धौलपुर : जिले के विशेष न्यायालय पॉक्सो कोर्ट ने महिला पुलिस थाना में साल 2017 में दर्ज हुए 14 वर्षीय नाबालिग का अपहरण कर उसके साथ जबरन दुष्कर्म करने के मामले में एक मुल्जिम को दोषी करार दिया. कोर्ट ने आरोपी को 10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई. साथ ही 10 हजार के जुर्माने से दंडित किया.
विशेष न्यायालय पॉक्सो कोर्ट के विशिष्ट लोक अभियोजक संतोष मिश्रा ने बताया कि धौलपुर जिले के महिला पुलिस थाने में एक परिवादी ने 16 फरवरी, 2017 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी. जिसमें उसने बताया कि उसकी 14 वर्षीय नाबालिग पुत्री 15 फरवरी, 2017 को स्कूल पढ़ने गई हुई थी. जब पुत्री स्कूल से घर नहीं आई तो पीड़ित ने स्कूल संचालक से संपर्क किया. स्कूल संचालक ने पीड़ित से कहा कि बच्ची को आते ही घर भिजवा दूंगा और रिपोर्ट दर्ज नहीं कराए.
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हालांकि, जब नाबालिग घर नहीं पहुंची तो पीड़ित ने महिला पुलिस थाना में मामला दर्ज कराया. पुलिस ने मामला दर्ज कर नाबालिग को दस्तयाब कर कोर्ट में पेश कर बयान दर्ज कराया. साथ ही उसका मेडिकल कराया. पुलिस ने मामले में एक बालक को निरुद्ध कर प्रिंसिपल मजिस्ट्रेट धौलपुर के समक्ष पेश किया. प्रिंसिपल मजिस्ट्रेट ने बालक को वयस्क मानते हुए पत्रावली पॉक्सो कोर्ट में ट्रायल के लिए भेज दी. उसके बाद पुलिस ने आरोपी को पॉक्सो कोर्ट में पेश किया.
आरोपी ने मामले में हाईकोर्ट से जमानत ले ली. जमानत जब्त होने के बाद आरोपी जेल में बंद चल रहा हैं. मामले में लोक अभियोजक मिश्रा ने कोर्ट में 22 गवाह पेश कर दस्तावेजों को साबित कराया. प्रकरण में न्यायाधीश राज कुमार ने दोनों पक्षों की बहस और लोक अभियोजक की दलील सुनने के बाद गुरुवार को मुल्जिम को दोषी करार देते हुए 10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई. साथ ही उसे 10 हजार के अर्थ दंड से दंडित किया.