मसूरीः उत्तराखंड में मसूरी में भारत-तिब्बत सीमा पुलिस अकादमी ने 24 अक्टूबर 2024 को बल का 63वां स्थापना दिवस पूर्ण सैन्य रीति एवं हर्षोल्लास से मनाया. इस मौके पर सबसे पहले शहीदों के सम्मान में भारत-तिब्बत सीमा पुलिस अकादमी के महानिरीक्षक/निदेशक पीएस डंगवाल ने अन्य अधिकारियों के साथ शहीद स्मारक पर माल्यार्पण किया.
अकादमी परेड ग्राउंड में धवल शिखर जोशी, सहायक सेनानी/जीडी की कमान में आकर्षक वेशभूषा में सुसज्जित एक सैन्य दस्ते द्वारा आईटीबीपी के ध्वज को सलामी देकर जवानों ने बल की आन बान और शान की रक्षा के प्रति संकल्प लिया. इस मौके पर पीएस डंगवाल ने परेड की सलामी ली गई. अपने संबोधन में देश को अभेद्य सुरक्षा प्रदान करने वाले इस बल की भूमिका व शानदार उपलब्धियों को गिनाते हुए जवानों को अपनी ड्यूटी पूर्ण निष्ठा व समर्पण से निभाने के लिए प्रेरित किया.
उन्होंने बताया कि इस बल द्वारा मात्र 4 बटालियनों के साथ देश की उत्तरी सीमाओं की रक्षा का कार्यभार ग्रहण किया गया था, जो वर्तमान में बढ़कर 62 हो गई है. यह बल 1962 से लद्दाख से लेकर अरुणाचल प्रदेश के लिपुलेक तक फैली देश की विशाल सीमा को सुरक्षा प्रदान कर रहा है. आईटीबीपी के जवान माइनस 45 डिग्री सेल्सियस तापमान में अग्रिम चौकियों पर तैनात रहकर अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे हैं.
सीमा प्रबंधन के अलावा इस बल को कश्मीर में आतंकवाद एवं छत्तीसगढ़ जैसे नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में आंतरिक सुरक्षा, विशिष्ट एवं अति विशिष्ट व्यक्तियों की सुरक्षा तथा संयुक्त राष्ट्र शांति सेना में देश का प्रतिनिधित्व करने का भी गौरव प्राप्त है. इस बल ने मार्शल आर्ट, पर्वतारोहण, राफ्टिंग एवं स्कीइंग जैसे साहसिक खेलों में भी कई राष्ट्रीय और अंतरर्राष्ट्रीय कीर्तिमान स्थापित किए हैं. प्रतियोगिताओं में विजताओं को निदेशक अकादमी द्वारा पुरुस्कृत भी किया गया.
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