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हेरिटेज मेयर मुनेश पर गिरफ्तारी की 'तलवार', रिश्वत के मामले में एसीबी को मिले सबूत - Munesh Gurjar in Bribery Case - MUNESH GURJAR IN BRIBERY CASE

जयपुर हेरिटेज नगर निगम की महापौर मुनेश गुर्जर पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है. रिश्वत मामले में एसीबी को मेयर मुनेश गुर्जर की मिलीभगत के सबूत मिले हैं. एसीबी ने सरकार से मेयर के खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति मांगी है.

महापौर मुनेश गुर्जर
महापौर मुनेश गुर्जर (ETV Bharat GFX)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jun 16, 2024, 1:47 PM IST

जयपुर. जयपुर हेरिटेज नगर निगम की महापौर मुनेश गुर्जर की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं. पट्टे जारी करने के बदले रिश्वत के जिस मामले में उनके पति की गिरफ्तारी हुई थी, उसमें एसीबी को मेयर मुनेश गुर्जर की मिलीभगत के सबूत मिले हैं. एसीबी ने सरकार से मेयर के खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति मांगी है. अभियोजन की स्वीकृति मिलने पर मुनेश की गिरफ्तारी हो सकती है. ऐसे में उनकी कुर्सी पर भी खतरा मंडरा सकता है. संभावना है कि अभियोजन की स्वीकृति मिलने पर एसीबी सुशील गुर्जर और मुनेश गुर्जर के खिलाफ एक साथ कोर्ट में चालान पेश कर सकती है. एसीबी के डीजी डॉ. रविप्रकाश मेहरड़ा का कहना है कि एसीबी ने स्वायत्त शासन विभाग से अभियोजन की स्वीकृति मांगी है. इसके लिए एसीबी की ओर से विभाग को पत्र भेजा गया है. इस मामले में स्वायत्त शासन विभाग की ओर से मामले के जांच अधिकारी से चर्चा की जाएगी.

दरअसल, एसीबी ने 4 अगस्त 2023 को मुनेश गुर्जर के घर पर छापेमारी की थी. उनके पति सुशील गुर्जर को पट्टे जारी करने की एवज में दो लाख रुपए रिश्वत मांगने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. इस मामले में एसीबी ने दलाल नारायण सिंह और अनिल दुबे को भी गिरफ्तार किया था. मेयर के घर से परिवादी के पट्टे की फाइल के साथ ही 41 लाख रुपए नकद मिले थे, जबकि दलाल नारायण सिंह के घर से 8.95 लाख रुपए बरामद हुए थे. अब इस मामले की जांच में मुनेश गुर्जर की मिलीभगत सामने आने के बाद एसीबी ने स्वायत्त शासन विभाग से अभियोजन चलाने की अनुमति मांगी है.

पढ़ें. Rajasthan ACB Action : जयपुर हेरिटेज नगर निगम की मेयर मुनेश गुर्जर के पति गिरफ्तार, 2 लाख रिश्वत मांगने का आरोप, घर से मिले 41.55 लाख रुपये नकद

सरकार ने किया था निलंबित, हाईकोर्ट से मिली राहत : मुनेश गुर्जर के घर पर एसीबी की छापेमारी और नकदी व पट्टे की फाइल मिलने के बाद तत्कालीन गहलोत सरकार ने मुनेश गुर्जर को निलंबित कर दिया था. इसके बाद मुनेश गुर्जर हाईकोर्ट तक गईं, जहां से उन्हें राहत मिलने के बाद उन्होंने फिर से मेयर की कुर्सी संभाली थी. अब इस मामले में एसीबी की जांच में मुनेश गुर्जर की मिलीभगत सामने आने के बाद एकबार फिर उनकी मुसीबत बढ़ती दिख रही है. अभियोजन की स्वीकृति मिलती है तो उनकी कुर्सी पर खतरा मंडरा सकता है.

स्थानीय निकाय विभाग देगा अनुमति : इस मामले में एसीबी ने मुनेश के पति सुशील गुर्जर, दलाल नारायण सिंह और अनिल दुबे को गिरफ्तार कर जेल भिजवा दिया था. बाद में उन्हें जमानत मिल गई. इस मामले की जांच में मुनेश गुर्जर की मिलीभगत सामने आई है. पिछले साल नवंबर में एसीबी ने मुनेश के बयान दर्ज किए थे. जांच अधिकारी राजेंद्र नैन की रिपोर्ट पर एसीबी ने पति सुशील के साथ मुनेश के खिलाफ भी चालान पेश करने का निर्णय लिया है. इसके लिए एसीबी ने स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक से अभियोजन चलाने की स्वीकृति मांगी है.

जयपुर. जयपुर हेरिटेज नगर निगम की महापौर मुनेश गुर्जर की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं. पट्टे जारी करने के बदले रिश्वत के जिस मामले में उनके पति की गिरफ्तारी हुई थी, उसमें एसीबी को मेयर मुनेश गुर्जर की मिलीभगत के सबूत मिले हैं. एसीबी ने सरकार से मेयर के खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति मांगी है. अभियोजन की स्वीकृति मिलने पर मुनेश की गिरफ्तारी हो सकती है. ऐसे में उनकी कुर्सी पर भी खतरा मंडरा सकता है. संभावना है कि अभियोजन की स्वीकृति मिलने पर एसीबी सुशील गुर्जर और मुनेश गुर्जर के खिलाफ एक साथ कोर्ट में चालान पेश कर सकती है. एसीबी के डीजी डॉ. रविप्रकाश मेहरड़ा का कहना है कि एसीबी ने स्वायत्त शासन विभाग से अभियोजन की स्वीकृति मांगी है. इसके लिए एसीबी की ओर से विभाग को पत्र भेजा गया है. इस मामले में स्वायत्त शासन विभाग की ओर से मामले के जांच अधिकारी से चर्चा की जाएगी.

दरअसल, एसीबी ने 4 अगस्त 2023 को मुनेश गुर्जर के घर पर छापेमारी की थी. उनके पति सुशील गुर्जर को पट्टे जारी करने की एवज में दो लाख रुपए रिश्वत मांगने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. इस मामले में एसीबी ने दलाल नारायण सिंह और अनिल दुबे को भी गिरफ्तार किया था. मेयर के घर से परिवादी के पट्टे की फाइल के साथ ही 41 लाख रुपए नकद मिले थे, जबकि दलाल नारायण सिंह के घर से 8.95 लाख रुपए बरामद हुए थे. अब इस मामले की जांच में मुनेश गुर्जर की मिलीभगत सामने आने के बाद एसीबी ने स्वायत्त शासन विभाग से अभियोजन चलाने की अनुमति मांगी है.

पढ़ें. Rajasthan ACB Action : जयपुर हेरिटेज नगर निगम की मेयर मुनेश गुर्जर के पति गिरफ्तार, 2 लाख रिश्वत मांगने का आरोप, घर से मिले 41.55 लाख रुपये नकद

सरकार ने किया था निलंबित, हाईकोर्ट से मिली राहत : मुनेश गुर्जर के घर पर एसीबी की छापेमारी और नकदी व पट्टे की फाइल मिलने के बाद तत्कालीन गहलोत सरकार ने मुनेश गुर्जर को निलंबित कर दिया था. इसके बाद मुनेश गुर्जर हाईकोर्ट तक गईं, जहां से उन्हें राहत मिलने के बाद उन्होंने फिर से मेयर की कुर्सी संभाली थी. अब इस मामले में एसीबी की जांच में मुनेश गुर्जर की मिलीभगत सामने आने के बाद एकबार फिर उनकी मुसीबत बढ़ती दिख रही है. अभियोजन की स्वीकृति मिलती है तो उनकी कुर्सी पर खतरा मंडरा सकता है.

स्थानीय निकाय विभाग देगा अनुमति : इस मामले में एसीबी ने मुनेश के पति सुशील गुर्जर, दलाल नारायण सिंह और अनिल दुबे को गिरफ्तार कर जेल भिजवा दिया था. बाद में उन्हें जमानत मिल गई. इस मामले की जांच में मुनेश गुर्जर की मिलीभगत सामने आई है. पिछले साल नवंबर में एसीबी ने मुनेश के बयान दर्ज किए थे. जांच अधिकारी राजेंद्र नैन की रिपोर्ट पर एसीबी ने पति सुशील के साथ मुनेश के खिलाफ भी चालान पेश करने का निर्णय लिया है. इसके लिए एसीबी ने स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक से अभियोजन चलाने की स्वीकृति मांगी है.

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