भरतपुर. मानसून से पहले केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में पहला प्रवासी कदम रखने वाले ओपन बिल स्टॉर्क डेढ़ माह बाद ही अब घना से पलायन कर गए हैं. घना में पर्याप्त भोजन उपलब्ध नहीं होने की वजह से करीब 125 ओपन बिल स्टॉर्क अपना नेस्ट छोड़कर घना के बाहर के जंगल में नया ठिकाना खोज रहे हैं. घना में पांचना बांध जैसे प्राकृतिक स्रोत का पानी उपलब्ध नहीं होने की वजह से इन पक्षियों ने पलायन किया है. अगर जल्द ही घना को पांचना बांध का पानी नहीं मिला तो अन्य प्रवासी पक्षियों की बेरुखी की भी आशंका बनी हुई है.
वहीं, जिम्मेदारों का कहना है कि इस बार अच्छी बरसात होने की वजह से पांचना बांध से पानी मिलने की उम्मीद बंधी हुई है. साथ ही राज्य सरकार स्तर पर भी इस संबंध में लगातार बात चल रही है. असल में केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में जून के प्रथम सप्ताह में करीब 150 ओपन बिल स्टॉर्क ने डेरा डाला था. इन्होंने उद्यान के बी और डी ब्लॉक में नेस्टिंग की थी.
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करीब डेढ़ माह तक ये पक्षी यहीं पेड़ों पर नेस्ट बनाकर जमे थे. करीब 30 ओपन बिल ने अंडे भी दे दिए, लेकिन अब बीते करीब तीन-चार दिन में ही दिनों ब्लॉक से करीब 125 ओपन बिल स्टॉर्क नेस्ट छोड़कर पलायन कर गए. घना से पलायन कर के ये पक्षी अब घना के बाहर मलाह के जंगल में नया ठिकाना बना रहे हैं.
इसलिए कर गए पलायन : पर्यावरणविद भोलू अबरार खान ने बताया कि ओपन बिल स्टॉर्क को घोंघा, स्नेल आदि बहुत पसंद है, लेकिन इस बार घना में पानी तो उपलब्ध हो गया पर उसमें ओपन बिल स्टॉर्क का पसंदीदा भोजन उपलब्ध नहीं है. इसी वजह से ये घना से उड़कर बाहर के जंगल का रुख कर गए हैं.
इस संबंध में घना के निदेशक मानस सिंह का कहना है कि घना के पानी में स्नेल, फिश के सीड, घोंघा आदि कम उपलब्ध हैं. जिसकी वजह से घना से ओपन बिल स्टॉर्क उड़कर आसपास के जंगलों में चले गए हैं. अभी घना में 30-40 ओपन बिल स्टॉर्क रुके हुए हैं. ऐसा पहली बार नहीं हुआ है. भोजन की कमी की वजह से हर साल काफी ओपन बिल स्टॉर्क बाहर के जंगल का रुख कर लेते हैं.
पांचना बांध का पानी मिलने की संभावना : निदेशक मानस सिंह ने बताया कि इस बार अच्छी बरसात हुई है. करौली के पांचना बंध में पानी 256 मीटर तक पहुंच गया है. बांध में पानी 258 मीटर तक पहुंचते ही घना के लिए छोड़ दिया जाएगा. इसलिए इस बार घना को बांध का पानी मिलने की पूरी संभावना बनी हुई है. हम लगातार करौली प्रशासन के संपर्क में हैं. निदेशक मानस सिंह ने बताया कि पांचना बांध से नियमित पानी के लिए राज्य सरकार स्तर पर भी प्रयास चल रहा है. यह मुद्दा मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के भी ध्यान में है.