भरतपुर. डीग जिले के नगर थाना क्षेत्र के एक गांव में 2 साल पहले घर में सो रही 14 वर्षीय नाबालिग के अपहरण और दुष्कर्म के मामले में पॉक्सो कोर्ट ने आरोपी को 20 साल के कठोर कारावास और 20 हजार रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई है.
विशिष्ट लोक अभियोजक तरुण जैन ने बताया कि पुलिस थाना नगर में पीड़िता नाबालिग के पिता ने मामला दर्ज कराया कि नवंबर 2022 को उसकी 14 वर्षीय पुत्री अपने घर के बाहर बने सड़क किनारे वाले कमरे में अकेली सो रही थी. रात 12 बजे आरोपी 25 वर्षीय रंजीत पुत्र मोहन नाबालिग बेटी का अपहरण कर ले गया. आरोपी ने बेटी को अलग- अलग जगहों पर ले जाकर उसके साथ कई बार दुष्कर्म किया. शिकायत पर नगर थाना पुलिस ने पीड़िता का बोर्ड से मेडिकल कराया. जांच में दुष्कर्म की पुष्टि होने पर नामजद आरोपी को गिरफ्तार कर अदालत में चालान पेश किया.
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अभियोजन पक्ष की ओर से अदालत में आरोपी के खिलाफ 20 दस्तावेज एवं 13 गवाह पेश किया गए. नाबालिग से दुष्कर्म की पुष्टि करने वाली डीएनए रिपोर्ट भी अदालत में पेश की गई. पॉक्सो कोर्ट संख्या-1 के विशिष्ट न्यायाधीश गिरिजेश ओझा ने गुरुवार को प्रकरण में दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की बहस सुनने के बाद गवाह और सबूतों को मद्देनजर रखते हुए आरोपी रंजीत को नाबालिग के साथ दुष्कर्म करने का दोषी प्रमाणित हो जाने पर पॉक्सो एक्ट की धाराओं के तहत 20 साल के कठोर कारावास एवं 20 हजार रुपए के अर्थ दंड की सजा से दंडित किया.