ETV Bharat / state

जेएमएम का पावर पिक्चर, तस्वीरें खोल रही हैं राज, पिंटू आउट, सुनील श्रीवास्तव इन! क्यों हो रही है चर्चा, पढ़ें रिपोर्ट - Jharkhand Politics - JHARKHAND POLITICS

Pintu out Sunil Srivastava in. झारखंड की राजनीति के पावर सेंटर से क्या पिंटू आउट हो गए हैं और सुनील श्रीवास्तव की एंट्री हो गई है? इसे लेकर खूब चर्चा हो रही है. क्यों इस बात की चर्चा हो रही है और एक्सपर्ट क्या कहते हैं, इस रिपोर्ट में जानें.

Pintu out Sunil Srivastava in
Pintu out Sunil Srivastava in
author img

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Apr 8, 2024, 6:23 PM IST

रांची: हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद सत्तारुढ़ जेएमएम का पावर पिक्चर हर गुजरते दिन के साथ बदल रहा है. ऐसा हम नहीं कह रहे बल्कि जेएमएम के अंदरखाने से बाहर आती तस्वीरें खुद बयां कर रही हैं. आपके सामने जो तस्वीर है, उसमें सत्ताधारी गठबंधन के तमाम बड़े चेहरे हैं.

हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन, कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी जीए मीर, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर, जेएमएम के महासचिव बिनोद पांडे, भाकपा माले के कोडरमा उम्मीदवार बिनोद कुमार सिंह, प्रदेश राजद के महसचिव कैलाश यादव और राजद कोटे के मंत्री सत्यानंद भोक्ता के बीच चाय पर चर्चा के बीच एक चेहरा ऐसा है जो अचानक से सुर्खियों में आ गया है. महाशय का नाम है सुनील श्रीवास्तव. ये तत्कालीन सीएम हेमंत सोरेन के वरीय आप्त सचिव रहे हैं. सत्ता में इनका रसूख जगजाहिर है. अब चर्चा हो रही है कि हेमंत के जेल जाने और पिंटू के तथाकथित रुप से आउट होते ही सुनील श्रीवास्तव जेएमएम के सिस्टम में 'इन' हो गये हैं.

सुनील श्रीवास्तव का कद कितना बढ़ गया है, उसे उनके बैठने के हाव भाव से समझा जा सकता है. महाशय का कॉन्फिडेंस देखिए. सत्ताधारी दलों के तमाम वरीय नेताओं के सामने पैर पर पैर चढ़ाकर चाय की चुस्की ले रहे हैं. जबतक हेमंत सोरेन सीएम रहे, तबतक सुनील श्रीवास्तव किसी भी बैठक में इस मुद्रा में नजर नहीं आए. चर्चा भी ऐसी वैसी नहीं बल्कि 21 अप्रैल को जेएमएम की ओर से रांची में बुलाई गयी उलगुलान न्याय महारैली की सफलता को लेकर थी. क्योंकि इसी मंच से कल्पना सोरेन के राजनीतिक कद की अग्नि परीक्षा होनी है.

अब सवाल है कि जिस सुनील श्रीवास्तव का कोई राजनीतिक आधार ही नहीं है, जो जेएमएम में सिर्फ केंद्रीय समिति के सदस्य हैं, वो इतने डिसाइसिव पोज में कैसे बैठ सकते हैं. वो भी पावर सेंटर बनीं कल्पना सोरेन के सामने. दिल्ली में केजरीवाल के समर्थन में हुई इंडी की रैली में भी सुनील श्रीवास्तव ही नजर आए थे. आपको बता दें कि जेएमएम में 300 से ज्यादा केंद्रीय सदस्य हैं. जबकि अभिषेक उर्फ पिंटू पार्टी में केंद्रीय सचिव हैं. आमतौर पर इस लेबल की बैठक में वरीयता मायने रखती है.

पार्टी नेताओं को खलेगी सुनील की मौजूदगी- शंभूनाथ

वरिष्ठ पत्रकार शंभूनाथ चौधरी ने कहा कि इसके दो पहलू हैं. पहली बात तो ये कि कल्पना सोरेन के नेतृत्व में गंभीर मसले पर सर्वदलीय बैठक बुलाई गई थी. उसमें सुनील श्रीवास्तव की मौजूदगी पार्टी के दूसरे वरिष्ठ नेताओं को जरुर खलेगी. क्योंकि पार्टी में सुनील श्रीवास्तव का कोई कद नहीं है. इन्हीं वजहों से पार्टी के भीतर पिंटू का भी विरोध होता रहा है.

दूसरी बात, अब साफ हो गया है कि हेमंत सोरेन के सलाहकार ही एक्टिव हैं. चूकि सुनील श्रीवास्तव उनके वरीय आप्त सचिव रहे हैं. जहां तक पिंटू की बात है तो उनकी अहमियत कम नहीं हुई है. शनिवार को भाजपा प्रवक्ता अजय आलोक ने प्रेस कॉन्फ्रेस में पिंटू का मसला उठाया था. उन्होंने कहा कि लैंड स्कैम मामले में ईडी को दिए बयान से पिंटू की जान को खतरा हो सकता है. उन्हें सुरक्षा दी जानी चाहिए. इसपर झामुमो ने फौरन जवाब दिया कि पिंटू की चिंता भाजपा को क्यों हो रही है. पिंटू की बातों को तोड़ मरोड़ कर रखा जा रहा है.

बैठक में शामिल राजद के महासचिव क्या बोले ?

कल्पना सोरेन द्वारा बुलाई गयी मीटिंग में मौजूद प्रदेश राजद के महासचिव कैलाश यादव से सुनील श्रीवास्तव की मौजूदगी को लेकर ईटीवी भारत ने बात की. फोन पर उन्होंने कहा कि वह किस हैसियत से बैठे थे, इसकी उन्हें जानकारी नहीं है. उन्होंने कहा कि वह कुछ नोट डाउन कर रहे थे. उनसे पूछा गया कि तस्वीर में तो सुनील श्रीवास्तव अन्य नेताओं की तरह चाय की चुस्की लेते नजर आ रहे हैं. इसपर उन्होंने कहा कि इसका जवाब तो जेएमएम के लोग ही दे सकते हैं.

उन्होंने यह भी कहा कि फोटो और विजुअल भी तो जेएमएम की तरफ से ही डाला गया है. जहां तक 21 अप्रैल को बुलाए गये उलगुलान न्याय महारैली की बात है तो इसमें राजद की ओर से तेजस्वी यादव आने वाले हैं. तबीयत ठीक रहने पर लालू यादव भी आ सकते हैं. अभी तक की जानकारी के मुताबिक राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे के अलावा शरद पवार, उद्धव ठाकरे का आना करीब-करीब तय है. ममता बनर्जी से भी बातचीत चल रही है. अगर वो नहीं आ पाईं तो किसी प्रतिनिधि को भेजेंगी.

झामुमो के कई नेता उठाते रहे हैं सवाल

बोरियो से झामुमो विधायक लोबिन हेंब्रम हमेशा इस बात को कहते रहे हैं कि पार्टी को कुछ बाहरियों ने हाईजैक कर लिया है. उन्होंने पंकज मिश्रा समेत कई नेताओं का नाम बराबर लिया है. पार्टी छोड़कर भाजपा में जा चुकीं गुरुजी की बड़ी बहू सीता सोरेन भी ये आरोप लगा चुकी हैं कि जेएमएम अब वो पार्टी नहीं रही. अब जबकि ईडी के चार्जशीट के मुताबिक अभिषेक प्रसाद उर्फ पिंटू ने स्वीकार कर लिया है कि हेमंत के कहने पर ही उन्होंने बड़गाई वाली जमीन का सत्यापन करवाया था, सत्ता के गलियारे में चर्चा है कि अभिषेक उर्फ पिंटू आउट हो गये हैं और उनकी जगह सुनील श्रीवास्तव ने ली ली है.

ये भी पढ़ें-

कल्पना सोरेन ने ली उलगुलान की जिम्मेदारी, इंडिया ब्लॉक के नेताओं के साथ बना रहीं रणनाीति, 21 को रांची में होगी रैली - JMM Ulgulan rally

पहली बार झामुमो कार्यालय पहुंची कल्पना सोरेन, पार्टी पदाधिकारियों के साथ की बैठक, कहा- उलगुलान महारैली लोकतंत्र बचाने की लड़ाई - Kalpana Soren reached JMM office

बीजेपी के गढ़ में झामुमो ने किया शक्ति प्रदर्शन, लोगों को संबोधित करते हुए कल्पना हुईं भावुक, कहा- हेमंत को झूठे आरोप में भेजा जेल - JMM demonstrated strength

रांची: हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद सत्तारुढ़ जेएमएम का पावर पिक्चर हर गुजरते दिन के साथ बदल रहा है. ऐसा हम नहीं कह रहे बल्कि जेएमएम के अंदरखाने से बाहर आती तस्वीरें खुद बयां कर रही हैं. आपके सामने जो तस्वीर है, उसमें सत्ताधारी गठबंधन के तमाम बड़े चेहरे हैं.

हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन, कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी जीए मीर, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर, जेएमएम के महासचिव बिनोद पांडे, भाकपा माले के कोडरमा उम्मीदवार बिनोद कुमार सिंह, प्रदेश राजद के महसचिव कैलाश यादव और राजद कोटे के मंत्री सत्यानंद भोक्ता के बीच चाय पर चर्चा के बीच एक चेहरा ऐसा है जो अचानक से सुर्खियों में आ गया है. महाशय का नाम है सुनील श्रीवास्तव. ये तत्कालीन सीएम हेमंत सोरेन के वरीय आप्त सचिव रहे हैं. सत्ता में इनका रसूख जगजाहिर है. अब चर्चा हो रही है कि हेमंत के जेल जाने और पिंटू के तथाकथित रुप से आउट होते ही सुनील श्रीवास्तव जेएमएम के सिस्टम में 'इन' हो गये हैं.

सुनील श्रीवास्तव का कद कितना बढ़ गया है, उसे उनके बैठने के हाव भाव से समझा जा सकता है. महाशय का कॉन्फिडेंस देखिए. सत्ताधारी दलों के तमाम वरीय नेताओं के सामने पैर पर पैर चढ़ाकर चाय की चुस्की ले रहे हैं. जबतक हेमंत सोरेन सीएम रहे, तबतक सुनील श्रीवास्तव किसी भी बैठक में इस मुद्रा में नजर नहीं आए. चर्चा भी ऐसी वैसी नहीं बल्कि 21 अप्रैल को जेएमएम की ओर से रांची में बुलाई गयी उलगुलान न्याय महारैली की सफलता को लेकर थी. क्योंकि इसी मंच से कल्पना सोरेन के राजनीतिक कद की अग्नि परीक्षा होनी है.

अब सवाल है कि जिस सुनील श्रीवास्तव का कोई राजनीतिक आधार ही नहीं है, जो जेएमएम में सिर्फ केंद्रीय समिति के सदस्य हैं, वो इतने डिसाइसिव पोज में कैसे बैठ सकते हैं. वो भी पावर सेंटर बनीं कल्पना सोरेन के सामने. दिल्ली में केजरीवाल के समर्थन में हुई इंडी की रैली में भी सुनील श्रीवास्तव ही नजर आए थे. आपको बता दें कि जेएमएम में 300 से ज्यादा केंद्रीय सदस्य हैं. जबकि अभिषेक उर्फ पिंटू पार्टी में केंद्रीय सचिव हैं. आमतौर पर इस लेबल की बैठक में वरीयता मायने रखती है.

पार्टी नेताओं को खलेगी सुनील की मौजूदगी- शंभूनाथ

वरिष्ठ पत्रकार शंभूनाथ चौधरी ने कहा कि इसके दो पहलू हैं. पहली बात तो ये कि कल्पना सोरेन के नेतृत्व में गंभीर मसले पर सर्वदलीय बैठक बुलाई गई थी. उसमें सुनील श्रीवास्तव की मौजूदगी पार्टी के दूसरे वरिष्ठ नेताओं को जरुर खलेगी. क्योंकि पार्टी में सुनील श्रीवास्तव का कोई कद नहीं है. इन्हीं वजहों से पार्टी के भीतर पिंटू का भी विरोध होता रहा है.

दूसरी बात, अब साफ हो गया है कि हेमंत सोरेन के सलाहकार ही एक्टिव हैं. चूकि सुनील श्रीवास्तव उनके वरीय आप्त सचिव रहे हैं. जहां तक पिंटू की बात है तो उनकी अहमियत कम नहीं हुई है. शनिवार को भाजपा प्रवक्ता अजय आलोक ने प्रेस कॉन्फ्रेस में पिंटू का मसला उठाया था. उन्होंने कहा कि लैंड स्कैम मामले में ईडी को दिए बयान से पिंटू की जान को खतरा हो सकता है. उन्हें सुरक्षा दी जानी चाहिए. इसपर झामुमो ने फौरन जवाब दिया कि पिंटू की चिंता भाजपा को क्यों हो रही है. पिंटू की बातों को तोड़ मरोड़ कर रखा जा रहा है.

बैठक में शामिल राजद के महासचिव क्या बोले ?

कल्पना सोरेन द्वारा बुलाई गयी मीटिंग में मौजूद प्रदेश राजद के महासचिव कैलाश यादव से सुनील श्रीवास्तव की मौजूदगी को लेकर ईटीवी भारत ने बात की. फोन पर उन्होंने कहा कि वह किस हैसियत से बैठे थे, इसकी उन्हें जानकारी नहीं है. उन्होंने कहा कि वह कुछ नोट डाउन कर रहे थे. उनसे पूछा गया कि तस्वीर में तो सुनील श्रीवास्तव अन्य नेताओं की तरह चाय की चुस्की लेते नजर आ रहे हैं. इसपर उन्होंने कहा कि इसका जवाब तो जेएमएम के लोग ही दे सकते हैं.

उन्होंने यह भी कहा कि फोटो और विजुअल भी तो जेएमएम की तरफ से ही डाला गया है. जहां तक 21 अप्रैल को बुलाए गये उलगुलान न्याय महारैली की बात है तो इसमें राजद की ओर से तेजस्वी यादव आने वाले हैं. तबीयत ठीक रहने पर लालू यादव भी आ सकते हैं. अभी तक की जानकारी के मुताबिक राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे के अलावा शरद पवार, उद्धव ठाकरे का आना करीब-करीब तय है. ममता बनर्जी से भी बातचीत चल रही है. अगर वो नहीं आ पाईं तो किसी प्रतिनिधि को भेजेंगी.

झामुमो के कई नेता उठाते रहे हैं सवाल

बोरियो से झामुमो विधायक लोबिन हेंब्रम हमेशा इस बात को कहते रहे हैं कि पार्टी को कुछ बाहरियों ने हाईजैक कर लिया है. उन्होंने पंकज मिश्रा समेत कई नेताओं का नाम बराबर लिया है. पार्टी छोड़कर भाजपा में जा चुकीं गुरुजी की बड़ी बहू सीता सोरेन भी ये आरोप लगा चुकी हैं कि जेएमएम अब वो पार्टी नहीं रही. अब जबकि ईडी के चार्जशीट के मुताबिक अभिषेक प्रसाद उर्फ पिंटू ने स्वीकार कर लिया है कि हेमंत के कहने पर ही उन्होंने बड़गाई वाली जमीन का सत्यापन करवाया था, सत्ता के गलियारे में चर्चा है कि अभिषेक उर्फ पिंटू आउट हो गये हैं और उनकी जगह सुनील श्रीवास्तव ने ली ली है.

ये भी पढ़ें-

कल्पना सोरेन ने ली उलगुलान की जिम्मेदारी, इंडिया ब्लॉक के नेताओं के साथ बना रहीं रणनाीति, 21 को रांची में होगी रैली - JMM Ulgulan rally

पहली बार झामुमो कार्यालय पहुंची कल्पना सोरेन, पार्टी पदाधिकारियों के साथ की बैठक, कहा- उलगुलान महारैली लोकतंत्र बचाने की लड़ाई - Kalpana Soren reached JMM office

बीजेपी के गढ़ में झामुमो ने किया शक्ति प्रदर्शन, लोगों को संबोधित करते हुए कल्पना हुईं भावुक, कहा- हेमंत को झूठे आरोप में भेजा जेल - JMM demonstrated strength

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.