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Rajasthan: 12 विश्वविद्यालयों की 700 संदिग्ध डिग्री, मार्कशीट और माइग्रेशन प्रमाण पत्र जब्त, तीन गिरफ्तार, एसआईटी करेगी मामले की जांच - 700 PLUS SUSPICIOUS DEGREES SEIZED

जयपुर के प्रतापनगर में पुलिस ने 12 विश्वविद्यालयों की 700 से ज्यादा संदिग्ध डिग्री, मार्कशीट और माइग्रेशन सर्टिफिकेट जब्कर कर तीन को पकड़ा है.

700 Plus Suspicious Degrees Seized
12 विश्वविद्यालयों की 700 संदिग्ध डिग्री जब्त (ETV Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Oct 17, 2024, 8:08 PM IST

जयपुर: पुलिस ने जयपुर के प्रताप नगर इलाके में दो जगह छापेमारी कर 12 विश्वविद्यालयों की 700 से ज्यादा संदिग्ध डिग्री, मार्कशीट और माइग्रेशन सर्टिफिकेट जब्त किए हैं. संदिग्ध अंकतालिका और डिग्री के फर्जी होने के शक में पुलिस ने तीन आरोपियों को भी गिरफ्तार किया है. अब इस पूरे मामले की जांच के लिए एक एसआईटी का गठन किया गया है. जो संबंधित विश्वविद्यालयों का रिकॉर्ड खंगालकर मामले की तह तक जाएगी.

संदिग्ध डिग्री के मामले में गठित की एसआईटी (ETV Bharat Jaipur)

जयपुर (पूर्व) डीसीपी तेजस्विनी गौतम ने आज प्रेस कांफ्रेंस कर पूरे मामले का खुलासा किया है. उन्होंने बताया प्रताप नगर के सेक्टर-8 में यूनिक एजुकेशन कंसल्टेंसी और एसएसआईटी सेंटर पर छापेमारी की. तलाशी के दौरान दोनों जगह से 12 विश्वविद्यालयों की 750 से ज्यादा संदिग्ध डिग्रियां, अंकतालिका और माइग्रेशन सर्टिफिकेट जब्त किए हैं. इसके साथ ही बड़े पैमाने पर डिजिटल उपकरण भी जब्त किए गए हैं. उन्होंने बताया कि इतनी बड़ी संख्या में संदिग्ध डिग्री, अंकतालिका और माइग्रेशन सर्टिफिकेट को लेकर कोई संतोषप्रद जवाब नहीं मिलने पर बिहार के अनिशाबाद हाल किराएदार सेक्टर-8, प्रताप नगर निवासी विकास मिश्रा, वाटिका (सांगानेर) निवासी सत्यनारायण शर्मा और बहरोड़ निवासी विकास मिश्रा को गिरफ्तार किया गया है. जिनसे गहनता से पूछताछ और अनुसंधान जारी है.

पढ़ें: फर्जी डिग्री से नौकरी हथियाने का खेल, इस यूनिवर्सिटी ने 9 साल में बांटी 1300 फेक डिग्रियां - SOG Action In Fake Degree

इन यूनिवर्सिटी के मिले संदिग्ध दस्तावेज: जयपुर नेशनल यूनिवर्सिटी, सुरेश ज्ञानविहार यूनिवर्सिटी, यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नॉलोजी, वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय की फर्जी डिग्री, अंकतालिका और माइग्रेशन सर्टिफिकेट मिले हैं. इसके साथ ही बिहार मुक्त विद्यालयी शिक्षण एवं परीक्षा बोर्ड, स्वामी विकेकानंद सुभारती यूनिवर्सिटी, मोनाद यूनिवर्सिटी, खुशालदास यूनिवर्सिटी, आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय, पटना, वाईबीएन यूनिवर्सिटी, रांची, बिहार विद्यालय परीक्षा समिति, पटना, राजीव गांधी प्रौद्योगिकी प्रशिक्षण संस्थान, माध्यमिक शिक्षा परिषद, उत्तर प्रदेश, राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान, चौधरी चरण सिंह विद्यालय, मेरठ, अर्नी विश्ववद्यालय, तेलंगाना माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, हैदराबाद, मंगलम आईटी एजुकेशन, मणिपाल एकेडमी ऑफ हायर एजुकेशन के संदिग्ध डिग्री-डिप्लोमा, अंकतालिका और माइग्रेशन सर्टिफिकेट मिले हैं.

पढ़ें: मेवाड़ यूनिवर्सिटी से फर्जी डिग्री बनवाने में मदद करने के आरोप में एसओजी ने लाइब्रेरियन को किया गिरफ्तार - fake degree case

फर्जी किरायानामा और खाली शपथ पत्र भी मिले: आरोपियों के ठिकानों से 29 फर्जी किरायानामा, 12 चेकबुक, 97 शपथ पत्र, 14 बैंक पास बुक, 13 डेबिट-क्रेडिट कार्ड, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग के 9 आईडी कार्ड, 7 मोबाइल, एक पेटीएम मशीन, दो डीवीआर, एक पावर सप्लाई केस, एक कैमरा (डिजिटल जूम मेगा पिक्सल), एक राउटर, एक-एक सीपीयू व मॉनिटर, दो लैपटॉप, दो पैन ड्राइव और एक प्रिंटर भी जब्त किया गया है.

जयपुर: पुलिस ने जयपुर के प्रताप नगर इलाके में दो जगह छापेमारी कर 12 विश्वविद्यालयों की 700 से ज्यादा संदिग्ध डिग्री, मार्कशीट और माइग्रेशन सर्टिफिकेट जब्त किए हैं. संदिग्ध अंकतालिका और डिग्री के फर्जी होने के शक में पुलिस ने तीन आरोपियों को भी गिरफ्तार किया है. अब इस पूरे मामले की जांच के लिए एक एसआईटी का गठन किया गया है. जो संबंधित विश्वविद्यालयों का रिकॉर्ड खंगालकर मामले की तह तक जाएगी.

संदिग्ध डिग्री के मामले में गठित की एसआईटी (ETV Bharat Jaipur)

जयपुर (पूर्व) डीसीपी तेजस्विनी गौतम ने आज प्रेस कांफ्रेंस कर पूरे मामले का खुलासा किया है. उन्होंने बताया प्रताप नगर के सेक्टर-8 में यूनिक एजुकेशन कंसल्टेंसी और एसएसआईटी सेंटर पर छापेमारी की. तलाशी के दौरान दोनों जगह से 12 विश्वविद्यालयों की 750 से ज्यादा संदिग्ध डिग्रियां, अंकतालिका और माइग्रेशन सर्टिफिकेट जब्त किए हैं. इसके साथ ही बड़े पैमाने पर डिजिटल उपकरण भी जब्त किए गए हैं. उन्होंने बताया कि इतनी बड़ी संख्या में संदिग्ध डिग्री, अंकतालिका और माइग्रेशन सर्टिफिकेट को लेकर कोई संतोषप्रद जवाब नहीं मिलने पर बिहार के अनिशाबाद हाल किराएदार सेक्टर-8, प्रताप नगर निवासी विकास मिश्रा, वाटिका (सांगानेर) निवासी सत्यनारायण शर्मा और बहरोड़ निवासी विकास मिश्रा को गिरफ्तार किया गया है. जिनसे गहनता से पूछताछ और अनुसंधान जारी है.

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इन यूनिवर्सिटी के मिले संदिग्ध दस्तावेज: जयपुर नेशनल यूनिवर्सिटी, सुरेश ज्ञानविहार यूनिवर्सिटी, यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नॉलोजी, वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय की फर्जी डिग्री, अंकतालिका और माइग्रेशन सर्टिफिकेट मिले हैं. इसके साथ ही बिहार मुक्त विद्यालयी शिक्षण एवं परीक्षा बोर्ड, स्वामी विकेकानंद सुभारती यूनिवर्सिटी, मोनाद यूनिवर्सिटी, खुशालदास यूनिवर्सिटी, आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय, पटना, वाईबीएन यूनिवर्सिटी, रांची, बिहार विद्यालय परीक्षा समिति, पटना, राजीव गांधी प्रौद्योगिकी प्रशिक्षण संस्थान, माध्यमिक शिक्षा परिषद, उत्तर प्रदेश, राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान, चौधरी चरण सिंह विद्यालय, मेरठ, अर्नी विश्ववद्यालय, तेलंगाना माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, हैदराबाद, मंगलम आईटी एजुकेशन, मणिपाल एकेडमी ऑफ हायर एजुकेशन के संदिग्ध डिग्री-डिप्लोमा, अंकतालिका और माइग्रेशन सर्टिफिकेट मिले हैं.

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फर्जी किरायानामा और खाली शपथ पत्र भी मिले: आरोपियों के ठिकानों से 29 फर्जी किरायानामा, 12 चेकबुक, 97 शपथ पत्र, 14 बैंक पास बुक, 13 डेबिट-क्रेडिट कार्ड, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग के 9 आईडी कार्ड, 7 मोबाइल, एक पेटीएम मशीन, दो डीवीआर, एक पावर सप्लाई केस, एक कैमरा (डिजिटल जूम मेगा पिक्सल), एक राउटर, एक-एक सीपीयू व मॉनिटर, दो लैपटॉप, दो पैन ड्राइव और एक प्रिंटर भी जब्त किया गया है.

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