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यूपी में ड्यूटी से नदारद 8 डाक्टरों को बर्खास्त करने के निर्देश, लेबर रूम और ओटी में मोबाइल-कैमरा बैन - DOCTORS SERVICE TERMINATION

उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने यह निर्देश प्रमुख सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य को दिए हैं.

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यूपी में 8 डॉक्टरों की सेवाएं समाप्त होंगी (Photo Credit- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 15, 2024, 4:41 PM IST

Updated : Nov 15, 2024, 4:48 PM IST

लखनऊ: बगैर सूचना दिए ड्यूटी से लगातार अनुपस्थित प्रदेश के विभिन्न जिलों में कार्यरत आठ चिकित्साधिकारियों को सेवा से बर्खास्त किए जाने के निर्देश जारी किए गए हैं. उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने यह निर्देश प्रमुख सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य को दिए हैं. उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने बताया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, बलदेव (मथुरा) में तैनात जनरल फिजीशियन डॉ. अनीता, जिला संयुक्त चिकित्सालय, वृंदावन (मथुरा) में तैनात नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. निधि वर्मा, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, फरह (मथुरा) में तैनात स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. राधिका पाराशर, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नमैनी (कासगंज) में तैनात चिकित्साधिकारी डॉ. आशीष कुमार को बर्खास्त करने के निर्देश दिये गये हैं.

इनके अलावा बाराबंकी में मुख्य चिकित्साधिकारी के अधीन तैनात चिकित्साधिकारी डॉ. एम ताहिर, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र रटौल (बागपत) में तैनात चिकित्साधिकारी डॉ. रविंद्र कुमार, लोक बंधु राज नारायण संयुक्त चिकित्सालय, लखनऊ में तैनात जनरल सर्जन डॉ. आशीष कुमार सिंह एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, पयागपुर (बहराइच) में तैनात दंत शल्यक डॉ. पूनम पाल की सेवाएं समाप्त करने के निर्देश दिए हैं. डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि ड्यूटी में लापरवाही बरतने पर किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा. वहीं, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मुण्डेर (अम्बेडकर नगर) में तैनात प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ. प्रशांत कुमार सिंह को भी निलंबित कर दिया गया है.

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उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक (Photo Credit- ETV Bharat)

सीएमओ उन्नाव पर विभागीय अनुशासनिक कार्रवाई के निर्देश:
अपने कर्तव्य के प्रति लापरवाही बरतने, उच्च स्तर रपर भ्रमित सूचना देने एवं उच्चाधिकारियों के निर्देशों का पालन न करने पर सीएमओ उन्नाव डॉ. सत्यप्रकाश एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, सफीपुर (उन्नाव) के अधीक्षक डॉ. राजेश कुमार वर्मा के विरुद्ध विभागीय अनुशासनिक कार्रवाई के निर्देश जारी किए गए हैं. डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि लापरवाही कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी. शासन एवं उच्च स्तर से मिले निर्देशों पर अगर अमल नहीं किया गया, तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
वाराणसी प्रकरण की जांच के निर्देश: वाराणसी जिला अस्पताल में स्टाफ नर्स एवं कर्मचारियों द्वारा चिकित्सालय की गरिमा धूमिल करने संबंधी वायरल वीडियो का संज्ञान डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने लिया है. मुख्य चिकित्सा अधिकारी, वाराणसी को उक्त प्रकरण की जांचकर कार्यवाही करते हुए एक सप्ताह में रिपोर्ट प्रेषित करने के निर्देश दिए गए हैं. डिप्टी सीएम ने कहा कि अस्पताल आरोग्यता का मन्दिर हैं, इसमें केवल मरीज रूपी ईश्वर की सेवा की जानी चाहिए, इसकी गरिमा को धूमिल करने वाले दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही की जाएगी.
लेबर रूम एवं ओटी में मोबाइल-कैमरा निषेध: सीतापुर के हरगांव सीएचसी के लेबर रूम एवं ओटी कक्ष के वायरल वीडियो का संज्ञान लेते हुए उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने लेबर रूम में मोबाइल एवं कैमरे को पूरी तरह से प्रतिबंधित किए जाने के निर्देश प्रमुख सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य को दिए हैं. उन्होंने कहा कि लेबर रूम में चिकित्सक के अतिरिक्त अन्य किसी भी पुरुष कर्मचारी, चाहे वो कोई ट्रेनी हो या कोई अन्य कर्मचारी, उसका प्रवेश पूरी तरह से निषेध रहेगा. साथ ही लेबर रूम में मरीज की निजता का पूरा ख्याल रखा जाए. मानकों के अनुरूप साफ-सफाई की जाए.

ये भी पढ़ें- काशी हिन्दू विश्वविद्यालय इस बार छात्र-छात्राओं को देगा हाईटेक डिग्रियां, नहीं हो सकेगी जालसाजी

लखनऊ: बगैर सूचना दिए ड्यूटी से लगातार अनुपस्थित प्रदेश के विभिन्न जिलों में कार्यरत आठ चिकित्साधिकारियों को सेवा से बर्खास्त किए जाने के निर्देश जारी किए गए हैं. उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने यह निर्देश प्रमुख सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य को दिए हैं. उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने बताया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, बलदेव (मथुरा) में तैनात जनरल फिजीशियन डॉ. अनीता, जिला संयुक्त चिकित्सालय, वृंदावन (मथुरा) में तैनात नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. निधि वर्मा, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, फरह (मथुरा) में तैनात स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. राधिका पाराशर, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नमैनी (कासगंज) में तैनात चिकित्साधिकारी डॉ. आशीष कुमार को बर्खास्त करने के निर्देश दिये गये हैं.

इनके अलावा बाराबंकी में मुख्य चिकित्साधिकारी के अधीन तैनात चिकित्साधिकारी डॉ. एम ताहिर, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र रटौल (बागपत) में तैनात चिकित्साधिकारी डॉ. रविंद्र कुमार, लोक बंधु राज नारायण संयुक्त चिकित्सालय, लखनऊ में तैनात जनरल सर्जन डॉ. आशीष कुमार सिंह एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, पयागपुर (बहराइच) में तैनात दंत शल्यक डॉ. पूनम पाल की सेवाएं समाप्त करने के निर्देश दिए हैं. डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि ड्यूटी में लापरवाही बरतने पर किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा. वहीं, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मुण्डेर (अम्बेडकर नगर) में तैनात प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ. प्रशांत कुमार सिंह को भी निलंबित कर दिया गया है.

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उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक (Photo Credit- ETV Bharat)

सीएमओ उन्नाव पर विभागीय अनुशासनिक कार्रवाई के निर्देश:
अपने कर्तव्य के प्रति लापरवाही बरतने, उच्च स्तर रपर भ्रमित सूचना देने एवं उच्चाधिकारियों के निर्देशों का पालन न करने पर सीएमओ उन्नाव डॉ. सत्यप्रकाश एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, सफीपुर (उन्नाव) के अधीक्षक डॉ. राजेश कुमार वर्मा के विरुद्ध विभागीय अनुशासनिक कार्रवाई के निर्देश जारी किए गए हैं. डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि लापरवाही कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी. शासन एवं उच्च स्तर से मिले निर्देशों पर अगर अमल नहीं किया गया, तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
वाराणसी प्रकरण की जांच के निर्देश: वाराणसी जिला अस्पताल में स्टाफ नर्स एवं कर्मचारियों द्वारा चिकित्सालय की गरिमा धूमिल करने संबंधी वायरल वीडियो का संज्ञान डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने लिया है. मुख्य चिकित्सा अधिकारी, वाराणसी को उक्त प्रकरण की जांचकर कार्यवाही करते हुए एक सप्ताह में रिपोर्ट प्रेषित करने के निर्देश दिए गए हैं. डिप्टी सीएम ने कहा कि अस्पताल आरोग्यता का मन्दिर हैं, इसमें केवल मरीज रूपी ईश्वर की सेवा की जानी चाहिए, इसकी गरिमा को धूमिल करने वाले दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही की जाएगी.
लेबर रूम एवं ओटी में मोबाइल-कैमरा निषेध: सीतापुर के हरगांव सीएचसी के लेबर रूम एवं ओटी कक्ष के वायरल वीडियो का संज्ञान लेते हुए उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने लेबर रूम में मोबाइल एवं कैमरे को पूरी तरह से प्रतिबंधित किए जाने के निर्देश प्रमुख सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य को दिए हैं. उन्होंने कहा कि लेबर रूम में चिकित्सक के अतिरिक्त अन्य किसी भी पुरुष कर्मचारी, चाहे वो कोई ट्रेनी हो या कोई अन्य कर्मचारी, उसका प्रवेश पूरी तरह से निषेध रहेगा. साथ ही लेबर रूम में मरीज की निजता का पूरा ख्याल रखा जाए. मानकों के अनुरूप साफ-सफाई की जाए.

ये भी पढ़ें- काशी हिन्दू विश्वविद्यालय इस बार छात्र-छात्राओं को देगा हाईटेक डिग्रियां, नहीं हो सकेगी जालसाजी

Last Updated : Nov 15, 2024, 4:48 PM IST
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