक खातों की जानकारी प्राप्त कर खातों में अनियमितता पाया जाना बताकर इस मामले में आरबीआई को भी शामिल करने की बात कही गई. बाद में सारा पैसा वैरिफिकेशन के लिए बताये गये खाते में ट्रांसफर करने के लिए कहा गया. बताया गया कि जांच के बाद सारा पैसा खाते में वापस कर दिया जायेगा. पैसे ट्रांसफर करने में असमर्थता जताने पर वे भड़क गये. इसके बाद वे धमकाने लगे. इस दौरान तक उनके साथ करोड़ो रुपये की ठगी हो चुकी थी.

एसएसपी एसटीएफ नवनीत भुल्लर ने बताया साइबर क्राइम पुलिस ने घटना में प्रयोग बैंक खातों और मोबाइल नम्बरों की जानकारी जुटाई. इसके बाद सम्बन्धित बैंकों, सर्विस प्रदाता कम्पनी, मेटा और गूगल आदि से पत्राचार कर डेटा प्राप्त किया गया. प्राप्त डेटा का विश्लेषण करते हुये घटना में शामिल मुख्य आरोपी को चिन्ह्ति किया गया. जिसके बाद मुख्य आरोपी मनी कुमार पुत्र सागर कुमार निवासी यमुनानगर हरियाणा को यमुनानगर हरियाणा क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया.

पढे़ं- डिजिटल अरेस्ट गिरोह का 'मुखिया' हुआ गिरफ्तार, 45 लाख की ठगी में गया जेल, STF ने किया चौंकाने वाला खुलासा

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