जयपुर : राजस्थान में बिजली को लेकर किए जा रहे एमओयू और ठेके को लेकर आम आदमी पार्टी ने डबल इंजन की सरकार की मंशा पर सवाल खड़े किए हैं. आप की प्रदेश उपाध्यक्ष कीर्ति पाठक और प्रदेश प्रवक्ता देवेंद्र यादव देव ने प्रेस वार्ता में कहा कि दिल्ली और पंजाब में उनकी सरकार मुफ्त बिजली दे रही है. जबकि राजस्थान में डबल इंजन की सरकार 25 साल के लिए अपने मित्र को लूट का ठेका देने जा रही है.
आम आदमी पार्टी की प्रदेश उपाध्यक्ष कीर्ति पाठक ने कहा कि पहले राजस्थान में अडानी को 3200 मेगावाट की सप्लाई का एमओयू साइन करने के लिए बुलाया गया था. उसके बाद 8000 मेगावाट का सोलर प्लांट लगाने के लिए अडानी ने आवेदन किया है. इसके बाद डबल इंजन की सरकार ने 11,200 मेगावाट बिजली के लिए टेंडर निकाला गया. उन्होंने कहा कि 3200 और 8000 मेगावाट मिलाकर देखें तो 11,200 मेगावाट होता है.
यानी जितना अडानी का प्रोडक्शन होगा. उतनी ही बिजली सप्लाई के लिए डबल इंजन की सरकार ने टेंडर जारी किया है. यह संयोग है या प्रयोग. इतनी बड़ी मात्रा में बिजली सप्लाई का तंत्र केवल अडानी के पास ही है. छोटे उत्पादक इतनी बिजली सप्लाई कर नहीं पाएंगे. ऐसे में यह ठेका भी अडानी के नाम ही खुलेगा. यह जानबूझकर अडानी की जेब में ठेका डालने की कवायद है. यह डबल इंजन की सरकार सिर्फ अडानी के फायदे के लिए है. आम आदमी का इसमें क्या फायदा है. जनता चुनाव में भावनात्मक मुद्दों के जाल में फंस जाते हैं. अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी 200-300 यूनिट फ्री बिजली की बात करती है. दिल्ली और पंजाब में फ्री बिजली देती है. यहां पर सरकार 25 साल के लिए अपने दोस्त को लूट का ठेका देती है.
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महाराष्ट्र में 6,600 मेगावाट के टेंडर में हुआ खेल : उन्होंने कहा कि मार्च में महाराष्ट्र में बिजली सप्लाई का टेंडर निकाला गया. ऐसा पहली बार हुआ. जब बिजली सप्लाई का मिक्स टेंडर निकाला गया. जबकि इससे पहले सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा का अलग-अलग टेंडर होता है. महाराष्ट्र में मार्च में 6,600 मेगावाट बिजली सप्लाई के लिए ठेका निकाला गया और सरकार के मित्र अडानी के नाम ठेका खुलता है. चार रुपए प्रति यूनिट की दर से यह ठेका दिया गया था. जबकि सरकारी रेट 1.50 रुपए से 3 रुपए के बीच होती है. यह टेंडर 25 साल की अवधि के लिए है. इस की अगर गणना करें तो सीधे-सीधे अडानी को एक हजार रुपए का फायदा पहुंचाया गया है.