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पूर्व मंत्री कवासी लखमा को 4 फरवरी तक जेल, शराब घोटाले में है आरोपी, ईडी जवाबों से संतुष्ट नहीं - ACCUSED IN LIQUOR SCAM

छत्तीसगढ़ शराब घोटाला में आरोपी पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा 14 दिनों तक ज्यूडीशियल रिमांड पर रहेंगे.

Kawasi Lakhma jailed
पूर्व मंत्री कवासी लखमा को 4 फरवरी तक जेल (ETV BHARAT CHHATTISGARH)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jan 21, 2025, 6:02 PM IST

Updated : Jan 21, 2025, 6:21 PM IST

रायपुर : छत्तीसगढ़ के कथित शराब घोटाला में पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को 14 दिनों के लिए ज्यूडीशियल रिमांड पर जेल भेजे गए हैं. इससे पहले कवासी लखमा को मंगलवार को ईडी ने कोर्ट में पेश किया. जिसके बाद उन्हें 4 फरवरी तक जेल में रहना होगा. आपको बता दें कि ईडी ने 15 जनवरी को शराब घोटाले मामले में पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को पूछताछ के लिए बुलाया था.इस मामले में उनके सीए को भी ईडी ने तलब किया था.लेकिन कवासी लखमा अपने सीए के साथ नहीं पहुंचे.जो जानकारी कवासी लखमा ने ईडी के अधिकारियों को दी उससे टीम संतुष्ट नहीं हुई.वहीं सीए के नहीं आने पर ईडी को लेनदेन से जुड़ी कई जानकारियां नहीं मिली,जिसके बाद कवासी लखमा की गिरफ्तारी की गई. पहले 15 जनवरी से लेकर 21 जनवरी तक कवासी लखमा को ईडी की रिमांड पर थे. जिन्हें मंगलवार को फिर से कोर्ट में पेश किया गया था.




ईडी के वकील ने दी जानकारी : ईडी के वकील सौरभ कुमार पांडेय ने बताया कि शराब घोटाला मामले में पूर्व मंत्री कवासी लखमा की कस्टोडियल रिमांड आज दिनांक तक मिली हुई थी. प्रवर्तन निदेशालय ने 14 दिनों की ज्यूडिशियल रिमांड की मांग की थी. कोर्ट ने उसे मंजूर कर लिया है. 4 फरवरी तक कवासी लखमा जेल में रहेंगे.

हम अपनी कस्टोडियल रिमांड को आगे बढ़ाना नहीं चाहते इसलिए ज्यूडिशियल रिमांड की मांग की गई थी.हमने अपने आवेदन पत्र में साफ-साफ लिखा है कि पूरी पूछताछ के दौरान कवासी लखमा ने प्रवर्तन निदेशालय को सहयोग नहीं किया. घुमा फिरा कर जवाब दिया या फिर जवाब देना उचित नहीं समझा. कई चीजों की जानकारी कवासी लखमा से लेना बाकी है. ऐसे में और जो भी दूसरे लोग हैं उन्हें बुलाकर पूछताछ करने के साथ ही हो सकता है उन्हें जेल में ले जाकर पूछताछ करनी पड़े- सौरभ कुमार पाण्डेय, वकील ईडी

''पूर्व सीएस विवेक ढांढ का नाम मामले में नहीं'' : वहीं इस मामले में पूर्व सीएस विवेक ढांढ के नाम को लेकर ईडी के वकील ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय में उनका नाम अभियुक्त के तौर पर नहीं है. ऐसे में इस मामले में टिप्पणी करना उचित नहीं होगा. वकील की माने तो शराब कारोबारी अरविंद सिंह ने अपने बयान में ईडी को बताया था कि हर महीने कवासी लखमा को शराब कार्डन से 50 लाख रुपए महीने जाते थे. इसके साथ ही आबकारी विभाग के विशेष सचिव अरुण पति त्रिपाठी ने भी अपने बयान में बताया था कि 50 लाख के साथ ही डेढ़ करोड़ रुपए शराब कार्डन की ओर से दिए जाते थे.

''हर महीने लखमा को पहुंचे दो करोड़''- इस हिसाब से पूर्व मंत्री को हर महीने दो करोड़ रुपए जा रहे थे. इस बात की पुष्टि दोनों की गवाही से हुई है.ऐसे में जो बात निकलकर सामने आई वो ये है कि 36 महीने तक कवासी लखमा को पैसे पहुंचे,जिसमें कुल रकम 72 करोड़ रुपए आंकी गई है. इन्वेस्टिगेशन में ये पाया गया कि एक्साइज ऑफिसर इकबाल खान और जयंत देवांगन हैं. इन लोगों ने भी इस बात की पुष्टि की है. पैसा अरेंजमेंट करके पूर्व मंत्री को भेजते थे. कन्हैयालाल नाम का शख्स पैसा कलेक्ट करके सुकमा लेकर जाता था.

कब हुआ शराब घोटाला?: ईडी के अनुसार, राज्य में कथित शराब घोटाला 2019-22 के बीच किया गया था, जब छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार का शासन था. कोंटा (सुकमा जिला) से छह बार विधायक रहे लखमा उस समय आबकारी मंत्री थे.एजेंसी ने पहले दावा किया था, "छत्तीसगढ़ शराब घोटाले के कारण राज्य के खजाने को भारी नुकसान हुआ और शराब सिंडिकेट के लाभार्थियों की जेब में 2100 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध आय गई."

शराब घोटाले में ईडी की जांच में क्या आया?: छत्तीसगढ़ शराब घोटाले पर ईडी ने जांच में कई बड़े दावे किए हैं. ईडी ने जांच के आधार पर दावा किया है कि इसमें 2161 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है. इस पूरे केस में आईएएस अनिल टुटेजा , आबकारी विभाग के तत्कालीन एमडी एपी त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर के शामिल होने की बात सामने आई है. ईडी का दावा है कि तीनों ने अवैध सिंडिकेट के जरिए शराब घोटाले को अंजाम दिया. इस घोटाले में शासन को करोड़ों रुपए के राजस्व का नुकसान हुआ है.

शराब घोटाले का यूपी कनेक्शन भी दिखा: ईडी ने जांच के आधार पर यह कहा कि साल 2019 से यह शराब घोटाले की शुरुआत हुई. साल 2022 तक लाइसेंसी शराब दुकानों पर डुप्लीकेट होलोग्राम के जरिए शराब की बिक्री गई. ईडी का दावा है कि शराब को स्कैनिंग से बचाने के लिए नकली होलोग्राम बनाए गए. शराब घोटाले में शामिल लोगों ने उत्तर प्रदेश के नोएडा में होलोग्राम बनवाने का काम किया. नोएडा की कंपनी को नकली होलोग्राम बनाने का टेंडर दिया गया. शराब की बोतलों के नकली होलोग्राम बनाने के लिए नोएडा की जिस कंपनी को ठेका दिया गया था, उसके मालिक का नाम विधु गुप्ता था. जब विधु गुप्ता को ईडी ने गिरफ्तार किया , तो उन्होंने पूछताछ में अरुणपति, अनवर ढेबर के नाम लिए. जिसके बाद इस पूरे मामले का खुलासा हुआ.

कैसे आया कवासी लखमा का नाम: इस खुलासे के बाद ईडी ने एक्शन लिया और अनिल टुटेजा ,अनवर ढेबर और एपी त्रिपाठी को गिरफ्तार कर लिया. अनिल टुटेजा, अनवर ढेबर और एपी त्रिपाठी से जब पूछताछ की गई तो इस केस में कवासी लखमा का नाम आया. उसके बाद ईडी ने कवासी लखमा के घर पर 28 दिसंबर 2024 को रेड मारी. कवासी लखमा के साथ उनके बेटे हरीश लखमा से भी पूछताछ हुई. 15 जनवरी 2025 को ईडी ने कवासी लखमा गिरफ्तार कर लिया.

कुल कितने का है शराब घोटाला?: ईडी के दावे के मुताबिक यह शराब घोटाला करीब 2161 करोड़ रुपये का है. ईडी ने जांच में ये भी दावा किया है कि यह घोटाला एक सिंडिकेट के तहत हुआ है. शराब घोटाले का कमीशन कई लोगों को बांटा जाता था. यह कमीशन हर महीने ट्रांसफर होता था. साल 2019 से साल 2022 तक शराब घोटाले के जरिए अवैध कमाई हुई है.

शराब घोटाले में ईडी ने लखमा पर एक्शन की दी जानकारी, जानिए क्या हुआ खुलासा ?

शराब घोटाले में कवासी लखमा पर एक्शन कोई षडयंत्र नहीं, यह ईडी की जांच है- विजय शर्मा

छत्तीसगढ़ शराब घोटाला: पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा गिरफ्तार, कोर्ट ने 21 जनवरी तक रिमांड पर भेजा

रायपुर : छत्तीसगढ़ के कथित शराब घोटाला में पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को 14 दिनों के लिए ज्यूडीशियल रिमांड पर जेल भेजे गए हैं. इससे पहले कवासी लखमा को मंगलवार को ईडी ने कोर्ट में पेश किया. जिसके बाद उन्हें 4 फरवरी तक जेल में रहना होगा. आपको बता दें कि ईडी ने 15 जनवरी को शराब घोटाले मामले में पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को पूछताछ के लिए बुलाया था.इस मामले में उनके सीए को भी ईडी ने तलब किया था.लेकिन कवासी लखमा अपने सीए के साथ नहीं पहुंचे.जो जानकारी कवासी लखमा ने ईडी के अधिकारियों को दी उससे टीम संतुष्ट नहीं हुई.वहीं सीए के नहीं आने पर ईडी को लेनदेन से जुड़ी कई जानकारियां नहीं मिली,जिसके बाद कवासी लखमा की गिरफ्तारी की गई. पहले 15 जनवरी से लेकर 21 जनवरी तक कवासी लखमा को ईडी की रिमांड पर थे. जिन्हें मंगलवार को फिर से कोर्ट में पेश किया गया था.




ईडी के वकील ने दी जानकारी : ईडी के वकील सौरभ कुमार पांडेय ने बताया कि शराब घोटाला मामले में पूर्व मंत्री कवासी लखमा की कस्टोडियल रिमांड आज दिनांक तक मिली हुई थी. प्रवर्तन निदेशालय ने 14 दिनों की ज्यूडिशियल रिमांड की मांग की थी. कोर्ट ने उसे मंजूर कर लिया है. 4 फरवरी तक कवासी लखमा जेल में रहेंगे.

हम अपनी कस्टोडियल रिमांड को आगे बढ़ाना नहीं चाहते इसलिए ज्यूडिशियल रिमांड की मांग की गई थी.हमने अपने आवेदन पत्र में साफ-साफ लिखा है कि पूरी पूछताछ के दौरान कवासी लखमा ने प्रवर्तन निदेशालय को सहयोग नहीं किया. घुमा फिरा कर जवाब दिया या फिर जवाब देना उचित नहीं समझा. कई चीजों की जानकारी कवासी लखमा से लेना बाकी है. ऐसे में और जो भी दूसरे लोग हैं उन्हें बुलाकर पूछताछ करने के साथ ही हो सकता है उन्हें जेल में ले जाकर पूछताछ करनी पड़े- सौरभ कुमार पाण्डेय, वकील ईडी

''पूर्व सीएस विवेक ढांढ का नाम मामले में नहीं'' : वहीं इस मामले में पूर्व सीएस विवेक ढांढ के नाम को लेकर ईडी के वकील ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय में उनका नाम अभियुक्त के तौर पर नहीं है. ऐसे में इस मामले में टिप्पणी करना उचित नहीं होगा. वकील की माने तो शराब कारोबारी अरविंद सिंह ने अपने बयान में ईडी को बताया था कि हर महीने कवासी लखमा को शराब कार्डन से 50 लाख रुपए महीने जाते थे. इसके साथ ही आबकारी विभाग के विशेष सचिव अरुण पति त्रिपाठी ने भी अपने बयान में बताया था कि 50 लाख के साथ ही डेढ़ करोड़ रुपए शराब कार्डन की ओर से दिए जाते थे.

''हर महीने लखमा को पहुंचे दो करोड़''- इस हिसाब से पूर्व मंत्री को हर महीने दो करोड़ रुपए जा रहे थे. इस बात की पुष्टि दोनों की गवाही से हुई है.ऐसे में जो बात निकलकर सामने आई वो ये है कि 36 महीने तक कवासी लखमा को पैसे पहुंचे,जिसमें कुल रकम 72 करोड़ रुपए आंकी गई है. इन्वेस्टिगेशन में ये पाया गया कि एक्साइज ऑफिसर इकबाल खान और जयंत देवांगन हैं. इन लोगों ने भी इस बात की पुष्टि की है. पैसा अरेंजमेंट करके पूर्व मंत्री को भेजते थे. कन्हैयालाल नाम का शख्स पैसा कलेक्ट करके सुकमा लेकर जाता था.

कब हुआ शराब घोटाला?: ईडी के अनुसार, राज्य में कथित शराब घोटाला 2019-22 के बीच किया गया था, जब छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार का शासन था. कोंटा (सुकमा जिला) से छह बार विधायक रहे लखमा उस समय आबकारी मंत्री थे.एजेंसी ने पहले दावा किया था, "छत्तीसगढ़ शराब घोटाले के कारण राज्य के खजाने को भारी नुकसान हुआ और शराब सिंडिकेट के लाभार्थियों की जेब में 2100 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध आय गई."

शराब घोटाले में ईडी की जांच में क्या आया?: छत्तीसगढ़ शराब घोटाले पर ईडी ने जांच में कई बड़े दावे किए हैं. ईडी ने जांच के आधार पर दावा किया है कि इसमें 2161 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है. इस पूरे केस में आईएएस अनिल टुटेजा , आबकारी विभाग के तत्कालीन एमडी एपी त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर के शामिल होने की बात सामने आई है. ईडी का दावा है कि तीनों ने अवैध सिंडिकेट के जरिए शराब घोटाले को अंजाम दिया. इस घोटाले में शासन को करोड़ों रुपए के राजस्व का नुकसान हुआ है.

शराब घोटाले का यूपी कनेक्शन भी दिखा: ईडी ने जांच के आधार पर यह कहा कि साल 2019 से यह शराब घोटाले की शुरुआत हुई. साल 2022 तक लाइसेंसी शराब दुकानों पर डुप्लीकेट होलोग्राम के जरिए शराब की बिक्री गई. ईडी का दावा है कि शराब को स्कैनिंग से बचाने के लिए नकली होलोग्राम बनाए गए. शराब घोटाले में शामिल लोगों ने उत्तर प्रदेश के नोएडा में होलोग्राम बनवाने का काम किया. नोएडा की कंपनी को नकली होलोग्राम बनाने का टेंडर दिया गया. शराब की बोतलों के नकली होलोग्राम बनाने के लिए नोएडा की जिस कंपनी को ठेका दिया गया था, उसके मालिक का नाम विधु गुप्ता था. जब विधु गुप्ता को ईडी ने गिरफ्तार किया , तो उन्होंने पूछताछ में अरुणपति, अनवर ढेबर के नाम लिए. जिसके बाद इस पूरे मामले का खुलासा हुआ.

कैसे आया कवासी लखमा का नाम: इस खुलासे के बाद ईडी ने एक्शन लिया और अनिल टुटेजा ,अनवर ढेबर और एपी त्रिपाठी को गिरफ्तार कर लिया. अनिल टुटेजा, अनवर ढेबर और एपी त्रिपाठी से जब पूछताछ की गई तो इस केस में कवासी लखमा का नाम आया. उसके बाद ईडी ने कवासी लखमा के घर पर 28 दिसंबर 2024 को रेड मारी. कवासी लखमा के साथ उनके बेटे हरीश लखमा से भी पूछताछ हुई. 15 जनवरी 2025 को ईडी ने कवासी लखमा गिरफ्तार कर लिया.

कुल कितने का है शराब घोटाला?: ईडी के दावे के मुताबिक यह शराब घोटाला करीब 2161 करोड़ रुपये का है. ईडी ने जांच में ये भी दावा किया है कि यह घोटाला एक सिंडिकेट के तहत हुआ है. शराब घोटाले का कमीशन कई लोगों को बांटा जाता था. यह कमीशन हर महीने ट्रांसफर होता था. साल 2019 से साल 2022 तक शराब घोटाले के जरिए अवैध कमाई हुई है.

शराब घोटाले में ईडी ने लखमा पर एक्शन की दी जानकारी, जानिए क्या हुआ खुलासा ?

शराब घोटाले में कवासी लखमा पर एक्शन कोई षडयंत्र नहीं, यह ईडी की जांच है- विजय शर्मा

छत्तीसगढ़ शराब घोटाला: पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा गिरफ्तार, कोर्ट ने 21 जनवरी तक रिमांड पर भेजा

Last Updated : Jan 21, 2025, 6:21 PM IST
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