बहरोड. बहरोड सदर थाने पर थाना प्रभारी और रीडर को एसीबी ने एक आईफोन लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है. एक ठगी की कार्रवाई करने की एवज में थाना प्रभारी ने पीड़ित से एक आईफोन की डिमांड की थी. दोनों को रंगे हाथ पकड़ने के लिए एसीबी को पांच दिन तक का इतंजार करना पड़ा.
एडिशनल एसपी सुनील सिहाग ने बताया कि बहरोड सदर थाने के थाना प्रभारी राजेश यादव और रीडर अजीत को पकड़ने के लिए एसीबी ने 5 दिन का इंतजार किया. वो 5 दिन एसीबी ने कैसे गुजारे, उन्होंने ऑफ द रिकॉर्ड यह कैमरे के सामने बताया है. एसीबी अधिकारी ने बताया कि हम 27 मई से ट्रैप की कार्रवाई को अंजाम देने में लगे हुए थे. जिसके लिए हर दिन हमें रात 3:30 बजे तक थानाधिकारी और रीडर का इंतजार करना पड़ता था. हमारी रातें कैसे गुजरी वो हम ही जानते हैं लेकिन 1 जून को दोपहर 3 बजे आखिरकार दोनों को आईफोन लेते एसीबी ने गिरफ्तार कर लिया.
आईफोन के चक्कर में चढ़े एसीबी के हत्थे : परिवादी ने जयपुर एसीबी मुख्यालय में थाना प्रभारी और रीडर के खिलाफ शिकायत दी थी कि उसके साथ एक करोड़ की धोखाधड़ी हुई है. जिस पर उन्होंने सदर थाने में मामला दर्ज कराया था. लेकिन थाना प्रभारी ने उसको ही मामले में फंसाने की धमकी दी थी. इसके बाद रीडर और एसएचओ ने एक आईफोन की मांग की थी. जिस पर सत्यता पाए जाने पर एसीबी ने शनिवार दोपहर बाद थाना प्रभारी और रीडर को रंगे हाथों ट्रैप किया गया. वहीं जांच में सामने आया कि रीडर के द्वारा प्रिंटर के लिए 15 हजार की मांग की थी, लेकिन रुपए लेने के बजाय उन्होंने पहले आईफोन लेना ही बेहतर समझा और फिर आईफोन के चक्कर में एसीबी के हत्थे चढ़ गए. इसके बाद देर रात थाना प्रभारी और रीडर के आवास पर एसीबी की कार्रवाई चलती रही.
चाय की थड़ी और थाने के बाहर बैठकर करते थे इंतजार : थाना प्रभारी और रीडर को ट्रैप करने के लिए एसीबी के अधिकारी कर्मचारी भीषण गर्मी में चाय की दुकान और थाने के बाहर बैठकर इंतजार करते थे. कई बार प्यासे मर जाते थे, लेकिन उनके दिल में बस एक ही मकसद था आरोपियों को रंगे हाथ पकड़ना, इसके लिए मौका नहीं मिल पा रहा था. कार्रवाई के दिन अचानक आधा दर्जन गाड़ियां थाने में प्रवेश करते ही थाना स्टाफ सकते में आ गया. कुछ समझ पाते उससे पहले ही एसीबी ने दोनों को धर दबोचा. वहीं जांच में सामने आया है कि रीडर ने प्रिंटर के लिए 15 हजार की मांग की थी, लेकिन रुपए लेने के बजाय उन्होंने पहले आईफोन लेना ही बेहतर समझा.