जयपुर. राजस्थान में आईटी और स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार कई पहल कर रही है. मंगलवार को जयपुर के एक निजी होटल में डिजिटल राजस्थान कॉन्क्लेव के आठवें संस्करण का आयोजन हुआ. कार्यक्रम में राजस्थान सरकार के मुख्य सचिव सुधांश पंत बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए. इस मौके पर कॉन्क्लेव को संबोधित करते हुए मुख्य सचिव ने कहा कि राजस्थान सरकार ने सूचना प्रौद्योगिकी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और वर्चुअल रियलिटी को अपने प्राथमिक फोकस क्षेत्रों के रूप में प्राथमिकता दी है. इन क्षेत्रों में दो महत्वपूर्ण आगामी प्रोजेक्ट्स में जयपुर के पास हाई टेक सिटी का विकास और अटल इनोवेशन स्टूडियो और एक्सेलेरेटर की स्थापना शामिल है.
मुख्य सचिव ने कही ये बात : राजस्थान सरकार के मुख्य सचिव सुधांश पंत ने फिक्की और एसटीपीआई की ओर से आयोजित डिजिटल राजस्थान कॉन्क्लेव के 8वें संस्करण में कहा कि हाई टेक सिटी मुख्य रूप से आईटी, फिनटेक और मशीन लर्निंग पर ध्यान केंद्रित करेगी, जबकि अटल इनोवेशन स्टूडियो और एक्सेलेरेटर में कोडिंग, रोबोटिक्स, फैब लैब टेक्नोलॉजीज, मल्टीमीडिया और वीएफएक्स शामिल होंगे.
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राज्य में टेक्नो हब देश का सबसे बड़ा स्टार्टअप हब है : मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य में टेक्नो हब देश का सबसे बड़ा स्टार्टअप हब है. राज्य में लगभग 4000 स्टार्टअप पंजीकृत हैं और 30,000 से अधिक नौकरियां सृजित हुई हैं. इसके अलावा महिलाओं के नेतृत्व वाले स्टार्टअप और उद्यमियों को प्रोत्साहित किया जा रहा है. स्कूली विद्यार्थियों को भी उद्यमिता के प्रति शिक्षित और प्रेरित किया जा रहा है. जोधपुर में फिनटेक डिजिटल इंस्टीट्यूट, राजस्थान सेंटर फॉर एडवांस्ड टेक्नोलॉजी और राजस्थान इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड लर्निंग जैसी अन्य पहलों पर भी प्रकाश डाला. सुधांश पंत ने कहा कि भूमि की उपलब्धता और उच्च योग्य टेक सैवी ह्यूमन रिसोर्सेज राजस्थान को लाभ पहुंचाते हैं.
भारत-यूके संबंधों के लिए 2030 रोडमैप : गुजरात और राजस्थान में ब्रिटिश डिप्टी हाई कमिशनर स्टीफन हिकलिंग ने अपने संबोधन में कहा कि दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों की ओर से लॉन्च किया गया भारत-यूके संबंधों के लिए 2030 रोडमैप डिजिटल प्रौद्योगिकी पर सहयोग के लिए है. प्रौद्योगिकी के माध्यम से भविष्य के उद्योगों के विकास को सक्षम करने का राजस्थान का दृष्टिकोण यूके की अपनी रणनीति और भारत-यूके 2030 रोडमैप के साथ मेल खाता है. एड-टेक, डिजिटल हेल्थकेयर, फिनटेक और सस्टेनेबल स्मार्ट समाधानों पर फोकस करके, यूके और राजस्थान काफी हद तक एक साथ आगे बढ़ रहे हैं.
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राजस्थान 4000 स्टार्टअप का घर : चेयरमैन फिक्की कमेटी ऑन मल्टिलिंगुअल इंटरनेट एंड यूनिवर्सल एक्सेपटेंस एंड एमडी, डाटा ग्रुप अजय डाटा ने कहा कि राजस्थान 4000 स्टार्टअप का घर होने के बावजूद राष्ट्रीय औसत से पीछे है. भारत में, प्रत्येक 12,000 लोगों पर 1 स्टार्टअप है, जबकि राजस्थान में, यह अनुपात प्रत्येक 20,000 लोगों पर 1 स्टार्टअप है. उन्होंने विभिन्न उपकरणों के माध्यम से लोगों के जीवन के हर पहलू में एआई और इंटरनेट के क्रांतिकारी प्रभाव पर प्रकाश डाला, और विकसित होती प्रौद्योगिकियों के लिए तेजी से अनुकूलन की आवश्यकता पर जोर दिया.