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आम आदमी पार्टी का प्रदर्शन; प्रदेश प्रवक्ता बोले- 'बंटोगे तो आपके बच्चों के 50 हजार स्कूल बंद होंगे'

Aam Aadmi Party protest in Lucknow : प्रदेश प्रवक्ता वंश राज दुबे ने प्रदेश सरकार पर लगाए गंभीर आरोप.

आम आदमी पार्टी का प्रदर्शन
आम आदमी पार्टी का प्रदर्शन (Photo credit: ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 9, 2024, 7:23 PM IST

लखनऊ : आम आदमी पार्टी ने शनिवार को प्रदेश के सभी 75 जिला मुख्यालयों पर धरना प्रदर्शन किया. इसके साथ ही लखनऊ में भी कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया. पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश में लगातार बंद हो रहे सरकारी स्कूल ही गिरती शिक्षा व्यवस्था का परिणाम है. उन्होंने कहा कि बंटोगे तो आपके बच्चों के 50 हजार स्कूल बंद होंगे.

आम आदमी पार्टी का प्रदर्शन (Video credit: ETV Bharat)

पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता वंश राज दुबे ने कहा कि 27 हजार सरकारी स्कूलों को बंद करने की सूचना अखबारों के माध्यम से सभी को मिली है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि पहले 2017, 2018 और 2020 तक उत्तर प्रदेश के लगभग 26 हजार सरकारी स्कूलों को डबल इंजन की सरकार ने बंद कर दिया है. सरकार दोबारा से सत्ता में आई है, जिसके बाद 27 हजार स्कूलों को बंद करने का नया फरमान जारी कर दिया गया. आम आदमी पार्टी का आरोप है कि जब यह खबर मीडिया और अखबारों के माध्यम से जनता के बीच में आई तो मुख्यमंत्री ने अपने अधिकारियों से एक बयान जारी करवाया, जिसमें विभाग ने बयान जारी करके इस विषय पर सफाई दी कि यह खबर भ्रामक है.




पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता वंश राज दुबे ने कहा कि उत्तर प्रदेश की जनता को गुमराह करने का काम किया जा रहा है, क्योंकि जो अधिकारी बयान दे रहे हैं, उसी अधिकारी के आदेश पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी बाराबंकी ने एक पत्र जारी किया है. जिसमें बताया गया है कि बाराबंकी के अंदर 6 विद्यालय को बंद करने का आदेश जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने दे दिया है और तो और जो कॉलेज का यू डायस कोड होता है, उसको भी सरकार ने खत्म कर दिया है. यानी विभागीय लिस्ट से विद्यालय ही खत्म कर दिया गया है. यह उत्तर प्रदेश की मौजूदा सच्चाई है, जहां दो कार्यकाल के अंदर प्रदेश सरकार लगभग 52 हजार विद्यालयों को बंद करने की ओर बढ़ चुकी है.

पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता वंश राज दुबे ने कहा कि राइट टू एजुकेशन कहता है कि एक किलोमीटर के अंदर एक प्राइमरी स्कूल होना चाहिए. इसके अलावा 3 किलोमीटर के अंदर एक अपर प्राइमरी स्कूल होना चाहिए. उनका आरोप है कि आरटीई के आर्टिकल 21(ए) के प्रदत्त नियमों को प्रदेश सरकार धता बताकर सरकारी स्कूलों को बंद करने का काम कर रही है. उन्होंने कहा कि दलित, पिछड़ों और गरीब के बच्चे जो सरकारी स्कूल में पढ़ने जाते हैं, उनके बच्चों को शिक्षा से वंचित करने का काम किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि पूरे हिंदुस्तान के अंदर 22 राज्यों में बीजेपी की सरकार है. इन 22 राज्यों का जब आप डाटा निकाल कर देखें तो भाजपा की सरकार की सच्चाई यह है कि यूपी में 26000 सरकारी स्कूल बंद हो चुके हैं और 27 हजार बंद होने जा रहे हैं. मध्य प्रदेश में 23 हजार सरकारी स्कूल बंद हो गए हैं, असम के अंदर 8 हजार स्कूल बंद हो गए हैं.

पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता वंश राज दुबे ने कहा कि उत्तराखंड में 1100 सरकारी स्कूल बंद हो गए. यह दरअसल, भाजपा की सरकारों की सच्चाई है. दरअसल, वह उनको शिक्षा से वंचित करना चाहती है. उन्होंने कहा कि प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री ने विधानसभा के पटल पर कहा है कि प्रदेश में 85 हजार शिक्षकों के पद खाली हैं. सरकार इन स्कूलों को बंद कर इन खाली पदों को भरने की जगह पर इन्हें समाप्त कर देना चाहती है, अगर यह 27000 स्कूल बंद हो जाएंगे तो इन स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों के पद ही समाप्त हो जाएंगे.


यह भी पढ़ें : यूपी में बंद हो सकते 27000 सरकारी स्कूल!, मायावती, प्रियंका गांधी, केजरीवाल का हमला, बेसिक शिक्षा विभाग ने क्या कहा, जानिए

यह भी पढ़ें : UP के शिक्षकों-कर्मचारियों को राहत; एक साथ 30 छुट्टी ले सकेंगे, चाइल्ड केयर-मातृत्व अवकाश को नहीं देना होगा शपथ पत्र - up government employees

लखनऊ : आम आदमी पार्टी ने शनिवार को प्रदेश के सभी 75 जिला मुख्यालयों पर धरना प्रदर्शन किया. इसके साथ ही लखनऊ में भी कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया. पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश में लगातार बंद हो रहे सरकारी स्कूल ही गिरती शिक्षा व्यवस्था का परिणाम है. उन्होंने कहा कि बंटोगे तो आपके बच्चों के 50 हजार स्कूल बंद होंगे.

आम आदमी पार्टी का प्रदर्शन (Video credit: ETV Bharat)

पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता वंश राज दुबे ने कहा कि 27 हजार सरकारी स्कूलों को बंद करने की सूचना अखबारों के माध्यम से सभी को मिली है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि पहले 2017, 2018 और 2020 तक उत्तर प्रदेश के लगभग 26 हजार सरकारी स्कूलों को डबल इंजन की सरकार ने बंद कर दिया है. सरकार दोबारा से सत्ता में आई है, जिसके बाद 27 हजार स्कूलों को बंद करने का नया फरमान जारी कर दिया गया. आम आदमी पार्टी का आरोप है कि जब यह खबर मीडिया और अखबारों के माध्यम से जनता के बीच में आई तो मुख्यमंत्री ने अपने अधिकारियों से एक बयान जारी करवाया, जिसमें विभाग ने बयान जारी करके इस विषय पर सफाई दी कि यह खबर भ्रामक है.




पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता वंश राज दुबे ने कहा कि उत्तर प्रदेश की जनता को गुमराह करने का काम किया जा रहा है, क्योंकि जो अधिकारी बयान दे रहे हैं, उसी अधिकारी के आदेश पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी बाराबंकी ने एक पत्र जारी किया है. जिसमें बताया गया है कि बाराबंकी के अंदर 6 विद्यालय को बंद करने का आदेश जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने दे दिया है और तो और जो कॉलेज का यू डायस कोड होता है, उसको भी सरकार ने खत्म कर दिया है. यानी विभागीय लिस्ट से विद्यालय ही खत्म कर दिया गया है. यह उत्तर प्रदेश की मौजूदा सच्चाई है, जहां दो कार्यकाल के अंदर प्रदेश सरकार लगभग 52 हजार विद्यालयों को बंद करने की ओर बढ़ चुकी है.

पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता वंश राज दुबे ने कहा कि राइट टू एजुकेशन कहता है कि एक किलोमीटर के अंदर एक प्राइमरी स्कूल होना चाहिए. इसके अलावा 3 किलोमीटर के अंदर एक अपर प्राइमरी स्कूल होना चाहिए. उनका आरोप है कि आरटीई के आर्टिकल 21(ए) के प्रदत्त नियमों को प्रदेश सरकार धता बताकर सरकारी स्कूलों को बंद करने का काम कर रही है. उन्होंने कहा कि दलित, पिछड़ों और गरीब के बच्चे जो सरकारी स्कूल में पढ़ने जाते हैं, उनके बच्चों को शिक्षा से वंचित करने का काम किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि पूरे हिंदुस्तान के अंदर 22 राज्यों में बीजेपी की सरकार है. इन 22 राज्यों का जब आप डाटा निकाल कर देखें तो भाजपा की सरकार की सच्चाई यह है कि यूपी में 26000 सरकारी स्कूल बंद हो चुके हैं और 27 हजार बंद होने जा रहे हैं. मध्य प्रदेश में 23 हजार सरकारी स्कूल बंद हो गए हैं, असम के अंदर 8 हजार स्कूल बंद हो गए हैं.

पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता वंश राज दुबे ने कहा कि उत्तराखंड में 1100 सरकारी स्कूल बंद हो गए. यह दरअसल, भाजपा की सरकारों की सच्चाई है. दरअसल, वह उनको शिक्षा से वंचित करना चाहती है. उन्होंने कहा कि प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री ने विधानसभा के पटल पर कहा है कि प्रदेश में 85 हजार शिक्षकों के पद खाली हैं. सरकार इन स्कूलों को बंद कर इन खाली पदों को भरने की जगह पर इन्हें समाप्त कर देना चाहती है, अगर यह 27000 स्कूल बंद हो जाएंगे तो इन स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों के पद ही समाप्त हो जाएंगे.


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