जयपुर. सवाई मानसिंह अस्पताल में ऑर्गन ट्रांसप्लांट की फर्जी एनओसी सर्टिफिकेट जारी करने के मामले में एसीबी की जांच पड़ताल जारी है. अब तक की जांच पड़ताल में सामने आया है कि करीब 800 से ज्यादा एनओसी जारी की जा चुकी हैं. आरोपी गौरव के घर से जब्त किए गए एनओसी सर्टिफिकेट में से 40 प्रतिशत विदेशी नागरिकों के पाए गए हैं. नेपाल, बांग्लादेश और कंबोडिया के नागरिकों के एनओसी सर्टिफिकेट बरामद हुए हैं. सवाई मानसिंह अस्पताल में कार्यालय में काफी फाइलें सीज की गई हैं. एसीबी 3 साल तक की केस फाइलों को खंगालेगी.
राजस्थान एसीबी के डीआईजी डॉ रवि के मुताबिक प्रदेश में ऑर्गन ट्रांसप्लांट मामलों में एनओसी जारी करने की एवज में रिश्वत लेने के मामले में पकड़े गए आरोपियों से कई खुलासे किए हैं. इस मामले में एसीबी टीम ने जयपुर के फोर्टिस अस्पताल में फाइलों को खंगाला है. करीब तीन साल में 800 से 1000 एनओसी जारी की गई. एसीबी की ओर से पकड़े गए एसएमएस अस्पताल के सहायक प्रशासनिक अधिकारी गौरव सिंह और ईएचसीसी अस्पताल में ऑर्गन ट्रांसप्लांट कोर्डिनेटर अनिल जोशी के साथ ही अन्य आरोपी विनोद से पूछताछ में कई खुलासे सामने आए हैं.
मुंबई से भी अस्पतालों का लिंक सामने आया: सर्च के दौरान गौरव के घर पर मिली करीब 40 फीसदी एनओसी सर्टिफिकेट विदेशी नागरिकों के पाए गए हैं. जो नेपाल, बांग्लादेश और कंबोडिया सहित अन्य देशों के नागरिकों के हैं. एसीबी ने एसएमएस अस्पताल में भी उनका कार्यायल सीज कर फाइलें खंगाली हैं. एसीबी के रडार पर अब प्रदेश में ऑर्गन ट्रांसप्लांट करने वाले करीब एक दर्जन अस्पताल हैं. जांच में मुंबई से भी अस्पतालों का लिंक सामने आया है.
बता दें कि रविवार देर रात को सवाई मानसिंह अस्पताल में अंग प्रत्यारोपण के संबंध में कर्मचारी और दलाल को एनओसी जारी करने की एवज में 70000 रुपए रिश्वत लेते-लेते पकड़ा गया था. एसीबी ने मामले में सवाई मानसिंह अस्पताल के सहायक प्रशासनिक अधिकारी गौरव सिंह, ईएचसीसी अस्पताल के ऑर्गन ट्रांसप्लांट कोऑर्डिनेटर अनिल जोशी और फोर्टिस अस्पताल के ऑर्गन ट्रांसप्लांट कोऑर्डिनेटर विनोद को गिरफ्तार किया था. अंग प्रत्यारोपण मामलों में एनओसी जारी करने की एवज में रिश्वत का लेनदेन हो रहा था. आरोपी की ओर से बिना कमेटी की बैठक बुलाए ही फर्जी हस्ताक्षरों से एनओसी प्रमाण पत्र जारी किए जा रहे थे.