गोड्डाः बिहार पूर्व मुख्यमंत्री विनोदानंद झा के पोते अभिषेक झा ने आखिरी दिन मंगलवार को गोड्डा लोकसभा सीट से नामांकन पर्चा भरा है. हालांकि नामांकन के बाद ही उनकी तबीयत बिगड़ गई और मेला मैदान में आयोजित सभा को अभिषेक झा संबोधित नहीं कर सकें. जल्दबाजी में उन्हें देवघर ले जाया गया.बता दें कि अभिषेक झा और उनके परिवार का गोड्डा लोकसभा की राजनीति में दखल रहा है. खुद निशिकांत दुबे यह कहते रहे हैं कि उन्हें विनोदानंद झा के परिवार के आशीर्वाद प्राप्त है.
2009 में भाजपा के टिकट पर मधुपुर से विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं अभिषेक
विदित हो कि अभिषेक झा खुद भाजपा के कद्दावार नेता रहे चुके हैं और 2009 में मधुपुर विधानसभा से भाजपा के टिकट पर चुनाव भी लड़ चुके हैं. तब उन्हें झामुमो के हाजी हुसैन अंसारी से हार झेलनी पड़ी थी. उस वक्त भाजपा के कद्दावार राज पालीवार का टिकट काट कर अभिषेक झा को दिया गया था. तब इस बात कि चर्चा थी कि अभिषेक को टिकट दिलाने में निशिकांत दुबे का हाथ था. हालांकि बाद में भी अभिषेक झा निशिकांत दुबे के करीबी रहे.
अभिषेक के नामांकन में हजारों समर्थकों की जुटी थी भीड़
अभिषेक झा की देवघर और मधुपुर में अच्छी खासी पकड़ मानी जाती है. गोड्डा में नामांकन के दौरान सैकड़ों वाहनों का काफिला और भारी भीड़ के साथ भाजपा के कई संगठन से जुड़े लोग के अलावा पंडा धर्मरक्षिणी सभा के पूर्व अध्यक्ष विनोदानंद द्वारी समेत मधुपुर, जसीडीह और देवघर के बीजेपी से जुड़े कई नेता शामिल हुए.
वर्तमान सांसद ने 15 वर्षों में सिर्फ खुद का किया विकासः अभिषेक झा
नामांकन के उपरांत अभिषेक झा ने कहा कि पिछले 15 साल में सिर्फ सांसद के खुद का विकास हुआ. वर्तमान समय परिवर्तन का है और गोड्डा लोकसभा की जनता ने बदलाव का मन बना लिया है. हालांकि युवा अभिषेक झा का भाषण नहीं होने से बड़ी संख्या में आये लोगों को निराशा हुई.
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