मिर्जापुर : एमपी के ग्वालियर का एक युवक देश के विभिन्न तीर्थों के दर्शन के लिए साइकिल से ही निकल पड़ा. सबसे पहले उसने अयोध्या में रामलला के दर्शन किए. इसके बाद काशी होते हुए मिर्जापुर में मां विंध्यवासिनी के धाम पहुंचा. युवक पेशे से इलेक्ट्रीशियन हैं. वह अब तक 800 किलोमीटर का सफर तय कर चुका है. एक साल में युवक करीब 18000 किमी तक साइकिल चलाएगा.
रामलला के दर्शन से मिली प्रेरणा : भगवान श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा के बाद से अयोध्या में राम भक्तों का तांता लगा हुआ है. हर भारतवासी राम के दर्शन के लिए उत्साहित है. इसी क्रम में मध्य प्रदेश के ग्वालियर का एक युवक भी चर्चा में है. वह ग्वालियर से अयोध्या तक साइकिल से यात्राकर रामलला के दर्शन के लिए पहुंचा. युवक अनुराग गुप्ता का कहना है वह घर से केवल रामलला के दर्शन के लिए ही निकला था, लेकिन अयोध्या आने के बाद उसका इरादा बदल गया. रामलला के आशीर्वाद से उसे सफर को आगे जारी रखने की प्रेरणा मिली. इसके बाद उसने साइकिल से ही देश के सभी तीर्थ स्थलों के दर्शन का प्लान बना डाला.
15 जनवरी से की सफर की शुरुआत : अनुराग गुप्ता ने बताया कि वह पेशे से इलेक्ट्रीशियन हैं. वह 15 जनवरी को ग्वालियर से निकले. 23 जनवरी को अयोध्या पहुंचकर रामलला के दर्शन किए. 28 जनवरी को वाराणसी पहुंचकर काशी विश्वनाथ के दर्शन किए. एक फरवरी को मिर्जापुर के विंध्याचल धाम पहुंचकर मां विंध्यवासिनी का दर्शन पूजन किया. अब यहां से प्रयागराज और चित्रकूट के लिए जा रहे हैं. अभी तक 800 किलोमीटर साइकिल चला चुके हैं. आगे 17 से 18000 किलोमीटर तक साइकिल चलाने का प्लान है. अनुराग ने बताया कि वह 12 ज्योतिर्लिंग समेत चारों धाम की यात्रा करेगा. इसमें छह महीने से एक साल तक का समय लग सकता है. प्रयागराज, चित्रकूट के बाद उज्जैन में महाकालेश्वर का भी दर्शन करेंगे. अंत में फिर से रामलला के दर्शन के बाद ही इस सफर का समापन किया जाएगा.
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