अजमेर: क्रिश्चियन गंज थाना पुलिस ने उत्तर प्रदेश की बावरिया गैंग का पर्दाफाश किया है. पुलिस ने यूपी के सामली जिले के बावरिया गैंग के एक सदस्य को गिरफ्तार किया है. क्रिश्चियन गंज थाना पुलिस के मुताबिक गिरफ्त में आया आरोपी और उसके साथ देश के अलग-अलग राज्यों में मोटरसाइकिलों पर सवार होकर नकबजनी और चैन स्नेचिंग की वारदात को अंजाम देते हैं. आरोपियों ने थाना क्षेत्र में 72 घंटे पहले एक वारदात की थी. उसका खुलासा पुलिस ने सोमवार को किया.
क्रिश्चियन गंज थाना प्रभारी अरविंद चारण ने बताया कि गत 27 दिसंबर को अलकनंदा कॉलोनी में रहने वाली जय मूलचंदानी अपने स्कूटी से अपने बच्चों के साथ घर लौट रही थी. इस दौरान बाइक पर सवार दो युवकों ने रास्ता रोककर जय के गले से चेन तोड़ने की कोशिश की. इस दौरान पीड़िता आरोपियों से भिड़ गई, लेकिन स्कूटी से बच्चों के गिर जाने के बाद उसका ध्यान चूक गया और आरोपी पीड़िता के गले से सोने की चेन खींचकर फरार हो गए.
उन्होंने बताया कि पुलिस टीम ने आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली. फुटेज में दो युवक बाइक पर महिला की स्कूटी से आगे आते हुए नजर आए. इसमें आरोपी रीजनल चौराहा से होते हुए पर्वतपुर बाईपास से जयपुर की तरफ भाग निकले. पुलिस ने आरोपियों का लगातार पीछा किया. आरोपी जयपुर के सिंधी कैंप पहुंचे और यहां आरोपी पानीपत जाने वाली स्लीपर बस में बैठ गए. जबकि बाइक को यहीं खड़ी कर दिया.
आरोपी बस से पानीपत के इंडस्ट्रियल एरिया पहुंचे. जहां पुलिस ने आरोपियों की संभावित ठिकानों पर भी तलाशी की. चारण ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज के माध्यम से बाइक नंबर और आरोपियों के हुलिए के बारे में पता चला. वारदात को अंजाम देने वाले दो में से एक आरोपी जोगिंदर उर्फ बब्बू बावरिया को पुलिस की टीम ने दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया और उसके निशानदेही पर मोटरसाइकिल भी बरामद कर ली. दूसरे आरोपी रवि बावरिया की तलाश जारी है. आरोपी से अन्य वारदातों के बारे में भी पूछताछ की जा रही है.
इधर मामला दर्ज, उधर बदल लेते आधार कार्ड: थाना प्रभारी अरविंद चारण ने बताया कि उत्तर प्रदेश के सामली जिले में बावरिया जाति के 12 गांव हैं, जो आसपास में ही स्थित हैं. इन गांवों में वारदात करने वाली ऐसी कई गैंग हैं, जो अलग-अलग बाइकों पर अलग-अलग राज्यों में वारदात को अंजाम देती है. वारदात से पहले गैंग के सदस्य रेकी करते हैं और मौका पाकर महिलाओं के गहने और चेन तोड़कर बाइक से फरार हो जाते हैं. ये लोग इतने शातिर हैं कि हर बार मुकदमा दर्ज होने के बाद अपने आधार कार्ड में एडिटिंग कर नाम-पता बदलवा लेते हैं. इस कारण इन शातिर आरोपियों का आपराधिक रिकॉर्ड नहीं बन पाता है.
फगल काटना (कोड वर्ड) की भी करते है वारदात: चारण ने बताया कि बावरिया गैंग के अपराधी लूट के अलावा (फगल काटना) की वारदात को भी अंजाम देते हैं. उन्होंने बताया कि बावरिया गैंग के कुछ सदस्य बाजारों में दुकान, शोरूम पर जाते हैं. वहां दुकानदार को 500 का नोट देते हैं और 200 रुपए का सामान खरीदते हैं. इस दौरान एक बार समान हाथ में लेकर पसंद नहीं आने की कहकर सामान वापस दे देते हैं और रुपए वापस लेकर जेब में डाल लेते हैं.
इस प्रकार यह दो-तीन बार सामान लेने और देने की प्रक्रिया करते हैं. दुकानदार को बातों में उलझाकर उन्हीं 500 रुपए में से समान और बाकी बचे 300 रुपए ले लेते हैं. उनकी ओर से दिए गए 500 रुपए शुरू में ही दुकानदार से लेकर अपनी जेब में रख लेते हैं. उन्होंने बताया कि इसी तरह से आरोपियों ने एमपीएस स्कूल के पास एक टायर शोरूम में फगल काटने की वारदात करने की कोशिश की थी, लेकिन दुकानदार की सजकता के कारण वारदात सफल नहीं हो पाई.