जयपुर. प्रदेश में लोकसभा चुनाव के लिए मतदान संपन्न होने के साथ ही अब अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद एक बार फिर कैंपस में सक्रिय होने जा रहा है. एबीवीपी जुलाई महीने में परिसर चलो अभियान की शुरुआत करेगा. हालांकि, इससे पहले 6 मई से परिषद के कार्यकर्ता सदस्यता अभियान चलाते हुए छात्रों को जोड़ने की कवायद में जुटेंगे और इसकी शुरुआत स्कूलों से की जाएगी, जहां 9वीं से 12वीं तक के छात्रों को भी एबीवीपी सदस्यता ग्रहण कराएगा.
एबीवीपी ने कॉलेज और यूनिवर्सिटी के छात्रों से पहले इस बार स्कूली छात्रों को सदस्यता ग्रहण कराने का लक्ष्य निर्धारित किया है. इसे लेकर संगठन के प्रांत मंत्री अभिनव सिंह ने बताया कि लोकसभा के चुनाव में भी विद्यार्थी परिषद ने मतदाता जागरूकता का काम करते हुए अपनी भागीदारी निभाई. चूंकि, विद्यार्थी परिषद छात्र संगठन है, ऐसे में इसकी सक्रियता कॉलेज कैंपस में ज्यादा होनी चाहिए. यही वजह है कि अब अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद परिसर चलो और सदस्यता अभियान शुरू करने जा रहा है. अभिनव ने बताया कि एबीवीपी तीन चरणों में सदस्यता अभियान चलाएगी. इसकी शुरुआत 6 मई से होगी, जिसके तहत विद्यार्थी परिषद विद्यालय में पहुंचकर स्कूली छात्रों को सदस्यता दिलाएंगे. इसके बाद 20 जुलाई से व्यावसायिक विद्यार्थियों और 1 अगस्त से कॉलेज-यूनिवर्सिटी में छात्रों को एबीवीपी से जोड़ने का काम किया जाएगा. उन्होंने बताया कि एबीवीपी 9वीं से 12वीं तक के स्कूली छात्रों को भी परिषद में जोड़ने का काम करती है, क्योंकि ये एक गैर राजनीतिक संगठन है और राष्ट्रीय विचार के मुद्दों को समझने के लिए 9वीं क्लास का छात्र योग्य होता है.
2 लाख से ज्यादा सदस्य का टारगेट : प्रांत मंत्री अभिनव सिंह ने बताया कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की पिछले सत्र में पूरे देश में 50 लाख 65 हजार 264 सदस्यता रही थी. इसमें जयपुर प्रांत की 1 लाख 20 हजार 347 सदस्यता थी, लेकिन इस बार विद्यार्थी परिषद ने अपना टारगेट 2 लाख 34 हजार रखा है. इसमें 1 लाख विद्यालय के छात्रों को जोड़ने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इस अभियान के तहत विस्तारक योजना भी लगाई गई है, जिसमें परिषद के कुछ कार्यकर्ता अन्य जिलों में जाकर के सदस्यता अभियान में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करेंगे.
उन्होंने कहा कि कोरोना काल के बाद से कॉलेज और यूनिवर्सिटी कैंपस में छात्रों की संख्या में बहुत बड़ी गिरावट आई है, जो बड़ी चिंता का विषय है. इसे मद्देनजर रखते हुए बीते 12 जनवरी को स्वामी विवेकानंद जी की जयंती पर परिसर चलो अभियान की शुरुआत की गई थी. अब जुलाई महीने में नए सत्र में एक बार फिर इस अभियान को चलाया जाएगा. इस अभियान के तहत छात्रों के बीच जाकर उनसे कॉलेज-यूनिवर्सिटी कैंपस नहीं जाने का कारण पता लगाते हुए, कोई समस्या होने पर उनका निस्तारण करवाया जाएगा. इसके साथ ही कॉलेज कैंपस में छात्र संसद, खेलकूद प्रतियोगिता, सांस्कृतिक कार्यक्रमों जैसी कुछ रचनात्मक गतिविधियां भी चलाई जाएंगी.
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आंदोलन करने की चेतावनी : उन्होंने बताया कि एबीवीपी ने पहले विश्वविद्यालय में PAT एग्जाम आयोजित कराए जाने को लेकर आंदोलन किया था. फिर नियमों के तहत जिन भी अभ्यर्थियों ने एंट्रेंस एग्जाम में 50 फीसदी से ज्यादा अंक प्राप्त किए हैं, उन सभी को यानी करीब 3 गुना अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के लिए बुलाए जाने की मांग की. साथ ही उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से जारी की गई पीएचडी की विभाग वाइज लिस्ट पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि कई विभागों में लिस्ट कट ऑफ के आधार पर निकालने के बजाय अल्फाबेट के आधार पर निकाल दी गई है. इससे यही पता नहीं लग रहा कि कौन मेरिट में है, और कौन नहीं. इस वजह से उन्होंने दोबारा मेरिट कट ऑफ लिस्ट जारी करने और 50% से ज्यादा अंक प्राप्त करने वाले अभ्यर्थियों को इस लिस्ट में शामिल करने की मांग भी उठाई और ऐसा नहीं किए जाने पर आगामी दिनों में बड़ा आंदोलन करने की चेतावनी दी.