रांची: झारखंड उच्च न्यायालय ने राज्य में स्थापित निजी कंपनियों में 40 हजार रुपये मासिक वाली नौकरियों में 75% आरक्षण स्थानीयों को देने की बात कही थी, इस पर हाईकोर्ट ने रोक लगाते हुए सरकार से जवाब दाखिल करने को कहा है. उच्च न्यायालय के इस फैसले पर आज विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान बयानबाजी होती दिखी.
झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक समीर मोहंती ने इसके पीछे भाजपा का हाथ होने की बात कही है, वहीं कांग्रेस ने कहा कि इस मुद्दे पर सरकार बेहद गंभीर है और आगे का रास्ता बंद नहीं हुआ है. इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा विधायक चंपाई सोरेन ने कहा कि उच्च न्यायालय ने सरकार से जवाब मांगा है, इस पर देखते हैं कि सरकार की ओर से क्या जवाब दिया जाता है.
बीजेपी के इशारे पर हाई कोर्ट में केस दर्ज होता है- समीर मोहंती
झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक समीर मोहंती ने कहा कि आखिर सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को रोकने के लिए उच्च न्यायालय जाता कौन है. समीर मोहंती ने कहा कि भाजपा के कार्यकर्ता ही केस करवा रहे हैं ताकि योजनाओं को लागू करने में बाधा उत्पन्न हो. समीर मोहंती ने कहा कि हमारी सरकार स्थानीय को निजी सेक्टर में भी 75% आरक्षण को लेकर संवेदनशील है.
निजी क्षेत्र में 75% आरक्षण हमारी सरकार के लिए मुख्य एजेंडाः राजेश कच्छप
झारखंड सरकार द्वारा निजी कंपनियों में स्थानीयों को 75% आरक्षण देने की बात पर कांग्रेस के विधायक राजेश कच्छप ने कहा कि यह सरकार का मुख्य एजेंडा है. उन्होंने कहा कि राज्य के ब्यूरोक्रेट्स की स्थिति ठीक नहीं है और मीडिया को भी सरकार का साथ देना चाहिए. कांग्रेस विधायक ने कहा कि जो झारखंड के रहने वाले हैं, यहां के वोटर हैं और हमें वोट देते हैं, हमारी प्राथमिकताएं उन्हीं के लिये हैं. राजेश कच्छप ने कहा कि निजी क्षेत्र में तृतीय और चतुर्थ श्रेणी की नौकरी में 75% आरक्षण स्थानीय को मिले यह हमारी प्राथमिकता है और इसी पर हम आगे बढ़ेंगे.
सरकार अपने जवाब में क्या कहती है, यह देखना होगाः चंपाई सोरेन
वहीं भाजपा के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने कहा कि अब जब उच्च न्यायालय ने सरकार से जवाब मांगा है तो देखना होगा कि वह कोर्ट में क्या जवाब देते हैं.
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