पूर्णिया: बिहार के पूर्णिया के भवानीपुर थाना क्षेत्र स्थित बेलवा स्वर्णदीप गांव में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है. 55 वर्षीय पति, जो अपनी बीमार और लाचार पत्नी की सेवा में दिन-रात लगा रहता था, ने तंग आकर आत्महत्या कर ली. मृतक के दो बेटे हैं. जिनमें से एक 15 साल पहले मजदूरी करने दूसरे प्रदेश गया था और अब तक उसका कोई अता-पता नहीं है. दूसरा बेटा और उसकी पत्नी भी अपनी बीमार मां की देखभाल नहीं कर रहा था.
पत्नी वर्षों से है बीमारः पुलिस ने शव को अपने कब्जे में ले पोस्टमार्टम के लिए मेडिकल कॉलेज भेज दिया है. गांव के लोग इस बात की चर्चा कर रहे थे कि अब उस मजबूर महिला की देखभाल कौन करेगा. मृत व्यक्ति का नाम ललन महतो बताया गया. घटना की जानकारी देते हुए मृतक के बड़े भाई विश्वनाथ महतो ने बताया कि छोटे भाई की पत्नी वर्षों से बीमार है. बिस्तर पड़ी है. पत्नी का सारा काम ललन महतो खुद करते थे.
बहू नहीं करती थी देखभालः विश्वनाथ ने बताया कि ललन महतो के दो बेटे हैं. बड़ा बेटा 15 साल पूर्व प्रदेश में मजदूरी करने गया था जो अभी तक ना तो लौटकर आया और ना हीं कुछ उसका अता पता है. दूसरा बेटा असम में मजदूरी करता है. बहू, ठीक से उन लोगों की देखभाल नहीं कर रही थी. वह किसी न किसी बहाने उनलोग से झंझट कर लेती थी. जिस वजह से ललन महतो, स्वयं ही अपनी पत्नी की दिनचर्या का सारा काम खुद करता था.
क्यों की आत्महत्याः विश्वनाथ महतो ने बताया कि पत्नी की बीमारी से थक हार कर मजबूरी में इतनी बड़ी घटना को अंजाम दिया. वह फंदे से लटक कर अपनी जीवन लीला को समाप्त कर ली. सबसे बड़ी बात सामने यह आती है कि अब उसे बीमार महिला को कौन देखेगा. घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय थाने की पुलिस घटनास्थल पर पहुंच शव को अपने कब्जे में लिया. पोस्टमार्टम के लिए मेडिकल कॉलेज पूर्णिया भेज दिया.
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