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नालंदा के लोदीपुर नरसंहार में 15 आरोपी दोषी करार, 8 अक्टूबर को होगा फैसला, यहां जानें घटना - Nalanda Lodipur Massacre

Nalanda Lodipur Massacre verdict: नालंदा के लोदीपुर नरसंहार में बिहारशरीफ कोर्ट ने 15 आरोपित दोषी करार दिया गया है. आने वाले 8 अक्टूबर को इस मामले में फैसला सुनाया जाएगा. वहीं बाल न्यायालय में दो नाबालिग आरोपितों की सुनवाई चल रही है. आगे पढ़ें पूरी खबर.

Lodipur Massacre in Nalanda
नालंदा में लोदीपुर नरसंहार (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Sep 28, 2024, 11:27 AM IST

नालंदा: बिहार के नालंदा के छबिलापुर थाना क्षेत्र के चर्चित लोदीपुर नरसंहार मामले में बिहारशरीफ कोर्ट ने 15 लोगों को दोषी करार दिया है. इसके सजा का ऐलान 8 अक्टूबर को होगा. आरोपियों में एक महिला चिंता देवी भी शामिल है. जबकि दो नाबालिग आरोपियों की सुनवाई किशोर न्याय परिषद व बाल न्यायालय में चल रही है. शुक्रवार को स्थानीय व्यवहार न्यायालय के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश-3 अखौरी अभिषेक सहाय ने 15 आरोपितों को हत्या समेत जानलेवा हमला व अन्य धाराओं के अलावा शस्त्र अधिनियम में दोषी करार दिया है.

15 आरोपियों में एक महिला भी शामिल?: आरोपी भोला यादव, रामकुमार यादव, विनय यादव, लल्लू यादव, गुड्डी यादव, छोटी यादव, नीतीश यादव, इंदु यादव, महेंद्र यादव व चिंता देवी छबिलापुर थाना क्षेत्र के लोदीपुर गांव के निवासी हैं. जबकि, कृष्ण यादव, विनोद यादव व श्यामदेव यादव करमू बिगहा गांव के रहने वाले हैं. वहीं आरोपी अवधेश यादव मालीसांढ़ गांव का निवासी है. अशोक यादव गया जिले के नीमचक बथानी थाना के बथानी गांव का रहने वाले है.

किस चीज का है विवाद: मामले में अभियोजन की ओर से लोक अभियोजक कैसर इमाम व सूचक की ओर से अधिवक्ता कमलेश कुमार ने सभी 25 लोगों की गवाही कराई थी. आरोपियों ने भी बेगुनाही साबित करने के लिए 4 लोगों की कोर्ट में गवाही करायी थी. सूचक कृष्णदेव प्रसाद के अधिवक्ता कमलेश कुमार ने बताया कि मृतक व आरोपितों के बीच वर्ष 2010 से जमीन विवाद चल रहा था. इस संबंध में एक टाइटल सूट मुकदमा न्यायालय में लंबित है.

कई लोगों की हुई थी हत्या: विवादित जमीन को लेकर 4 अगस्त 2021 को 12 बजे दिन में आरोपी ट्रैक्टर लेकर विवादित खेत की जुताई कर रहे थे. इसी दौरान सूचक व उनके परिजन वहां पहुंचे और कोर्ट में दर्ज मुकदमे का हवाला देकर फैसला आने तक जुताई नहीं करने का आग्रह किया. इसके बाद दोनों पक्षों में कहासुनी और विवाद शुरू हुआ. इसी दौरान आरोपित चिंता देवी के आदेश पर अंधाधुंध गोली चलाई गई. जिससे धीरेंद्र यादव, यद्दु यादव, महेश यादव, पिंटू यादव व सिब्बल यादव की गोली लगने से मौत हो गई थी.

"2010 से दो पक्षों के बीच जमीन विवाद चल रहा था. विवादित जमीन को लेकर 4 अगस्त 2021 आरोपियों ने ट्रैक्टर से खेत की जुताई शुरू की. जिसके बाद विवाद आगे बढ़ा और आरोपित चिंता देवी के आदेश पर अंधाधुंध गोली चला दी गई. जिसमें कई लोगों की मौत हो गई थी और बिंदा उर्फ वीरेंद्र कुमार, मंटू उर्फ अतुल, मिठू यादव व परशुराम यादव गोली लगने से जख्मी हो गए थे."- कमलेश कुमार, अधिवक्ता

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नालंदा: बिहार के नालंदा के छबिलापुर थाना क्षेत्र के चर्चित लोदीपुर नरसंहार मामले में बिहारशरीफ कोर्ट ने 15 लोगों को दोषी करार दिया है. इसके सजा का ऐलान 8 अक्टूबर को होगा. आरोपियों में एक महिला चिंता देवी भी शामिल है. जबकि दो नाबालिग आरोपियों की सुनवाई किशोर न्याय परिषद व बाल न्यायालय में चल रही है. शुक्रवार को स्थानीय व्यवहार न्यायालय के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश-3 अखौरी अभिषेक सहाय ने 15 आरोपितों को हत्या समेत जानलेवा हमला व अन्य धाराओं के अलावा शस्त्र अधिनियम में दोषी करार दिया है.

15 आरोपियों में एक महिला भी शामिल?: आरोपी भोला यादव, रामकुमार यादव, विनय यादव, लल्लू यादव, गुड्डी यादव, छोटी यादव, नीतीश यादव, इंदु यादव, महेंद्र यादव व चिंता देवी छबिलापुर थाना क्षेत्र के लोदीपुर गांव के निवासी हैं. जबकि, कृष्ण यादव, विनोद यादव व श्यामदेव यादव करमू बिगहा गांव के रहने वाले हैं. वहीं आरोपी अवधेश यादव मालीसांढ़ गांव का निवासी है. अशोक यादव गया जिले के नीमचक बथानी थाना के बथानी गांव का रहने वाले है.

किस चीज का है विवाद: मामले में अभियोजन की ओर से लोक अभियोजक कैसर इमाम व सूचक की ओर से अधिवक्ता कमलेश कुमार ने सभी 25 लोगों की गवाही कराई थी. आरोपियों ने भी बेगुनाही साबित करने के लिए 4 लोगों की कोर्ट में गवाही करायी थी. सूचक कृष्णदेव प्रसाद के अधिवक्ता कमलेश कुमार ने बताया कि मृतक व आरोपितों के बीच वर्ष 2010 से जमीन विवाद चल रहा था. इस संबंध में एक टाइटल सूट मुकदमा न्यायालय में लंबित है.

कई लोगों की हुई थी हत्या: विवादित जमीन को लेकर 4 अगस्त 2021 को 12 बजे दिन में आरोपी ट्रैक्टर लेकर विवादित खेत की जुताई कर रहे थे. इसी दौरान सूचक व उनके परिजन वहां पहुंचे और कोर्ट में दर्ज मुकदमे का हवाला देकर फैसला आने तक जुताई नहीं करने का आग्रह किया. इसके बाद दोनों पक्षों में कहासुनी और विवाद शुरू हुआ. इसी दौरान आरोपित चिंता देवी के आदेश पर अंधाधुंध गोली चलाई गई. जिससे धीरेंद्र यादव, यद्दु यादव, महेश यादव, पिंटू यादव व सिब्बल यादव की गोली लगने से मौत हो गई थी.

"2010 से दो पक्षों के बीच जमीन विवाद चल रहा था. विवादित जमीन को लेकर 4 अगस्त 2021 आरोपियों ने ट्रैक्टर से खेत की जुताई शुरू की. जिसके बाद विवाद आगे बढ़ा और आरोपित चिंता देवी के आदेश पर अंधाधुंध गोली चला दी गई. जिसमें कई लोगों की मौत हो गई थी और बिंदा उर्फ वीरेंद्र कुमार, मंटू उर्फ अतुल, मिठू यादव व परशुराम यादव गोली लगने से जख्मी हो गए थे."- कमलेश कुमार, अधिवक्ता

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