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दिल्ली में वोटर के नाम काटे जाने के खिलाफ सभी ईआरओ को AAP ने दी शिकायत - DELHI ASSEMBLY ELECTION 2025

शाहदरा में छह हफ्तों में 11,000 मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से हटाने के आवेदन पर आप ने 70 विधानसभा के ईआरओ को लिखा पत्र.

ज्यादा मतदाताओं के नाम हटाने पर तुरंत रोक लगाने की आप ने की मांग
ज्यादा मतदाताओं के नाम हटाने पर तुरंत रोक लगाने की आप ने की मांग (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Dec 9, 2024, 8:57 PM IST

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी ने दिल्ली के सभी 70 विधानसभा क्षेत्रों के निर्वाचन पंजीकरण अधिकारियों (ईआरओ) को पत्र लिखा है. जिसमें आरोप लगाया है कि बड़े पैमाने पर दिल्ली में मतदाता सूची से नाम हटाया गया है. आम आदमी पार्टी ने इस बात पर भी चिंता व्यक्त की है कि ये आवेदन चुनाव आयोग की नियमों के अनुसार वेबसाइट पर नहीं अपलोड किए जा रहे हैं. चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों के मुताबिक, ऐसे आवेदन को वेबसाइट पर अपलोड करना अनिवार्य है.

मतदाताओं के नाम हटाने पर तुरंत रोक की मांग : आप के राष्ट्रीय सचिव पंकज गुप्ता ने पत्र में दिल्ली में और ज्यादा मतदाताओं के नाम हटाने पर तुरंत रोक लगाने की मांग की है. पार्टी ने मार्च 2023 में जारी मतदाता सूची पर चुनाव आयोग के मैनुअल का हवाला दिया, जिसमें किसी भी व्यक्ति या संगठन को बड़े पैमाने पर मतदाता नाम हटाने के आवेदन जमा करने से मना किया गया है. इसी आधार पर पार्टी ने सभी ऐसे आवेदन को पूरी तरह से खारिज करने की मांग की है. इसके अलावा, पार्टी ने चेतावनी दी है कि जो अधिकारी चुनावी प्रक्रिया की अखंडता को बनाए रखने में असफल होंगे, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

छह हफ्तों में 11,000 से ज्यादा मतदाताओं के नाम हटाने के आवेदन : शाहदरा विधानसभा क्षेत्र (एसी-62) को एक उदाहरण के रूप में इस्तेमाल करते हुए, 'आप' ने बताया कि पिछले छह हफ्तों में 11,000 से ज्यादा मतदाताओं के नाम हटाने के लिए आवेदन किए गए हैं. इन आवेदनों में कहा गया है कि ये मतदाता या तो कहीं और जा चुके हैं, मृत हैं या उनके नाम सूची में दोहराए गए हैं. पत्र के माध्यम से 'आप' ने जानना चाहा है कि क्या किसी विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं के नाम हटाने के लिए भाजपा या किसी अन्य पक्ष से कोई ऐसा आवेदन प्राप्त हुआ है, जो चुनाव आयोग की वेबसाइट पर नहीं दिखाई देता और या तो लंबित है या उस पर कार्रवाई की जा रही है. अगर हां, तो कृपया इसकी पूरी जानकारी तुरंत हमें दी जाए.

मतदाता सूची में किए जा रहे बदलावों पर उठाए सवाल : मतदाता सूची में किए जा रहे बदलावों के पीछे छिपे हुए मकसदों पर सवाल उठाते हुए पत्र में कहा गया है कि चुनाव आयोग ने हाल ही में 20 अगस्त से 18 अक्टूबर 2024 तक बड़े पैमाने पर सारांश संशोधन प्रक्रिया आयोजित की, और इसके बाद 29 अक्टूबर 2024 को मतदाता सूची प्रकाशित की. जब ऐसी प्रक्रिया सभी विधानसभा क्षेत्रों में पूरी की जा चुकी हो, तो उसके बाद बड़े पैमाने पर मतदाता नाम हटाने की कोई जगह नहीं रहती. इस तरह का बड़ा नाम हटाने का अभियान स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों के खिलाफ है और यह चुनाव आयोग की सारांश संशोधन प्रक्रिया को कमजोर करेगा.

जमीनी सत्यापन के साथ नाम हटाने का हो काम :पार्टी ने यह भी मांग की है कि दिल्ली के किसी भी विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं के नाम हटाने की प्रक्रिया को रोका जाए, ताकि चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता और ईमानदारी बनी रहे. अगर चुनाव आयोग को किसी मतदाता का नाम हटाना जरूरी लगे, तो हम मांग करते हैं कि यह नाम हटाने की प्रक्रिया संबंधित बीएलओ (ब्लॉक लेवल अधिकारी) द्वारा एक जमीनी सत्यापन के साथ की जाए, और इसमें हमारे बीएलए-2 की उपस्थिति हो, ताकि किसी भी असली मतदाता का नाम गलत तरीके से मतदाता सूची से न हटे.

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नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी ने दिल्ली के सभी 70 विधानसभा क्षेत्रों के निर्वाचन पंजीकरण अधिकारियों (ईआरओ) को पत्र लिखा है. जिसमें आरोप लगाया है कि बड़े पैमाने पर दिल्ली में मतदाता सूची से नाम हटाया गया है. आम आदमी पार्टी ने इस बात पर भी चिंता व्यक्त की है कि ये आवेदन चुनाव आयोग की नियमों के अनुसार वेबसाइट पर नहीं अपलोड किए जा रहे हैं. चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों के मुताबिक, ऐसे आवेदन को वेबसाइट पर अपलोड करना अनिवार्य है.

मतदाताओं के नाम हटाने पर तुरंत रोक की मांग : आप के राष्ट्रीय सचिव पंकज गुप्ता ने पत्र में दिल्ली में और ज्यादा मतदाताओं के नाम हटाने पर तुरंत रोक लगाने की मांग की है. पार्टी ने मार्च 2023 में जारी मतदाता सूची पर चुनाव आयोग के मैनुअल का हवाला दिया, जिसमें किसी भी व्यक्ति या संगठन को बड़े पैमाने पर मतदाता नाम हटाने के आवेदन जमा करने से मना किया गया है. इसी आधार पर पार्टी ने सभी ऐसे आवेदन को पूरी तरह से खारिज करने की मांग की है. इसके अलावा, पार्टी ने चेतावनी दी है कि जो अधिकारी चुनावी प्रक्रिया की अखंडता को बनाए रखने में असफल होंगे, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

छह हफ्तों में 11,000 से ज्यादा मतदाताओं के नाम हटाने के आवेदन : शाहदरा विधानसभा क्षेत्र (एसी-62) को एक उदाहरण के रूप में इस्तेमाल करते हुए, 'आप' ने बताया कि पिछले छह हफ्तों में 11,000 से ज्यादा मतदाताओं के नाम हटाने के लिए आवेदन किए गए हैं. इन आवेदनों में कहा गया है कि ये मतदाता या तो कहीं और जा चुके हैं, मृत हैं या उनके नाम सूची में दोहराए गए हैं. पत्र के माध्यम से 'आप' ने जानना चाहा है कि क्या किसी विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं के नाम हटाने के लिए भाजपा या किसी अन्य पक्ष से कोई ऐसा आवेदन प्राप्त हुआ है, जो चुनाव आयोग की वेबसाइट पर नहीं दिखाई देता और या तो लंबित है या उस पर कार्रवाई की जा रही है. अगर हां, तो कृपया इसकी पूरी जानकारी तुरंत हमें दी जाए.

मतदाता सूची में किए जा रहे बदलावों पर उठाए सवाल : मतदाता सूची में किए जा रहे बदलावों के पीछे छिपे हुए मकसदों पर सवाल उठाते हुए पत्र में कहा गया है कि चुनाव आयोग ने हाल ही में 20 अगस्त से 18 अक्टूबर 2024 तक बड़े पैमाने पर सारांश संशोधन प्रक्रिया आयोजित की, और इसके बाद 29 अक्टूबर 2024 को मतदाता सूची प्रकाशित की. जब ऐसी प्रक्रिया सभी विधानसभा क्षेत्रों में पूरी की जा चुकी हो, तो उसके बाद बड़े पैमाने पर मतदाता नाम हटाने की कोई जगह नहीं रहती. इस तरह का बड़ा नाम हटाने का अभियान स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों के खिलाफ है और यह चुनाव आयोग की सारांश संशोधन प्रक्रिया को कमजोर करेगा.

जमीनी सत्यापन के साथ नाम हटाने का हो काम :पार्टी ने यह भी मांग की है कि दिल्ली के किसी भी विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं के नाम हटाने की प्रक्रिया को रोका जाए, ताकि चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता और ईमानदारी बनी रहे. अगर चुनाव आयोग को किसी मतदाता का नाम हटाना जरूरी लगे, तो हम मांग करते हैं कि यह नाम हटाने की प्रक्रिया संबंधित बीएलओ (ब्लॉक लेवल अधिकारी) द्वारा एक जमीनी सत्यापन के साथ की जाए, और इसमें हमारे बीएलए-2 की उपस्थिति हो, ताकि किसी भी असली मतदाता का नाम गलत तरीके से मतदाता सूची से न हटे.

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