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गर्लफ्रेंड का खर्चा पूरा करने के लिए मुन्नाभाई बना MBBS का छात्र, फिंगर प्रिंट से हुआ बेनकाब - Fake Candidate in NEET UG Exam

NEET UG Exam Fake Candidate Caught in Dehradun देहरादून में नीट यूजी की परीक्षा के दौरान एक मुन्ना भाई बायोमेट्रिक सत्यापन के दौरान पकड़ा गया. जब उससे पूछताछ की गई तो उसने सारे राज उगल दिए. आरोपी ने बताया कि उसे परीक्षा देने के लिए 2 लाख रुपए मिले थे. जानिए आगे फिर क्या हुआ?

Fake Candidate Caught in Dehradun
पुलिस की गिरफ्त में आरोपी (फोटो- देहरादून पुलिस)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : May 6, 2024, 9:37 PM IST

देहरादून: बीती 5 मई को आयोजित नीट यूजी (NEET) प्रवेश परीक्षा में पकड़े गए मुन्ना भाई को पुलिस ने हिरासत में लेकर परिजनों को सौंप दिया है. आरोपी अभ्यर्थी का दोस्त था, जिसे अभ्यर्थी ने परीक्षा देने के लिए पैसे दिए थे. उनके बीच दो लाख रुपए में सौदा हुआ था. पुलिस ने आरोपी को 41a का नोटिस देकर परिवार के सुपुर्द कर दिया है.

इस तरह से बेनकाब हुआ मुन्ना भाई: दरअसल, राजा रोड स्थित एक निजी स्कूल के परीक्षा केंद्र प्रभारी अरुण सक्सेना ने पुलिस में एक शिकायत दर्ज कराई थी. जिसमें उन्होंने बताया था कि 5 मई को शाम की शिफ्ट में नीट यूजी NEET UG (National Eligibility Cum Entrance Test) की प्रवेश परीक्षा को लेकर कमरा संख्या 25 में अभ्यर्थियों का बायोमेट्रिक सत्यापन किया जा रहा था. सत्यापन के दौरान अभ्यर्थी मयंक गौतम के फिंगर प्रिंट मैच नहीं हुए. ऐसे में अभ्यर्थी का दो-तीन बार मिलान किया गया, फिर भी मिलान यानी मैच नहीं हो पाया. जिसके बाद उन्होंने इसकी शिकायत पुलिस से की.

मयंक गौतम की जगह आया था राजेश चौधरी: वहीं, परीक्षा केंद्र प्रभारी अरुण सक्सेना की सूचना पर कोतवाली नगर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर अभ्यर्थी मयंक गौतम से पूछताछ शुरू की. जब सख्ती से पूछताछ की गई तो उसका पूरा भेद खुल गया. आरोपी ने बताया कि उसका नाम राजेश चौधरी है, वो अभ्यर्थी मयंक गौतम के स्थान पर आया हुआ था. पुलिस ने आरोपी राजेश चौधरी को मौके से हिरासत में लेकर कोतवाली ले गई, जहां परीक्षा केंद्र प्रभारी सक्सेना की तहरीर के आधार पर आरोपी राजेश चौधरी और अभ्यर्थी मयंक गौतम के खिलाफ मुअसं. 226/24 धारा 419, 420, 120 बी के तहत मुकदमा दर्ज किया गया.

इस तरह से हुई जान पहचान: देहरादून नगर कोतवाली प्रभारी कैलाश चंद्र ने बताया कि रुद्रपुर निवासी मयंक गौतम की जगह जोधपुर (राजस्थान) निवासी राजेश चौधरी परीक्षा देने आया था. आरोपी राजेश चौधरी ने बताया कि वो वर्तमान में राजकीय मेडिकल कॉलेज पाली में एमबीबीएस द्वितीय वर्ष का छात्र है, जिसने साल 2022 में नीट की परीक्षा पास की थी. सितंबर 2022 में ऋषिकेश, हरिद्वार और केदारनाथ घूमने के दौरान उसकी मुलाकात मयंक गौतम से हुई थी. इस दौरान मयंक ने बताया कि वो नीट की परीक्षा पास करना चाहता था, लेकिन पढ़ाई में कमजोर होने के कारण वो उसमें असफल रहा.

गर्लफ्रेंड के खर्चे पूरा करने के लिए मुन्ना भाई बना MBBS छात्र: इसके बाद आरोपी राजेश चौधरी सोशल मीडिया के जरिए लगातार मयंक गौतम के संपर्क में रहा. मयंक गौतम ने आरोपी को उसके स्थान पर नीट की परीक्षा पास करने और उसके एवज में 2 लाख रुपए देने का प्रलोभन दिया. बताया जा रहा है कि आरोपी राजेश चौधरी की एक युवती से दोस्ती थी. ऐसे में पढ़ाई के खर्चों के साथ उसके खर्चे वहन करने में उसे कठिनाई हो रही थी. इसलिए आरोपी ने प्रलोभन में आकर इस ऑफर को स्वीकार कर लिया.

वहीं, योजना के तहत अभियुक्त राजेश चौधरी ने अपनी पासपोर्ट साइज फोटो को फेसबुक के जरिए मयंक गौतम को भेजा. जिसे मयंक गौतम ने अपने परीक्षा फार्म में लगाया और उसे नीट की परीक्षा का परीक्षा केंद्र देहरादून में होने की जानकारी दी. ऐसे में 5 मई को आरोपी राजेश भेजे गए प्रवेश पत्र को लेकर परीक्षा केंद्र पहुंचा, लेकिन बायोमेट्रिक मशीन से आरोपी के फिंगर प्रिंट का मयंक गौतम के आधार कार्ड से मिलान न होने पर पकड़ में आ गया.

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देहरादून: बीती 5 मई को आयोजित नीट यूजी (NEET) प्रवेश परीक्षा में पकड़े गए मुन्ना भाई को पुलिस ने हिरासत में लेकर परिजनों को सौंप दिया है. आरोपी अभ्यर्थी का दोस्त था, जिसे अभ्यर्थी ने परीक्षा देने के लिए पैसे दिए थे. उनके बीच दो लाख रुपए में सौदा हुआ था. पुलिस ने आरोपी को 41a का नोटिस देकर परिवार के सुपुर्द कर दिया है.

इस तरह से बेनकाब हुआ मुन्ना भाई: दरअसल, राजा रोड स्थित एक निजी स्कूल के परीक्षा केंद्र प्रभारी अरुण सक्सेना ने पुलिस में एक शिकायत दर्ज कराई थी. जिसमें उन्होंने बताया था कि 5 मई को शाम की शिफ्ट में नीट यूजी NEET UG (National Eligibility Cum Entrance Test) की प्रवेश परीक्षा को लेकर कमरा संख्या 25 में अभ्यर्थियों का बायोमेट्रिक सत्यापन किया जा रहा था. सत्यापन के दौरान अभ्यर्थी मयंक गौतम के फिंगर प्रिंट मैच नहीं हुए. ऐसे में अभ्यर्थी का दो-तीन बार मिलान किया गया, फिर भी मिलान यानी मैच नहीं हो पाया. जिसके बाद उन्होंने इसकी शिकायत पुलिस से की.

मयंक गौतम की जगह आया था राजेश चौधरी: वहीं, परीक्षा केंद्र प्रभारी अरुण सक्सेना की सूचना पर कोतवाली नगर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर अभ्यर्थी मयंक गौतम से पूछताछ शुरू की. जब सख्ती से पूछताछ की गई तो उसका पूरा भेद खुल गया. आरोपी ने बताया कि उसका नाम राजेश चौधरी है, वो अभ्यर्थी मयंक गौतम के स्थान पर आया हुआ था. पुलिस ने आरोपी राजेश चौधरी को मौके से हिरासत में लेकर कोतवाली ले गई, जहां परीक्षा केंद्र प्रभारी सक्सेना की तहरीर के आधार पर आरोपी राजेश चौधरी और अभ्यर्थी मयंक गौतम के खिलाफ मुअसं. 226/24 धारा 419, 420, 120 बी के तहत मुकदमा दर्ज किया गया.

इस तरह से हुई जान पहचान: देहरादून नगर कोतवाली प्रभारी कैलाश चंद्र ने बताया कि रुद्रपुर निवासी मयंक गौतम की जगह जोधपुर (राजस्थान) निवासी राजेश चौधरी परीक्षा देने आया था. आरोपी राजेश चौधरी ने बताया कि वो वर्तमान में राजकीय मेडिकल कॉलेज पाली में एमबीबीएस द्वितीय वर्ष का छात्र है, जिसने साल 2022 में नीट की परीक्षा पास की थी. सितंबर 2022 में ऋषिकेश, हरिद्वार और केदारनाथ घूमने के दौरान उसकी मुलाकात मयंक गौतम से हुई थी. इस दौरान मयंक ने बताया कि वो नीट की परीक्षा पास करना चाहता था, लेकिन पढ़ाई में कमजोर होने के कारण वो उसमें असफल रहा.

गर्लफ्रेंड के खर्चे पूरा करने के लिए मुन्ना भाई बना MBBS छात्र: इसके बाद आरोपी राजेश चौधरी सोशल मीडिया के जरिए लगातार मयंक गौतम के संपर्क में रहा. मयंक गौतम ने आरोपी को उसके स्थान पर नीट की परीक्षा पास करने और उसके एवज में 2 लाख रुपए देने का प्रलोभन दिया. बताया जा रहा है कि आरोपी राजेश चौधरी की एक युवती से दोस्ती थी. ऐसे में पढ़ाई के खर्चों के साथ उसके खर्चे वहन करने में उसे कठिनाई हो रही थी. इसलिए आरोपी ने प्रलोभन में आकर इस ऑफर को स्वीकार कर लिया.

वहीं, योजना के तहत अभियुक्त राजेश चौधरी ने अपनी पासपोर्ट साइज फोटो को फेसबुक के जरिए मयंक गौतम को भेजा. जिसे मयंक गौतम ने अपने परीक्षा फार्म में लगाया और उसे नीट की परीक्षा का परीक्षा केंद्र देहरादून में होने की जानकारी दी. ऐसे में 5 मई को आरोपी राजेश भेजे गए प्रवेश पत्र को लेकर परीक्षा केंद्र पहुंचा, लेकिन बायोमेट्रिक मशीन से आरोपी के फिंगर प्रिंट का मयंक गौतम के आधार कार्ड से मिलान न होने पर पकड़ में आ गया.

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