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महिला को डिजिटल अरेस्ट कर ठगे थे 3 करोड़ 55 लाख रुपये, 2 CA समेत 8 साइबर ठग गिरफ्तार - 2 chartered accountants arrested - 2 CHARTERED ACCOUNTANTS ARRESTED

साइबर ठगों ने गिरफ्तारी का डर दिखाकर महिला के 3 करोड़ 55 लाख रुपए (8 CYBER THUGS ARRESTED IN VARANASI) अपने खाते में ट्रांसफर करा लिए थे. पुलिस ने 2 चार्टर्ड अकाउंटेंट समेत 8 लोगों को गिरफ्तार किया है. इस मामले पूर्व में 6 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया जा चुका है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Apr 8, 2024, 9:09 PM IST

3 करोड़ 55 लाख की बड़ी साइबर ठगी का खुलासा

वाराणसी : जिले में पिछले दिनों एक शिक्षिका से 3 करोड़ 55 लाख रुपये की साइबर ठगी का एक बड़ा मामला सामने आया था. इस मामले में फर्जी पुलिस व ट्राई अधिकारी बनकर धोखाधड़ी करने वाले 8 शातिर अभियुक्तों को सरगना सहित गिरफ्तार करने में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. पुलिस ने इनके पास से 5 मोबाइल, चेक, एटीएम कार्ड सहित मुकदमे में संबन्धित 3 लाख 70 हजार रुपये नगद बरामद किए हैं. इस गिरोह में 2 चार्टर्ड अकाउंटेंट भी हैं. ये चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) ब्लैक मनी को व्हाइट करने का काम करते थे.

डीसीपी अपराध चंद्रकांत मीना ने बताया कि पूछताछ में अभियुक्तों ने अपना नाम महेन्द्र सिंह सोलंकी, टीटू कश्यप, सुशील कुमार यादव, आकाश गुप्ता, साहिल कटारिया, तरूण सेहरावत, सुनील विश्नोई व मयंक भगेरिया बताया है. ये दिल्ली व हरियाणा के रहने वाले हैं. उन्होंने बताया कि इन सभी के आपराधिक इतिहास को खंगाला जा रहा है. इन लोगों के पास से 3 लाख 70 हजार रुपये की रिकवरी हुई है. यह लोग बाहर के सिम कार्ड इस्तेमाल कर व्हाट्सएप कॉलिग करते थे.



यह था मामला : दरअसल, सिगरा थाना क्षेत्र की रहने वाली शम्पा रक्षित ने पुलिस को बताया था कि 8 मार्च को उनके मोबाइल पर अनजान नंबर से कॉल आया था कि वह टेलीकॉम रेगुलेटरी अथाॅरिटी से बोल रहा है और 2 घंटे में उनका फोन बंद हो जाएगा. अभी आपके पास पुलिस का फोन आएगा. इसके तुरंत बाद फोन आया, उसने खुद को विनय चौबे, विले पार्ले पुलिस स्टेशन महाराष्ट्र का बताया. कहा कि आपने घाटकोपर से यह मोबाइल नंबर लिया है और इससे आप अवैध काम कर रही हैं. मैंने उनसे कहा कि यह मोबाइल नंबर मेरा नहीं है, तो उस पर उन्होंने बताया कि आपके खिलाफ अरेस्ट वारंट है, आपको विले पार्ले पुलिस स्टेशन आना पड़ेगा.

यह भी पढ़ें : यूपी की बड़ी साइबर ठगी का खुलासा; ICICI बैंक का रीजनल हेड और HDFC का कैशियर मास्टरमाइंड, 6 गिरफ्तार

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उन्होंने बताया कि जिसके बाद उसने अपने सीनियर से बात करने को बोला. फोन करने वाले ने मुझसे SKYPE APP डाउनलोड करवाया. इसके बाद उनके सीनियर से मेरी बात होने लगी. बातचीत में मुझे घर के अंदर रहने और किसी को इस मामले को नहीं बताने के लिए कहा गया और मुझसे परिवार का पूरा विवरण लिया गया. इसके बाद आरोपियों ने मेरे खाते की पूरी डिटेल ले ली. इसके बाद मुझे गिरफ्तारी का डर दिखाते हुए मेरे खातों में आए पैसों की जांच करने के लिए RBI के खाते में डालने को कहा गया. आश्वासन दिया गया कि जांच के बाद मेरे पैसे वापस आ जाएंगे और आप अरेस्ट नहीं होंगी. पीड़िता ने बताया कि आरोपियों ने मेरे खाते से 3 करोड़ 55 लाख रुपए दूसरे खाते में ट्रांसफर करा लिए.

यह भी पढ़ें : नकली नोट दिखाकर लोगोंं से करोड़ों की से ठगी करने वाले गिरोह का भंडाभोड़, पांच गिरफ्तार - Bengaluru Police

यह भी पढ़ें : छात्र ने खुद के अपहरण की रची साजिश; ऑनलाइन गेमिंग में 1.80 लाख हारने के बाद बनाया प्लान, दो दोस्तों के साथ गिरफ्तार - Student Kidnapping Case

3 करोड़ 55 लाख की बड़ी साइबर ठगी का खुलासा

वाराणसी : जिले में पिछले दिनों एक शिक्षिका से 3 करोड़ 55 लाख रुपये की साइबर ठगी का एक बड़ा मामला सामने आया था. इस मामले में फर्जी पुलिस व ट्राई अधिकारी बनकर धोखाधड़ी करने वाले 8 शातिर अभियुक्तों को सरगना सहित गिरफ्तार करने में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. पुलिस ने इनके पास से 5 मोबाइल, चेक, एटीएम कार्ड सहित मुकदमे में संबन्धित 3 लाख 70 हजार रुपये नगद बरामद किए हैं. इस गिरोह में 2 चार्टर्ड अकाउंटेंट भी हैं. ये चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) ब्लैक मनी को व्हाइट करने का काम करते थे.

डीसीपी अपराध चंद्रकांत मीना ने बताया कि पूछताछ में अभियुक्तों ने अपना नाम महेन्द्र सिंह सोलंकी, टीटू कश्यप, सुशील कुमार यादव, आकाश गुप्ता, साहिल कटारिया, तरूण सेहरावत, सुनील विश्नोई व मयंक भगेरिया बताया है. ये दिल्ली व हरियाणा के रहने वाले हैं. उन्होंने बताया कि इन सभी के आपराधिक इतिहास को खंगाला जा रहा है. इन लोगों के पास से 3 लाख 70 हजार रुपये की रिकवरी हुई है. यह लोग बाहर के सिम कार्ड इस्तेमाल कर व्हाट्सएप कॉलिग करते थे.



यह था मामला : दरअसल, सिगरा थाना क्षेत्र की रहने वाली शम्पा रक्षित ने पुलिस को बताया था कि 8 मार्च को उनके मोबाइल पर अनजान नंबर से कॉल आया था कि वह टेलीकॉम रेगुलेटरी अथाॅरिटी से बोल रहा है और 2 घंटे में उनका फोन बंद हो जाएगा. अभी आपके पास पुलिस का फोन आएगा. इसके तुरंत बाद फोन आया, उसने खुद को विनय चौबे, विले पार्ले पुलिस स्टेशन महाराष्ट्र का बताया. कहा कि आपने घाटकोपर से यह मोबाइल नंबर लिया है और इससे आप अवैध काम कर रही हैं. मैंने उनसे कहा कि यह मोबाइल नंबर मेरा नहीं है, तो उस पर उन्होंने बताया कि आपके खिलाफ अरेस्ट वारंट है, आपको विले पार्ले पुलिस स्टेशन आना पड़ेगा.

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