जयपुर. भ्रष्टाचार पर कड़ा रुख अपनाते हुए प्रदेश की भजनलाल सरकार ने एक महिला आरएएस अधिकारी सहित रिश्वत के मामले के तीन आरोपियों के खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति दे दी है. अब इनके खिलाफ कोर्ट में मुकदमा चलेगा. इन तीनों आरोपियों के खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति लंबे समय से पेंडिंग थी. दरअसल, भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने आरएएस अधिकारी ममता यादव (तत्कालीन जोन उपयुक्त, जेडीए) को फरवरी 2022 में रिश्वत के मामले में पकड़ा था. जबकि भरतपुर के आरबीएम अस्पताल के डॉ. अनिल गुप्ता को 8 अगस्त 2021 को रिश्वत लेते एसीबी ने गिरफ्तार किया था. इसी तरह उदयपुर में कृषि अधिकारी पर्वतदान को एसीबी ने 8 जून को 2023 को गिरफ्तार किया था. इसके बाद एसीबी ने अभियोजन की स्वीकृति के लिए सरकार को पत्र लिखा था. अब सरकार ने इनके खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी है.
1.10 लाख की घूस मामले में पकड़ी गई थी ममता यादव : एसीबी ने जयपुर विकास प्राधिकरण की तत्कालीन जोन उपायुक्त (आरएएस अधिकारी) ममता यादव को फरवरी 2022 में 1.10 लाख रुपए की घूस लेने के मामले में गिरफ्तार किया था. पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने ममता यादव को सस्पेंड कर दिया था. लेकिन एसीबी को अभियोजन की स्वीकृति नहीं दी थी. अब भजनलाल सरकार ने अभियोजन की स्वीकृति दे दी है.
दो हजार की रिश्वत लेते पकड़ा गया डॉक्टर : एसीबी ने भरतपुर के आरबीएम अस्पताल के डॉ. अनिल गुप्ता को 8 अगस्त 2021 को दो हजार रुपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था. पहले एसीबी में अपने स्तर पर डॉ. अनिल को जमानत दे दी. लेकिन बाद में गिरफ्तार कर लिया गया था. इसके बाद एसीबी ने अभियोजन की स्वीकृति मांगी. जो लंबे समय से पेंडिंग थी. अब सरकार ने मुकदमा चलाने की अनुमति दी है.
कृषि अधिकारी को 25 हजार घूस लेते पकड़ा था : एसीबी ने उदयपुर में तैनात कृषि अधिकारी पर्वतदान को 8 जून 2023 को 8 हजार रुपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था. गिरफ्तारी के बाद अभियोजन स्वीकृति के लिए एसीबी ने सरकार को पत्र लिखा था. लेकिन उस समय अभियोजन की स्वीकृति नहीं मिली. अब अभियोजन की मंजूरी मिलने के बाद पर्वतदान के खिलाफ कोर्ट में केस चलेगा.