लखनऊ: जिले के मलिहाबाद से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. यहां एक जिंदा व्यक्ति को कागजो पर मरा हुआ दिखाकर लेखपाल, कानूनगो ने दूसरे व्यक्ति के नाम उसकी जमीन कर दी. परेशान बुजुर्ग ने तहसील दिवस में नए डीएम के सामने जाकर कहा, साहब मैं जिंदा हूं. डीएम विशाख ने इस मामले का संज्ञान लेकर तत्काल मामले के जांच के आदेश दिए है.
ग्राम पंचायत खड़हुआ निवासी श्यामलाल ने आरोप लगाते हुए बताया कि उसे कागजो में मरा हुआ दिखाकर लेखपाल व कानूनगो ने किसी दूसरे के नाम उसकी वरासत ( मालिकाना हक) कर दी. जब कि उसकी भूमि खसरा संख्या 2147 रकबा 0.013 है. रकबा 2173 रकबा 0.380 है. व 2126 रकबा 0.367 है व 2122 रकबा 0.023 है कुल चार रकबा 0. 783 है. जिस जमीन का वह मालिक है. जमीन का आवंटन पीड़ित के पिता जयराम के नाम 1976 में हुआ था. पिता की मौत के बाद जमीन की विरासत उसके व उसकी मां सुखदेई के नाम हुई थी. मां सुखदेई की मौत के बाद 2019 में उसके नाम वरासत हुई थी. मौजूदा समय में वह जमीन पर काबिज है. वह पढ़ा लिखा नहीं है.
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जब पीड़ित श्यामलाल अपनी केवाईसी कराने के लिए अपने भूमि नंबर की खतौनी हासिल की तो पता चला कि उसे मरा दिखाकर भूमि रामपति, देवी प्रसाद और राजबहादुर निवासी बाक मजरा खड़हुआ को कर दी गई है. जबकि वह अन्य पिछड़ा वर्ग से है. जिनके नाम वरासत की गई है, वह अनुसूचित जाति के हैं. पीड़ित श्यामलाल ने बताया कि मेरी जमीन की वरासत कानूनगो तथा लेखपाल ने बिना जांच पड़ताल किए कर दी है. जबकी मेरी जमीन में जिनका नाम चढ़ाया गया है उन खातेदारों से मेरा कोई वास्ता नहीं है. पीड़ित ने डीएम से दोषियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है.
इस मामले में उप जिलाधिकारी मलीहाबाद गुंजिता अग्रवाल ने बताया कि एक व्यक्ति ने आरोप लगाते हुए शिकायत की उसको कागजो पर मरा हुआ दिखाकर लेखपाल व कानूनगो ने दूसरे के नाम वरासत कर दी. मामला जानकारी में आया है. डीएम के निर्देश पर टीम गठित कर दी गई है, जिसमे तहसीलदार को मामले की जांच कर रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है.
डीएम विशाख ने तत्काल बुजुर्ग की समस्या निरस्तारण के लिए नायब तहसीलदार को मामले की जांच करने के आदेश दिये है. साथ ही संपूर्ण समाधान दिवस पर गंदगी देख नाराजगी जताई. उन्होंने तहसील में साफ सफाई के निर्देश दिए.
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