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कभी जिन पर सवाल उठाती थी AAP आज उन्हीं पार्टी के नेताओं को ले रही साथ

-कांग्रेस-बीजेपी से कई नेता हुए 'आप' में शामिल -स्वाति मालीवाल ने उठाए थे सवाल.

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2024
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2024 (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : 2 hours ago

Updated : 2 hours ago

नई दिल्ली: दिल्ली में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी आम आदमी पार्टी, प्रचंड बहुमत से सत्ता में वापसी की हैट्रिक बनाना चाहती है. तो वहीं, विपक्ष में बैठी बीजेपी दिल्ली की सत्ता से 27 साल के वनवास को खत्म कर उसे हासिल करने की कोशिश में जुटी हुई है. दिल्ली में सियासी सरगर्मी कुछ दिनों में काफी तेज हो चुकी है. चुनावी मौसम में सियासी लाभ देख राजनीतिक दलों के नेता भी पाला बदलने में पीछे नहीं हैं. ऐसे में आम आदमी पार्टी में बीते सप्ताह कांग्रेस व बीजेपी के वह नेता भी शामिल हुए, जिनके खिलाफ पहले आम आदमी पार्टी कई सवाल उठा चुकी है.

पिछले दिनों आम आदमी पार्टी में कांग्रेस के नेता वीर सिंह धींगान शामिल हुए. इसपर पार्टी की पुरानी सहयोगी व वर्तमान में राज्यसभा सदस्य स्वाति मालीवाल ने कहा कि इसके खिलाफ राशन घोटाले में हमलोगों ने आवाज उठाई थी और अब आम आदमी पार्टी ने उसे ही शामिल कर लिया. पिछले 10 दिनों में आधा दर्जन के करीब नेता एक दल से दूसरे दलों का दामन थाम चुके हैं. इसमें कांग्रेस के मतीन अहमद, वीर सिंह धींगान, सुमेश शौकीन, बीजेपी के अनिल झा दशकों पुराना नाता तोड़ आम आदमी पार्टी में शामिल हुए तो दूसरी तरफ दिल्ली सरकार में मंत्री और पार्टी के संस्थापक सदस्य रह चुके कैलाश गहलोत, एक झटके में मंत्री पद और पार्टी से मिली जिम्मेदारी से अलग-अलग होकर बीजेपी में शामिल हो गए.

कांग्रेस के पूर्व विधायक आप में शामिल
कांग्रेस के पूर्व विधायक आप में शामिल (ETV Bharat)

आतिशी ने कही थी ये बात: बीजेपी, कांग्रेस व अन्य राजनीतिक दलों से अलग छवि बनाकर राजनीति में आई आम आदमी पार्टी उन दलों के नेताओं को जिस तरह शामिल कर रही है, सवाल है कि इससे पार्टी को फायदा होगा या नुकसान? इस बाबत पूछे गए सवाल पर आप नेता और दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी कहती हैं, "आम आदमी पार्टी 2012 में बनी. जिस दिन आम आदमी पार्टी की शुरुआत हुई यानी 26 नवंबर, 2012 को उसी दिन मंच से अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि अगर किसी भी पार्टी में अच्छे लोग हैं जो आम आदमी पार्टी में जुड़ना चाहते हैं तो उनका पार्टी स्वागत करती है. आम आदमी पार्टी में लगातार अलग-अलग पार्टियों, सामाजिक संस्थाओं व समूहों से सामाजिक कार्यकर्ता पिछले 12-13 साल से हमसे जुड़ते रहे हैं. इस बार भी कई पार्टियों में से नेता है जो अरविंद केजरीवाल के काम को देखते हुए आम आदमी पार्टी से जुड़ना चाहते हैं."

दिल्ली के लोग 'आप' से तंग: उधर, प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष देवेंद्र यादव कहते हैं कि आम आदमी पार्टी के 11 साल और बीजेपी के शासन से तंग आकर दिल्ली वाले अब कांग्रेस को दिल्ली की सत्ता सौंपना चाहते हैं. इन दिनों पार्टी की न्याय यात्रा में लोगों का जो समर्थन मिला है, उसे यही साबित हो रहा है कि लोग आम आदमी पार्टी से तंग आ चुके हैं. बीजेपी का पहले का शासन देखकर ही दिल्ली वालों ने कांग्रेस को 1998 में सत्ता सौंपी थी. उसके बाद लगातार 15 साल तक कांग्रेस ने जनता की सेवा की. आज उस दिन को दिल्ली के लोग याद कर रहे हैं.

आप नेता भाजपा में शामिल
आप नेता भाजपा में शामिल (ETV Bharat)

कैलाश गहलोत का इस्तीफा बड़ा झटका: वहीं आम आदमी पार्टी के पुराने साथी और दिल्ली सरकार में मंत्री कैलाश गहलोत अचानक पुराना नाता तोड़कर बीजेपी में शामिल हुए. इससे उत्साहित बीजेपी के वरिष्ठ नेता व केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि दिल्ली के अंदर जो कैलाश गहलोत का अनुभव रहा है, निश्चित रूप से बीजेपी को इसका लाभ मिलने वाला है. जब भी कोई व्यक्ति राजनीति में आता है तो पार्टी की बाहरी व्यवस्थाओं को देखकर प्रभावित होता है और पार्टी जॉइन करता है. लेकिन जब वह पार्टी के अंदर सक्रिय हो जाता है तो वह पार्टी के आंतरिक व्यवस्थाओं को दूसरी पार्टी की व्यवस्था से तुलना करता है. कैलाश गहलोत ने भी आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी की आंतरिक व्यवस्था की तुलना की होगी. इसीलिए कैलाश गहलोत ने अब जो निर्णय लिया है वह स्वागत योग्य है.

यह भी पढ़ें- BJP में शामिल हुए आतिशी सरकार के पूर्व मंत्री कैलाश गहलोत, केजरीवाल बोले- वो फ्री हैं, जहां मर्जी हो जाएं

यह भी पढ़ें- दिल्ली में कांग्रेस को एक और झटका, तीन बार के MLA वीर सिंह धींगान आम आदमी पार्टी में शामिल

नई दिल्ली: दिल्ली में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी आम आदमी पार्टी, प्रचंड बहुमत से सत्ता में वापसी की हैट्रिक बनाना चाहती है. तो वहीं, विपक्ष में बैठी बीजेपी दिल्ली की सत्ता से 27 साल के वनवास को खत्म कर उसे हासिल करने की कोशिश में जुटी हुई है. दिल्ली में सियासी सरगर्मी कुछ दिनों में काफी तेज हो चुकी है. चुनावी मौसम में सियासी लाभ देख राजनीतिक दलों के नेता भी पाला बदलने में पीछे नहीं हैं. ऐसे में आम आदमी पार्टी में बीते सप्ताह कांग्रेस व बीजेपी के वह नेता भी शामिल हुए, जिनके खिलाफ पहले आम आदमी पार्टी कई सवाल उठा चुकी है.

पिछले दिनों आम आदमी पार्टी में कांग्रेस के नेता वीर सिंह धींगान शामिल हुए. इसपर पार्टी की पुरानी सहयोगी व वर्तमान में राज्यसभा सदस्य स्वाति मालीवाल ने कहा कि इसके खिलाफ राशन घोटाले में हमलोगों ने आवाज उठाई थी और अब आम आदमी पार्टी ने उसे ही शामिल कर लिया. पिछले 10 दिनों में आधा दर्जन के करीब नेता एक दल से दूसरे दलों का दामन थाम चुके हैं. इसमें कांग्रेस के मतीन अहमद, वीर सिंह धींगान, सुमेश शौकीन, बीजेपी के अनिल झा दशकों पुराना नाता तोड़ आम आदमी पार्टी में शामिल हुए तो दूसरी तरफ दिल्ली सरकार में मंत्री और पार्टी के संस्थापक सदस्य रह चुके कैलाश गहलोत, एक झटके में मंत्री पद और पार्टी से मिली जिम्मेदारी से अलग-अलग होकर बीजेपी में शामिल हो गए.

कांग्रेस के पूर्व विधायक आप में शामिल
कांग्रेस के पूर्व विधायक आप में शामिल (ETV Bharat)

आतिशी ने कही थी ये बात: बीजेपी, कांग्रेस व अन्य राजनीतिक दलों से अलग छवि बनाकर राजनीति में आई आम आदमी पार्टी उन दलों के नेताओं को जिस तरह शामिल कर रही है, सवाल है कि इससे पार्टी को फायदा होगा या नुकसान? इस बाबत पूछे गए सवाल पर आप नेता और दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी कहती हैं, "आम आदमी पार्टी 2012 में बनी. जिस दिन आम आदमी पार्टी की शुरुआत हुई यानी 26 नवंबर, 2012 को उसी दिन मंच से अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि अगर किसी भी पार्टी में अच्छे लोग हैं जो आम आदमी पार्टी में जुड़ना चाहते हैं तो उनका पार्टी स्वागत करती है. आम आदमी पार्टी में लगातार अलग-अलग पार्टियों, सामाजिक संस्थाओं व समूहों से सामाजिक कार्यकर्ता पिछले 12-13 साल से हमसे जुड़ते रहे हैं. इस बार भी कई पार्टियों में से नेता है जो अरविंद केजरीवाल के काम को देखते हुए आम आदमी पार्टी से जुड़ना चाहते हैं."

दिल्ली के लोग 'आप' से तंग: उधर, प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष देवेंद्र यादव कहते हैं कि आम आदमी पार्टी के 11 साल और बीजेपी के शासन से तंग आकर दिल्ली वाले अब कांग्रेस को दिल्ली की सत्ता सौंपना चाहते हैं. इन दिनों पार्टी की न्याय यात्रा में लोगों का जो समर्थन मिला है, उसे यही साबित हो रहा है कि लोग आम आदमी पार्टी से तंग आ चुके हैं. बीजेपी का पहले का शासन देखकर ही दिल्ली वालों ने कांग्रेस को 1998 में सत्ता सौंपी थी. उसके बाद लगातार 15 साल तक कांग्रेस ने जनता की सेवा की. आज उस दिन को दिल्ली के लोग याद कर रहे हैं.

आप नेता भाजपा में शामिल
आप नेता भाजपा में शामिल (ETV Bharat)

कैलाश गहलोत का इस्तीफा बड़ा झटका: वहीं आम आदमी पार्टी के पुराने साथी और दिल्ली सरकार में मंत्री कैलाश गहलोत अचानक पुराना नाता तोड़कर बीजेपी में शामिल हुए. इससे उत्साहित बीजेपी के वरिष्ठ नेता व केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि दिल्ली के अंदर जो कैलाश गहलोत का अनुभव रहा है, निश्चित रूप से बीजेपी को इसका लाभ मिलने वाला है. जब भी कोई व्यक्ति राजनीति में आता है तो पार्टी की बाहरी व्यवस्थाओं को देखकर प्रभावित होता है और पार्टी जॉइन करता है. लेकिन जब वह पार्टी के अंदर सक्रिय हो जाता है तो वह पार्टी के आंतरिक व्यवस्थाओं को दूसरी पार्टी की व्यवस्था से तुलना करता है. कैलाश गहलोत ने भी आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी की आंतरिक व्यवस्था की तुलना की होगी. इसीलिए कैलाश गहलोत ने अब जो निर्णय लिया है वह स्वागत योग्य है.

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