जयपुर. दी सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड के प्रबंध निदेशक के खिलाफ दर्ज भ्रष्टाचार के मामले में एसीबी ने जयपुर और जालोर में तीन ठिकानों पर छापेमार कार्रवाई की है. तत्कालीन प्रबंध निदेशक के आवास और अन्य ठिकानों पर तलाशी जारी है. एसीबी ने सर्च अभियान चलाकर 131 पट्टे, 740 ग्राम सोने के आभूषण, 3.9 किलो चांदी, 7 लाख के डायमंड आभूषण, एक बैंक लॉकर, 52 लाख की एफडी, 22 तोला सोना, 4 किलो चांदी समेत अन्य सामान बरामद किया है.
एसीबी के एडीजी हेमन्त प्रियदर्शी के मुताबिक एसीबी मुख्यालय के निर्देश पर मंगलवार को एसीबी की टीमों ने जयपुर और जालोर में कार्रवाई करते हुए दी सेन्ट्रल कॉपरेटिव बैंक लिमिटेड जिला जालोर के तत्कालीन प्रबंध निदेशक (हाल निलंबित) केके मीणा और अन्य के विरुद्ध दर्ज भ्रष्टाचार के प्रकरण में आरोपियों के जालोर और जयपुर में स्थित 3 विभिन्न ठिकानों पर तलाशी अभियान चलाया.
शिकायत के बाद हुई कार्रवाई : एडीजी हेमन्त प्रियदर्शी (अतिरिक्त चार्ज महानिदेशक) ने बताया कि ब्यूरो मुख्यालय को एक शिकायत प्राप्त हुई थी. इसमें बताया कि दी सेन्ट्रल कॉपरेटिव बैंक लिमिटेड जिला जालोर के तत्कालीन प्रबंध निदेशक केके मीणा की ओर से वरिष्ठ प्रबंधक (रिटायर्ड) जसाराम और उनके पुत्र प्रवीण मीणा के मार्फत रिश्वत के रूप में 40 लाख रुपए प्राप्त कर अपने परिचितों के बैंक खातों में ट्रांसफर किए हैं. शिकायत का सत्यापन किया गया. सत्यापन करने के बाद भ्रष्टाचार पाए जाने पर प्रकरण दर्ज किया गया. प्रकरण दर्ज कर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सिरोही ओमप्रकाश चौधरी के नेतृत्व में अनुसंधान अधिकारी एसीबी इंस्पेक्टर पदमपाल ने न्यायालय से तलाशी वारंट प्राप्त किया. एसीबी के जयपुर ग्रामीण अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुनील सिहाग, पुलिस निरीक्षक एसीबी जालोर अरविन्द की टीमों के साथ आज मंगलवार अलसुबह आरोपियों के जयपुर और जालोर स्थित 3 विभिन्न ठिकानों पर तलाशी की कार्रवाई की गई.
तलाशी में आरोपी केके मीणा के जयपुर स्थित आवास से आवासीय भूखण्डों के 131 पट्टे, 740 ग्राम सोने के आभूषण, 3.90 किलोग्राम चांदी और 7 लाख रुपये डायमण्ड आभूषण मिले हैं. इसके अलावा 1 बैंक लॉकर और 5 बैंक खाते भी मिले हैं. संदिग्ध जसाराम वरिष्ठ प्रबंधक (रिटायर्ड) के जालोर स्थित आवास से तलाशी में 52 लाख रुपए की एफडी, 22 तोला स्वर्ण आभूषण, 4 किलोग्राम चांदी और 2 लाख रुपए नकदी मिली है. प्राथमिक आकलन और अब तक मिले दस्तावेजों के अनुसार आरोपी केके भीणा की ओर से अनेक परिसम्पत्तियां अर्जित करने का अनुमान है, जो उनकी वैध आय से अधिक है.
एसीबी के अतिरिक्त महानिदेशक स्मिता श्रीवास्तव के निर्देशन में एसीबी की विभिन्न टीमों की ओर से आरोपी के ठिकानों पर तलाशी अभियान जारी है. मामले में एसीबी की ओर से आय से अधिक सम्पत्ति अर्जित करने का प्रकरण अलग से पीसी एक्ट में दर्ज करके अग्रिम अनुसंधान किया जाएगा.