झांसी: फर्जी दस्तावेज तैयार कर संस्था की जमीन बेच देने के आरोप में दर्ज मुकदमे में फरार हरेंद्र मसीह और उसकी पत्नी समेत 6 लोगों के खिलाफ एक और केस दर्ज हुआ है. आरोप है कि क्रिश्चियन हॉस्पिटल के आउट हाउस में रहने वाली एक महिला के घर पर बुलडोजर चलाकर तोड़ने की धमकी देने के साथ रंगदारी मांगी गई. इसके बाद पीडिता ने पुलिस की शरण ली. बता दें कि करीब तीन माह पहले कानपुर कोतवाली क्षेत्र स्थित सिविल लाइंस में 1000 करोड़ रुपये की नजूल की भूमि कब्जाने के मामले में हरेंद्र मसीह को मास्टरमाइंड माना गया था. इसी मामले में पुलिस कानपुर प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष अवनीश दीक्षित को गिरफ्तार करके जेल भेज चुकी है. जबकि हरेंद्र फरार है. पुलिस ने हरेंद्र सहित 13 लोगों के खिलाफ चार्जशीट भी दाखिल कर दी है.
झांसी के नवाबाद थाना क्षेत्र के झोकनबाग स्थित क्रिश्चियन हॉस्पिटल के आउट हाउस में रहने वाली अनीसा ने रिपोर्ट दर्ज कराई कि वह कई वर्षों से निवास करती आ रही है. अस्पताल के आवश्यक कार्यों को करके जीवन यापन करती है. माफिया हरेन्द्र कुमार मसीह करोड़ों की सम्पत्ति का घपला करके फरार हो गया है. कुख्यात अपराधी फरार रहते हुए भी घटनाओं को अंजाम दे रहा है. 24 अक्टूबर को दोपहर करीब 1.30 बजे प्रकाश राज उर्फ सीनू, हरेन्द्र मसीह की पत्नी संगीता मसीह व 3 अज्ञात लोग आए और कहने लगे कि हमारी सस्था को मालिक मानकर यहां रह सकती हो. नहीं तो पूरी कॉलोनी में बुलडोजर चलवाकर जान से मरवा देंगे. पहले हम लोगों ने एक कर्मचारी की दुर्घटना करा दी, वह आज तक कुछ नहीं बिगाड़ सके.
कहा कि हरेन्द्र मसीह की जमानत करानी है, जिसके लिए 10 लाख रुपए की जरूरत है. तुम लोग मिलकर 2 लाख रुपए एकत्र करके दो. हरेंद्र ने जल्द पैसा भेजने के लिए कहा है. अन्यथा तड़पा-तड़पाकर मार डालेंगे. वह घबरा गई और 40 हजार रुपए दे दिए.
नवाबाद प्रभारी जितेंद्र सिंह ने बताया कि महिला की शिकायत पर आरोपियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. वहीं कई मामलों में फरार चल रहे हरेंद्र मसीह को पकड़ने के लिए तैयारी की जा रही है. जल्द ही उसको गिरफ्तार किया जाएगा.
हरेंद्र मसीह की संपत्ति कुर्क : 28 जुलाई को कानपुर के कोतवाली थाना क्षेत्र में जब सिविल लाइंस झोकनबाग, झांसी निवासी हरेंद्र मसीह के खिलाफ पुलिस ने 10000 करोड़ रुपये की जमीन को कब्जाने के मामले में मुकदमा दर्ज किया था. आरोपी अभी फरार चल रहा है. उसकी गिरफ्तारी न होने पर कानपुर पुलिस ने 5 दिन पहले ही उसकी संपत्ति कुर्क की है.
फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बेचने का आरोप लगा था: झांसी निवासी हरेंद्र मसीह ने झांसी में क्रिस्चन इंटर कॉलेज हॉस्पिटल सहित कई विदेशी संस्था की जमीन को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बेच दिया था. जिसका मुकदमा पहले से ही झांसी के थाना नवाबाद में दर्ज है. इसी प्रकार हरेंद्र मसीह ने कानपुर में भी 10 हजार करोड़ की 100 बीघा जमीन बेच डाली थी. जिस पर 28 जुलाई को कानपुर कोतवाली में हरेंद्र मसीह और उसके कई साथियों पर मुकदमा दर्ज हो चुका है. मुकदमा दर्ज होते ही कानपुर पुलिस की कार्रवाई के चलते हरेंद्र मसीह भूमिगत हो गया.
पुलिस ने दाखिल की चार्जशीट : इस मामले में पुलिस की ओर से दो अलग-अलग चार्जशीट दाखिल की गई हैं, जिसमें पहली चार्जशीट में लेखपाल विपिन कुमार ने 28 जुलाई 2024 को कोतवाली थाने में हरेंद्र मसीह, अवनीश दीक्षित समेत 13 नामजद समेत 20 अन्य लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था. इस मामले में संगठित अपराध के साथ बीएनएस की कई अन्य धाराओं में चार्जशीट लगाई गई हैं.
जमीन कब्जाने में प्रयोग किए गए दस्तावेज बने अहम आधार: डीसीपी पूर्वी एसके सिंह ने बताया कि पुलिस की ओर से जो चार्जशीट लगाई गई है, उसमें जमीन कब्जाने संबंधित दस्तावेजों को हम आधार बनाया गया है. इसमें जमीन पर कब्जा करने के लिए बनाई गई श्री आनंदेश्वर एसोसिएट्स कंपनी के दस्तावेज, जमीन की लिखा-पढ़ी संबंधी दस्तावेज, अवनीश दीक्षित की पावर ऑफ एटॉर्नी के दस्तावेज, लीज के कागजात, बैंकों में लेनदेन की रिपोर्ट को शामिल किया गया है. इसी तरह डकैती को साबित करने के लिए पुलिस की ओर से वीडियो फुटेज में मौजूद लोगों के बयान और आरोपी संदीप शुक्ला के बयानों को भी आधार बनाया गया है.