नई दिल्ली: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने दिल्ली स्थित जामिया मिलिया इस्लामिया में स्पोर्ट्स कोटे के प्रवेश में अनियमितताएं होने का आरोप लगाया है. साथ ही इस कोटे में हुए एडमिशन की जांच की मांग की है. जामिया मिलिया इस्लामिया, देश का एक प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय है, जिसकी NIRF रैंकिंग 3rd है. यहां प्रवेश आमतौर पर प्रवेश परीक्षा के माध्यम से होता है.
इस आरोपों को लेकर जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के जनसंपर्क अधिकारी अजीम अहमद का कहना है कि यह एक महीने पुराना मामला है. जब स्पोर्ट्स कोटे की सूची आई थी और उस पर आपत्ति उठी थी तो सूची को वापस ले लिया गया था. फिर अनियमितताओं की जांच के बाद दूसरी सूची जारी की गई थी, जिसकी दाखिला प्रक्रिया भी पूरी हो चुकी है. इस मामले में यूनिवर्सिटी की ओर से समाधान किया चुका है.
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की जामिया इकाई का कहना है कि जामिया की प्रवेश प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित नही होती है. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद जामिया इकाई की हमेशा यह मांग रही है कि विश्वविद्यालय की सभी प्रवेश प्रक्रियाओं को पारदर्शी बनाने के लिए CUET परीक्षा के माध्यम से सभी कोर्सों में प्रवेश हो. दुर्भाग्यवश, इस वर्ष भी जामिया प्रशासन ने केवल कुछ ही कोर्सों में CUET को अपनाया है, जो प्रवेश प्रक्रिया की पारदर्शिता पर संदेह उत्पन्न करता है.
इसके अतिरिक्त, जामिया विश्वविद्यालय में कुछ सीटें खेल के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्रों के लिए आरक्षित हैं. इन सीटों पर बिना किसी प्रवेश परीक्षा के केवल खेलों में प्रदर्शन (ट्रायल) और पूर्व में खेलों में प्रतिभागिता के प्रमाणों के आधार पर प्रवेश दिया जाता है.
अभाविप जामिया मिलिया इस्लामिया इकाई का दावा हैं कि हमें जानकारी मिली है कि जामिया के कुछ बड़े अधिकारियों और बाहरी व्यक्तियों की मिलीभगत से जाली प्रमाणपत्रों और ट्रायल में धांधली के जरिए ऐसे छात्रों का प्रवेश किया जा रहा है, जिनका उन खेलों से कोई वास्तविक संबंध नहीं है. जामिया मिलिया इस्लामिया इकाई के पास इस धांधली के पर्याप्त सबूत मौजूद हैं, जो विश्वविद्यालय की प्रवेश प्रक्रिया की विश्वसनीयता पर सवाल खड़ा करते हैं.
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अभाविप, जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के कुलपति से यह मांग करती है कि इस मामले की तुरंत निष्पक्ष जांच कराई जाए और गलत तरीके से हो रहे प्रवेश को अविलंब रोका जाए. यदि एक सप्ताह के भीतर इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जाती है तो अभाविप, जामिया मिलिया इस्लामिया इकाई, सबूतों को मीडिया के सामने उजागर करने और कानूनी प्रक्रिया शुरू करने के लिए बाध्य होगी.
अभाविप के जामिया मिलिया इस्लामिया के अध्यक्ष अभिषेक श्रीवास्तव ने कहा है कि यह विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा और यहां के छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है. हम इस धांधली को बर्दाश्त नहीं करेंगे और हर स्तर पर इसकी जांच की मांग करते हैं. अभाविप के मंत्री नासिर खुर्शीद ने कहा कि हमने इस मामले के पुख्ता सबूत इकट्ठे किए हैं, जो स्पष्ट रूप से दिखाते हैं कि खेल कोटे के नाम पर गलत तरीके से प्रवेश दिए जा रहे हैं. यदि प्रशासन ने जल्द कदम नहीं उठाया तो हम इसे जनता और कानून के सामने लाने के लिए मजबूर होंगे.