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12 साल की बच्ची को थायरॉइड कैंसर, सर्जरी करने वाले चिकित्सक भी हैरान - THYROID CANCER SURGERY

कोटा के महाराव भीमसिंह अस्पताल में हुआ थायरॉइड कैंसर से ग्रसित 12 साल की बच्ची का ऑपरेशन, चिकित्सक भी हैरान.

Thyroid Cancer Surgery
12 साल की बच्ची को थायरॉइड कैंसर (ETV BHARAT Kota)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : 4 hours ago

कोटा : संभाग के सबसे बड़े अस्पताल महाराव भीमसिंह में थायरॉइड कैंसर से पीड़ित एक 12 साल की बच्ची की सर्जरी की गई. बच्ची मूल रूप से मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले की निवासी है. गले में गांठ होने के चलते वो इलाज के लिए कोटा आई थी, जहां उसे एमबीएस अस्पताल के ईएनटी विभाग में दिखाया गया और फिर इस खतरनाक बीमारी का पता चला. वहीं, सर्जरी करने वाले ईएनटी विभाग के अध्यक्ष डॉ. शिव कुमार ने बताया कि इतनी कम उम्र में थायरॉइड कैंसर के ट्यूमर होने का यह पहला मामला उनके सामने आया है. उन्होंने कहा कि सर्जरी कर ट्यूमर को निकाल दिया गया है. ऐसे में अब घाव में सुधार होने के बाद मरीज को रेडियोथेरेपी के लिए भेजा जाएगा.

डॉ. शिव कुमार ने कहा कि गांठ की समस्या होने पर मरीज के परिजन उसे दिखाने आए थे. वहीं, गांठ की फाइन नीडल एस्पिरेशन साइटोलॉजी (FNAC) पैपिलरी कार्सिनोमा थायरॉइड टेस्ट कराया गया, जिसमें कैंसर होने की बात सामने आई. उसके बाद ऑपरेशन कर ट्यूमर को निकाल दिया गया. साथ ही निकाले गए ट्यूमर को बायोप्सी टेस्ट के लिए भेजा गया है, जिसमें कैंसर की पुष्टि की जाएगी.

इसे भी पढ़ें - मथुरा दास माथुर अस्पताल में पहली बार हुई आमाशय के कैंसर की 3D लैप्रोस्कोपिक सर्जरी - 3D LAPAROSCOPIC SURGERY

मरीज की तबीयत में सुधार होने के बाद उसे रेडियोधर्मी आयोडीन थेरेपी के लिए हायर सेंटर भेजा जाएगा. डॉ. शिव कुमार ने बताया कि इतनी कम उम्र में इस तरह के कैंसर का मामला उन्होंने पहली बार देखा है. उन्होंने कहा कि थायरॉइड ग्रंथि में कैंसर हुआ था. खैर, ये आमतौर पर ज्यादा उम्र के लोगों में होता है, लेकिन इतनी उम्र में इसके होने का कारण क्या रहा है, यह शोध का विषय है. हालांकि, इस तरह के मामले में जेनेटिक कारण भी हो सकते हैं. सर्जरी करने वाली टीम में डॉ. प्रज्ञान, डॉ. मनोज, डॉ. इफ्तिखार, एनेस्थीसिया टीम में डॉ. मुकेश सोमवंशी और डॉ. उषा दडिया शामिल रहे.

कोटा : संभाग के सबसे बड़े अस्पताल महाराव भीमसिंह में थायरॉइड कैंसर से पीड़ित एक 12 साल की बच्ची की सर्जरी की गई. बच्ची मूल रूप से मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले की निवासी है. गले में गांठ होने के चलते वो इलाज के लिए कोटा आई थी, जहां उसे एमबीएस अस्पताल के ईएनटी विभाग में दिखाया गया और फिर इस खतरनाक बीमारी का पता चला. वहीं, सर्जरी करने वाले ईएनटी विभाग के अध्यक्ष डॉ. शिव कुमार ने बताया कि इतनी कम उम्र में थायरॉइड कैंसर के ट्यूमर होने का यह पहला मामला उनके सामने आया है. उन्होंने कहा कि सर्जरी कर ट्यूमर को निकाल दिया गया है. ऐसे में अब घाव में सुधार होने के बाद मरीज को रेडियोथेरेपी के लिए भेजा जाएगा.

डॉ. शिव कुमार ने कहा कि गांठ की समस्या होने पर मरीज के परिजन उसे दिखाने आए थे. वहीं, गांठ की फाइन नीडल एस्पिरेशन साइटोलॉजी (FNAC) पैपिलरी कार्सिनोमा थायरॉइड टेस्ट कराया गया, जिसमें कैंसर होने की बात सामने आई. उसके बाद ऑपरेशन कर ट्यूमर को निकाल दिया गया. साथ ही निकाले गए ट्यूमर को बायोप्सी टेस्ट के लिए भेजा गया है, जिसमें कैंसर की पुष्टि की जाएगी.

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मरीज की तबीयत में सुधार होने के बाद उसे रेडियोधर्मी आयोडीन थेरेपी के लिए हायर सेंटर भेजा जाएगा. डॉ. शिव कुमार ने बताया कि इतनी कम उम्र में इस तरह के कैंसर का मामला उन्होंने पहली बार देखा है. उन्होंने कहा कि थायरॉइड ग्रंथि में कैंसर हुआ था. खैर, ये आमतौर पर ज्यादा उम्र के लोगों में होता है, लेकिन इतनी उम्र में इसके होने का कारण क्या रहा है, यह शोध का विषय है. हालांकि, इस तरह के मामले में जेनेटिक कारण भी हो सकते हैं. सर्जरी करने वाली टीम में डॉ. प्रज्ञान, डॉ. मनोज, डॉ. इफ्तिखार, एनेस्थीसिया टीम में डॉ. मुकेश सोमवंशी और डॉ. उषा दडिया शामिल रहे.

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